गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं, दूसरी तरफ सबस्टेशन को कम बिजली मिलने से लो वोल्टेज व तार गर्म होकर टूटने व आपस में चिपकने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि सबस्टेशन को 33 हजार वोल्ट की जगह 29 से 30 हजार वोल्ट और ट्रांसफॉर्मर्स को 11 हजार वोल्ट की जगह आठ से नौ हजार वोल्ट ही लाइन मिल रही है। वोल्टेज कम मिलने से करंट ज्यादा बढ़ जा रहा है, जिससे ट्रिपिंग की समस्या आ रही है।

घट के मिल रहा है वोल्टेज

पारेषण उपकेंद्रों से वितरण के उपकेंद्रों को 33 हजार वोल्ट की लाइन दी जाती है। मांग बढऩे से यह लाइन घटकर 29 से 30 हजार हो गई है। इसे ऐसे समझें कि चार सौ केवीए के एक ट्रांसफॉर्मर को 10 वोल्टेज और 40 एम्पियर का करंट मिलना चाहिए। मांग बढऩे के कारण ट्रांसफॉर्मर को पांच वोल्टेज और 80 एम्पियर का करंट मिल रहा है। वोल्टेज कम मिलने और करंट ज्यादा बढऩे से तार तेजी से गर्म होते हैं। वातावरण की गर्मी और ज्यादा करंट प्रवाहित होने से तार गर्म हो जा रहे हैं। एरियल बंच कंडक्टर इसी वजह से आपस में चिपककर जल जा रहे हैं तो अन्य तार पिघलकर टूट जा रहे हैं।

लो वोल्टेज से परेशान

दरअसल, शहर से लगायत ग्रामीण एरिया में फॉल्ट और ओवरलोड के कारण एक के बाद कहीं तार टूट रहे हैं तो कहीं ट्रांसफॉर्मर जल रहे हैं। वहीं तिवारीपुर उपकेंद्र से जुड़े इलाके भी कटौती से जूझ रहे हैं। मोहद्दीपुर उपकेंद्र से जुड़े इलाके ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्या से परेशान है। लालडिग्गी, रुस्तमपुर, तारामंडल, शाहपुर और खोराबार उपकेंद्र से जुड़े इलाके भी बिजली सप्लाई को लेकर कंज्यूमर्स की प्रॉब्लम बढ़ गई है।

सबस्टेशन क्षमता जरूरत

शाहपुर 28 एमवीए 30 एमवीए

मोहद्दीपुर 25 एमवीए 30 एमवीए

राप्तीनगर 20 एमवीए 25 एमवीए

राप्तीनगर न्यू 13 एमवीए 15 एमवीए

इंडस्ट्रियल 25 एमवीए 30 एमवीए

सूरजकुंड 20 एमवीए 25 एमवीए

यूनिवर्सिटी 25 एमवीए 30 एमवीए

रुस्तमपुर 20 एमवीए 25 एमवीए

लालडिग्गी 25 एमवीए 30 एमवीए

खोराबार 25 एमवीए 30 एमवीए

महानगर में सबस्टेशन ओवरलोड चल रहे हैं। इसके चलते ट्रिपिंग और वोल्टेज कम मिलने की समस्या हो रही है। डिमांड बहुत ज्यादा है। ऐसे में कंज्यूमर्स को चाहिए कि वह अगर कूलर, एसी आदि उपकरणों को इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसकी जानकारी विभाग को देकर अपना लोड बढ़वा ले, ताकि उन्हें बेहतर सप्लाई मिल सके।

- ई। यूसी वर्मा, एसई शहर