गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके अंतर्गत क्यूएस रैंकिंग या टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग में टॉप-1000 यूनिवर्सिटीज के साथ एमएमएमयूटी समझौता करेगी। इससे यूनिवर्सिटी की पहुंच इंटरनेशनल लेवल तक तो होगी ही साथ ही यहां के स्टूडेंट्स को भी विदेशी यूनिवर्सिटी का एक्सपोजर मिलेगा। यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल की 34वीं बैठक वीसी प्रो। जय प्रकाश सैनी की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न हुई। काउंसिल ने प्रस्तुत किए गए सभी 12 एजेंडे पर अपना अपू्रवल दे दिया। अब 3 नवंबर को फाइनेंस कमेटी और मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में मुहर लगने के बाद इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा।

प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस को मंजूरी

एमएमएमयूटी में 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिसÓ की नियुक्ति सम्बंधी दिशा निर्देशों को एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिल गई है। इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स को मार्केट जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग देने के लिए इंडस्ट्री के स्पेशियालिस्ट्स की नियुक्ति की जाएगी। इंजीनियरिंग, साइंस, कॉमर्स, सोशल साइंस, लॉ, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, नियोजन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ मानदेय पर तैनात किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को समाज के प्रति संवेदनशील बनाने, उनमें सामाजिक दायित्व का बोध विकसित करने, सामाजिक मूल्यों के विकास के लिए 'सेंटर फॉर एक्सटेंशन एंड फील्ड आउटरीचÓ की स्थापना को भी अनुमति मिल गई। डीन्स के दायित्वों को पुनर्गठित करते हुए तीन नए डीन बनाए जाएंगे। अब तक कुल 5 डीन यूनिवर्सिटी में थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 8 हो जाएगी।

स्टार्टअप नीति को मंजूरी

यूजीसी के नियम के मुताबिक अब स्टूडेंट्स को एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने सम्बंधी यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई नीति को मंजूरी मिल गई। अब स्टूडेंट्स एक साथ दो रेग्युलर डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन ले सकेंगे। अभी तक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स, टीचर्स और अन्य बाहरी व्यक्तियों द्वारा कोई स्टार्टअप शुरू करने की दशा में यूनिवर्सिटी की तरफ से सहयोग, शर्तें और भूमिका क्या होंगी, जैसे विषयों पर कोई नीति नहीं थी। यूनिवर्सिटी की ओर से स्टार्टअप और इनोवेशन की दिशा में तेजी से काम करने के लिए बनाई गई नीति को एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी। एमएमएमयूटी फाउंडेशन के माध्यम से अब सहयोग प्रदान किया जाएगा।

विदेशी स्टूडेंट्स के लिए 15 परसेंट सुपरन्यूमरी सीटें

विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करने और यूनिवर्सिटी की शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के उद्देश्य से यूजी और पीजी प्रोग्राम्स में 15 परसेंट सुपरन्युमरी सीटें रिजर्व करने का फैसला लिया गया। इस सम्बंध में बनाई गई नियमावली को एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी मिल गई। अब अगले साल से इसमें एडमिशन हो सकेगा। इसके लिए ही डीन इंटरनेशनल अफेयर्स का पद सृजित किया गया है।

बीबीए में भी एनईपी के प्रावधान

एनईपी का प्रावधान अभी तक सिर्फ बीटेक में लागू था। अब बीबीए में भी इसे लागू किया जाएगा। बीबीए की डिग्री चार साल की होगी। पहले साल पढ़ाई करके छोडऩे पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल डिप्लोमा, तीन साल पूरा होने पर डिग्री और चार साल की पढ़ाई पूरी होने पर डिग्री विद ऑनर्स दी जाएगी। यूनिवर्सिटी में रिसर्च, इनोवेशन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए नई इंटेलेक्चुुअल प्रॉपर्टी राइट्स नीति को भी मंजूरी मिली। इसके अलावा पीएचडी ऑर्डिनेंस में संशोधन, बीटेक के क्रेडिट स्ट्रक्चर में संशोधन और यूनिवर्सिटी के संशोधित अकादमिक कैलेंडर को भी मंजूरी मिल गई। रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल की स्थापना को भी मंजूरी मिली।