गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं गाडिय़ों को री-शेड्यूल भी किया गया है। ट्रेनों के कैंसिलेशन और डायवर्जन से रूटीन पैसेंजर्स को गुरुवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इतनी संख्या में ट्रेनों के कैंसिलेशन से करीब 10 हजार कुछ को अपना यात्रा का शेड्यूल बदलना पड़ा तो कुछ को दूसरी ट्रेन का सहारा लेना पड़ा। इससे करीब 10 हजार यात्रियों की यात्रा फंस गई। कइयों को अपनी यात्रा की तारीख बदलनी पड़ी तो कइयों ने दूसरी ट्रेनों का सहारा लिया। जो यात्री स्टेशन पहुंच गए थे उनका टिकट कैंसिल कराने के लिए पसीना छूट गया। जबकि कुछ पैसेंजर्स ने बसों का सहारा लिया।

हाल हो गया पैक

ट्रेनों के कैंसिल होने से करीब ट्रेनों के प्रभावित होने से गोदान और दादर में 15 फीसदी पैसेंजर्स की संख्या अचानक से बढ़ गई। वाराणसी इंटरसिटी के कैंसिल होने होने से पैैंसजर्स को मजबूरन दादर और गोदान में वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करनी पड़ी। इंटरसिटी के निरस्त होने से गोदान में यात्रा कर रहे रमेश मौर्या ने बताया कि टिकट कैंसिल होने की वजह से उनका शेड्यूल बिगड़ गया। शाम होने के साथ ही यात्रियों की भीड़ जनरल टिकट काउंटर बढ़ गई और देखते ही देखते पूरा हॉल पैक हो गया।

री-शेड्यूल के चलते जूझे पैसेंजर

ट्रेनों के कैंसिल होने से ज्यादा से पैसेंजर्स को ट्रेनों के री-शेड्यूल होने से हुई। गोरखपुर से हटिया जाने वाली मौर्य एक्सप्रेस से रांची तक जाने वाले सुरेश कुमार बताते हैं कि उनके मोबाइल पर मंगलवार की रात 11 बजे संदेश आया कि उनकी ट्रेन चार घंटे लेट से जाएगी। सुबह सात बजे की टाइमिंग है, इसलिए सभी जल्दी सो गए थे। सुबह छह बजे घर से निकल गए। स्टेशन पहुंचे तो देखा कि मोबाइल पर मैसेज आया है। चार घंटे इंतजार करने के बाद भी ट्रेन प्लेटफार्म पर नहीं आई। जिससे भी पूछते वह यही कहकर टाल देता कि कैंट में दिक्कत चल रही है, इसी लेट हो रहा है। ट्रेन एक बजे प्लेटफार्म पर आई तब जाकर हम उसमें सवार हो सके। इसी तरह दर्जनों के ट्रेनों के रीशिडूल होने से पैसेंजर्स को दिक्क्त उठानी पड़ी। यात्रियों को यह दिक्कत 11 सितंबर तक उठानी पड़ेगी।

आने वाले दिनों में मिलेगी बेहतर सुविधाएं

भले ही पैसेंजर्स को असुविधा हुई वहीं दूसरी तरफ नान इंटरलाकिंग के बाद कैंट सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जाएगा। नौ रेल लाइनें और पांच प्लेटफार्र्मो पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। गाडिय़ां कैंट से कुसम्ही तक तीसरी रेल लाइन पर भी दौडऩे लगेंगी। गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की लेट-लतीफी पर अंकुश लगेगा। कुसम्ही और कैंट स्टेशन पर ट्रेनें बेवजह लंबे समय तक नहीं खड़ी होंगी। कैंट से ही वाराणसी, छपरा और नौतनवां रूट की पैसेंजर, इंटरसिटी व मेमू ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

मुझे सत्याग्रह एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था, न मेरे पास कोई मैसेज आया और न ही कोई फोन। मैं निर्धारित समय से एक घंटे पहले पहुंच गया। यहां आया तो पता चला कि ट्रेन ही निरस्त हो गई। दिल्ली जाना जरूरी था, इसलिए वैशाली एक्सप्रेस का इंतजार करने लगा। पता चला कि यह ट्रेन रात आठ बजे के बाद गोरखपुर आएगी।

सुशांत सिंह, यात्री

मुझे दिल्ली जाना था, ट्रेन निरस्त हो गई। अत्यधिक गर्मी में मजबूरन स्टेशन पर बैठना पड़ा। किसी और ट्रेन में जगह नहीं मिली तो मजबूरन वापस घर लौटना पड़ा। पहले से मोबाइल पर मैसेज आया होता तो दिक्कत नहीं होती।

नौशाद, यात्री