गोरखपुर (ब्यूरो).बता दें, 17 मई की रात हमसफर एक्सप्रेस में बम होने का ट्विट सार्वजनिक होते ही ट्रेन को रोक दिया गया। रेलवे, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के हाथ-पांव फूल गए। सभी नेे एक-एक बोगी की तलाशी लेना शुरू कर दिया। डाग स्क्वॉड की मदद ली गई। रेलवे स्टेशन पर छानबीन की गई। प्लेटफार्म पर जांच पड़ताल के बाद ट्रेन को यार्ड में भेजा गया। पूरी तरह से चेकिंग के बाद ही दो घंटे बाद फिर से ट्रेन को रवाना किया। लेकिन इस बीच रेलवे स्टेशन पर करीब साढ़े तीन घंटे तक हड़कंप मचा रहा। सभी की सांसें अटकी हुई थी।

आतंकवादी कह रहे गोरखपुर से निकलते ही ट्रेन उड़ा देंगे

जीआरपी की मानें तो मिलन रजक नामक व्यक्ति ने लगातार तीन ट्विट किए थे। मिलन ने ट्विटर इंडिया, पीएमओ, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव और पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल को टैग करके लिखा कि कुछ आतंकवादी कह रहे हैं कि गोरखपुर से निकलते ही ट्रेन को बम से उड़ा देंगे। लिहाजा, एक सप्ताह के लिए ट्रेन को निरस्त करकेअच्छे से जांच-पड़ताल की जाए। ऐसा नहीं हुआ तो बड़ा हादसा होगा। कृपया मदद कीजिए। ट्रेन निरस्त करा दीजिए। फिर क्या था इस ट्विट के बाद से ही आरपीएफ, जीआरपी समेत जिला प्रशासन के होश उड़ गए और चेकिंग शुरू हो गई। जीआरपी प्रभारी उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि दहशतपूर्ण ट्विट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

स्पॉट-1: रेलवे स्टेशन के गेट नंबर दो पर लगाए गए डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर सिर्फ दिखाने के लिए लगे हैं। वहां तैनात आरपीएफ जवानों की तरफ से न तो चेकिंग की जाती है और ना ही किसी भी यात्री से पूछताछ की जाती है। मौके पर तैनात दो महिला पुलिसकर्मियों ने बताया कि लगेज स्कैनर काम नहीं कर रहा है। इसलिए इस पर मशीन खराब की नोटिस चस्पा की गई है।

स्पॉट-2: वीआईपी लाउंज के पास एंट्री गेट से हर कोई आसानी से आता जाता हुआ दिखाई दिया। भीतर प्रवेश करने पर लगेज स्कैनर लगाए गए थे, लेकिन किसी भी यात्री का लगेज नहीं चेक हो रहा था। मौके पर तैनात आरपीएफ की एक महिला पुलिस कर्मी ने बताया कि मशीन ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है।

स्पॉट-3: टीम प्लेटफार्म नंबर नौ पर यात्रियों की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए पहुंची तो वहां असुरन की तरफ से आने वाले ऑटो और प्राइवेट व्हीकल आसानी से प्रवेश करते हुए नजर आए। वहीं कौवाबाग की तरफ से भी लोग आसानी से प्रवेश करते दिखे। सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं नजर आए। पूछे जाने पर खानपान स्टाल के दुकानदारों ने बताया कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा राम भरोसे ह

सुरक्षा के लिए आरपीएफ की टीम

आरपीएफ थाना प्रभारी - 01

सब इंस्पेक्टर - 10

असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर - 18

हेड कांस्टेबल - 45

कांस्टेबल - 90

ट्रेन में चलने वाले सुरक्षा कर्मी - 90

कुल टीम - 164

सुरक्षा के लिए जीआरपी की टीम

जीआरपी थाना प्रभारी - 01

सब इंस्पेक्टर - 09

हेड कांस्टेबल - 37

कांस्टेबल - 47

ट्रेन में चलने वाले सुरक्षा कर्मी - 13

इसके पहले भी मिल चुकी है धमकी

- 13 फरवरी 2022 - गोरखपुर रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी

- 20 अक्टूबर 2020 - गोरखपुर स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी

- 22 अक्टूबर 2019 - गोरखपुर स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी

- 18 फरवरी 2019 - गोरखपुर स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी

- 13 सिंतबर 2108 - गोरखपुर स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी

मामला संज्ञान में है, जो लगेज स्कैनर खराब है। उसे ठीक कराने की प्रकिया चल रही है। आरपीएफ जवानों को निर्देश दिया गया है कि जब तक लगेज स्कैनर मशीन ठीक नहीं हो जाती तब तक हैंड स्कैनर से लगेज चेक किया जाए। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसके लिए आरपीएफ जवान तैनात हैं। किसी प्रकार की सुरक्षा संबंधी शिकायत भी रेलवे की यूनिवर्सल हेल्पलाइन नंबर 139 पर की जा सकती है।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर