-अज्ञात युवतियों और महिलाओं को नहीं मिलता इंसाफ

-डेड बॉडी की शिनाख्त न होने से पुलिस ठप कर देती जांच

GORAKHPUR: जिले में हत्या कर फेंकी गई महिलाओं और युवतियों को इंसाफ नहीं मिल पाता है। पहचान के अभाव में कुछ दिनों की जांच के बाद पुलिस फाइल क्लोज कर देती है। शुक्रवार सुबह खोराबार के कुसम्ही जंगल में महिला की डेडबॉडी मिलने के बाद पुलिस तेजी से जांच में जुटी है। लेकिन 48 घंटे बाद भी पुलिस को ऐसा कोई क्लू नहीं मिल सका, जिससे महिला की पहचान हो सके। इस तरह एक दर्जन से अधिक मामले पेडिंग पड़े हैं, जिनमें सबूतों के अभाव में फाइलों पर धूल जमती जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दूर-दराज से लाकर फेंकी जाने वाली डेडबॉडी के मामलों में कार्रवाई कठिन है। पहचान के अभाव में तफ्तीश की रफ्तार नहीं बढ़ पाती है।

दो पटरियों के बीच मिली थी डेड बॉडी

खोराबार, कुसम्ही जंगल के बीच से डबल रेलवे लाइन गुजरती है। शुक्रवार सुबह जंगल गए लोगों ने रेलवे ट्रैक के बीच एक युवती की डेडबॉडी देखी। युवती के बदन पर गंभीर चोट के निशान थे। गले पर रेतने का निशान देखकर लोगों ने शोर मचाया। कपड़े अस्त-व्यस्त होने से लोग तरह-तरह की आशंका जता रहे थे। करीब 30 साल की महिला की मांग में सिंदूर था। बदन पर गुलाबी स्वेटर, लैगी और ब्लैक कुर्ती थी। देखने में महिला किसी ठीक-ठाक परिवार की लग रही थी। डेडबॉडी मिलने के बाद पुलिस ने मंडलभर के सभी जिलों में युवती की फोटो व्हाट्सअप से भेजकर पहचान का प्रयास किया। शनिवार को आसपास के इलाके के लोगों को थाने पर बुलाकर पहचान की कोशिश की गई। लेकिन देर शाम तक उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

72 घंटे में पोस्टमार्टम, इसके बाद मामला खत्म

अज्ञात डेडबॉडी मिलने पर कम से कम 72 घंटे तक उसे सुरक्षित रखने का नियम है। महिला की डेडबॉडी को पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस की मर्चरी में रखवा दिया है। सोमवार को युवती का पोस्टमार्टम कराकर पुलिस अंतिम संस्कार करा देगी। हत्या की जांच के लिए जरूरी फारेसिंक सैंपल कलेक्ट कर रख लिया जाएगा। इस बीच यदि किसी ने उसकी पहचान कर ली तो मामले की तह तक जाने में पुलिस को आसानी होगी। विलंब होने पर धीरे-धीरे पुलिस भी मामला भूल जाएगी।

पहचान के अभाव में नहीं िमला इंसाफ

09 फरवरी 2018: खोराबार एरिया में रेलवे ट्रैक के बीच महिला की हत्या कर करके फेंकी डेडबॉडी मिली।

20 मई 2016: गुलरिहा एरिया के टिकरिया जंगल में युवती की लाश मिली। उसके चेहरे को जलाने का प्रयास किया था।

16 मई 2016: चौरीचौरा एरिया के तरकुलहा मंदिर में युवती की हत्या करके फेंकी डेडबॉडी मिली, चाकुओं से गला रेता गया था।

31 दिसंबर 2015: खोराबार एरिया के बहरामपुर में फोरलेन हाइवे किनारे युवती की हत्या कर फेंकी गई डेडबॉडी मिली। निर्ममता से उसे मारा गया था।

10 अगस्त 2015: खोराबार एरिया के कुसम्ही जंगल में हत्या करके फेंकी गई महिला की डेडबॉडी मिली। उसके कपड़े काफी अस्त-व्यस्त थे।

23 अप्रैल 2015: चौरीचौरा एक्सप्रेस के जनरल बोगी में लावारिस पड़े बैग में सिर कटी युवती की लाश मिली। बेरहमी से कत्ल करके उसे बोरे में पैक कर दिया गया था।

09 मई 2014: रेलवे बस स्टेशन पर लावारिस हाल रखे बॉक्स में हत्या करके पैक की युवती की डेड बॉडी मिलने से सनसनी, कार्रवाई शून्य रही।

इन जगहों पर मिलती है डेड बॉडी

बड़हलगंज एरिया में गोरखपुर वाराणसी हाइवे के तरैना नाला

गुलरिहा एरिया में बांसथान चिलुआताल और टिकरियां जंगल

खोराबार एरिया में कुसम्ही जंगल और फोरलेन के किनारे

सहजनवां एरिया में कसरवल और चोरमा बंधा पर मिली है डेडबॉडी

पीपीगंज एरिया में रावतपुर के पास हाइवे किनारे

चिलुआताल एरिया में चिऊटहा पुल, मानीराम-कुदरिया बांध

चौरीचौरा एरिया में तरकुलहा मेला मंदिर के आसपास

किस तरह की होती हैं पीडि़त

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि युवतियों और महिलाओं की लावारिस हाल डेडबॉडी ज्यादा मिलती है। इनमें ज्यादातर से पीछा छुड़ाने की गरज से उनका मर्डर किया जाता है। इसलिए बहला-फुसलाकर उनको दूर दराज के इलाके में ले जाकर हत्यारे मार डालते हैं। कई बार फोर व्हीलर और अन्य वाहनों में मर्डर के बाद लाश फेंककर आसानी से बदमाश फरार हो जाते हैं। घर से प्रेमी संग भागने, आनर किलिंग और नाजायज रिश्तों के फेर में इस तरह के मर्डर ज्यादा हाेते हैं।

वर्जन

कुसम्ही जंगल में मिली डेडबॉडी की पहचान नहीं हो सकी है। आसपास इलाके के लोगों को बुलाया गया था। लेकिन कोई भी उसे पहचान नहीं पा रहा है। गुमशुदगी के मामलों की भी पड़ताल की गई है।

सुधीर सिंह, एसओ खोराबार