- बीआरडी मेडिकल कालेज में शुरू हुई कंधे व घुटने के लिगामेंट की रिपेयरिंग

- ऑर्थो डिपार्टमेंट में आर्थोस्कोपी शुरू, बनी स्पो‌र्ट्स इंजरी की अलग यूनिट

- खिलाडि़यों को मिलेगी राहत, दोबारा खेलने की स्थिति होंगे प्लेयर्स

GORAKHPUR: गोरखपुर में खिलाडि़यों को अब वह सुविधा मिलेगी, जिसके लिए उन्हें लखनऊ, दिल्ली और मुंबई जैसे शहर जाना पड़ता था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आर्थोस्कोपी शुरू हो जाने के बाद इस सुविधा का लोगों को फायदा मिलने लगा है। इतना ही नहीं स्पो‌र्ट्स इंजरी की एक अलग यूनिट भी बना दी गई है, जिससे खेल के दौरान खिलाडि़यों को होने वाली इंजरी से तत्काल रिलीफ मिल सके। इसकी जिम्मेदारी आर्थोपेडिक सर्जन डॉ। अमित कुमार मिश्रा को सौंपी गई है। अब घुटने व कंधे के लिगामेंट खराब होने की समस्या से जूझ रहे खिलाडि़यों को बड़ी राहत मिलेगी। सामान्य मरीजों को भी इंजरी के दौरान वहां सर्विस मिलेगी।

15 खिलाडि़यों का हो चुका है ऑपरेशन

बीआरडी में आर्थोपेडिक की जनरल सर्जरी के अलावा अब तीन अलग-अलग यूनिट बन गई हैं। जोड़ प्रत्यारोपण और शिशु व नवजातों के हड्डी रोग के लिए अलग-अलग यूनिट पहले से चल रही है। इसके इंचार्ज डॉ। पवन प्रधान व डॉ। अशोक हैं। हर सप्ताह दो-तीन मरीजों के घुटने व कूल्हे का प्रत्यारोपण व दो-तीन शिशुओं या नवजातों के दिव्यांगता का निवारण हो रहा है। स्पो‌र्ट्स इंजरी के लिए तीसरी यूनिट बनाई गई है। इसमें अब तक 15 खिलाडि़यों के घुटने व कंधे के लिगामेंट रिपेयर किए जा चुके हैं। आमतौर पर मोटरसाइिकल से गिरने, एक्सरे में फ्रैक्चर न आने, फिर भी दर्द है तो एमआरआई कराने पर इसकी जानकारी हो पाती है। उसकी मरम्मत आर्थोस्कोपी से होती है।

क्या है लिगामेंट

लिगामेंट दो हड्डियों को जोड़ता है। यह एक मांसपेसी होती है जो न तो कठोर होती है और न ही तरल। सेमी सालिड जैसी होती है। खेलने या गिरने के दौरान इसमें दिक्कत आ जाती तो जोड़ों में दर्द बना रहता है।

मरीजों को जाना पड़ता था लखनऊ

आर्थोस्कोपी की सुविधा पहले बीआरडी में नहीं थी, मरीजों को लखनऊ या दिल्ली जाकर इलाज कराना पड़ता था। बहुत से खिलाड़ी जो बाहर जाकर इलाज करा पाने में असमर्थ थे, उनका खेल हमेशा के लिए छूट जाता था। इस सुविधा के शुरू हो जाने से अब यहां के खिलाडि़यों के लिगामेंट की आसानी से मरम्मत हो सकेगी।

घुटने व कूल्हे का प्रत्यारोपण पहले से चल रहा है। अब स्पो‌र्ट्स इंजरी यूनिट शुरू कर दी गई है। इससे खिलाडि़यों के लिगामेंट की मरम्मत यहां हो रही है। साथ ही बच्चों के दिव्यांगता निवारण का भी काम चल रहा है। इसकी अलग यूनिट बनाई गई है।

- डॉ। पवन प्रधान, एचओडी, आर्थोपेडिक विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

स्पो‌र्ट्स इंजरी यूनिट खुल जाने से खिलाडि़यों को बड़ी राहत मिली है। अब तक 15 खिलाडि़यों के लिगामेंट की आर्थोस्कोपी से मरम्मत हो चुकी है। वे फिर से खेलने की स्थिति में आ गए हैं। अब किसी खिलाड़ी को लखनऊ या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है।

- डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कालेज