गोरखपुर (ब्यूरो)। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दीवारों पर पेंटिंग, होर्डिंग आदि लगाने का काम पूरा हो चुका है। सफाई व्यवस्था के साथ शौचालय और यूरिनल भी चकाचक हो चुके हैं। वहीं, सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की भी सफाई मुकम्मल कर दी गई है।

स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े अफसरों का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण तो एक मार्च से शुरू हो जाता है, लेकिन आचार संहिता की वजह से देरी हो रही है। उम्मीद है कि 28 मार्च तक केंद्रीय टीम शहर का सर्वेक्षण करेगी। सफाई, शौचालय, यूरिनल आदि से जुड़ी जानकारी स्वच्छ भारत मिशन के पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। लेकिन यह जानकारी नहीं है कि टीम कब आएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण से जुड़े सभी साक्ष्य पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं। केंद्रीय टीम गुगल मैप के जरिए सभी चीजों का सर्वेक्षण करेगी।

दीवारों पर पेंटिंग का कार्य पूरा

नगर निगम की मानें तो शहर की दीवारों पर पेंटिंग बनाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। सफाई निरीक्षकों एवं सफाई कर्मियों को सफाई-व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश लगातार दिए जा रहे हैं। कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है और उम्मीद है कि सर्वेक्षण में इसका फायदा मिलेगा।

फीडबैक के जरिए पब्लिक को देने होंगे चार सवालों के जवाब

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के अंतर्गत नगर निगम की ओर से पब्लिक से फीडबैक लिए जा रहे हैं। पब्लिक को इसके लिए लिंक के जरिए वोटिंग साइड https://ss-cf.sbmurban.àærg/#/feedback पर जाना होगा। डिस्ट्रिक नाम यूपी का चयन करें। सिटी के कॉलम में गोरखपुर नगर निगम का चयन करना होगा। इसके बाद इसके बाद लोकेशन और आयु भरें। यदि आप शहर में रहते हैं तो इसके लिए हां भरें। चयन करने के बाद अगले कॉलम में अपना नाम लिखना होगा। साथ ही अपना मोबाइल नंबर डालने के बाद आप के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। यदि किसी मोबाइल से वोटिंग की जा चुकी है तो वोटिंग होने की जानकारी प्राप्त होगी। इसके जरिए आप को चार प्रश्नों के उत्तर हां, ना में देने होंगे।

ये हैं प्रश्न

- क्या आपको मालूम है कि आपका शहर स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में भाग ले रहा है?

- क्या आपको घरेलू खाद की जानकारी है?

- क्या आपको मालूम है कि खुले में यूरिनल करने वाली जगह को यलो स्पॉट कहते हैं?

- क्या आपके घर से प्रतिदिन कचरा एकत्रित किया जाता है?

- क्या आपके तरफ से कचरा संग्राहक को सूखा व गीला कचरा अलग-अलग करके देते हैं?

- क्या आप जानते है कि आपके नजदीक का स्वच्छ शौचालय सर्च करने के लिए आप गूगल टॉयलेट लोकेटर का प्रयोग कर सकते है?

- क्या आप अपने पास-पड़ोस को हमेशा साफ पाते हैं?

- क्या आप अपने जानते हैं कि पुराने व टूटे खिलौने, किताबें, कपड़े, जूते आदि रिसाइकल ओर रियूज किए जा सकते है?

- क्या कोविड-19 प्रभावित परिवारों से पृथक से कचरा संग्रहण किया जा रहा है?

- क्या आप खुले में शौच या यूरिनल के प्रति लोगों को अधिक संवेदनशील पाते है?

- क्या आप पहले से की तुलना में सार्वजनिक शौचालयों को अधिक उपयोगी और साफ पाते है?

- क्या आप सेप्टिक टैंक, सीवर लाइन आदि की समस्याओं को प्राथमिकता से समाधान होते पाते है?

- क्या आप सेप्टिक टैंक, सीवर लाइन आदि की सफाई करते हुए सफाई कर्मियों को सुरक्षा उपकरणों के साथ कार्य करते हुए देखते हैं?

- क्या आप अपने शहर को पहले की तुलना में अधिक साफ पाते है?

- क्या नगरीय निकाय की ओर से घरों से कचरा संग्रहण व्यवस्था से आप संतुष्ट हैं?

- क्या आप कचरे के जिम्मेदार प्रबंधन के प्रति लोगों के व्यवहार से परिवर्तन देख सकते है?

-क्या आप पहले की तुलना में अपने शहर में स्वच्छता के संदेशों को अधिक पाते है?

-क्या आप लोगों सब्जी आदि खरीदने के लिए कपड़े का थैला साथ में ले जाते हुए देखते है?

-क्या आप दुकानदार व वेंडर पॉलीथिन रखने या देने को पहले की तुलना में अधिक सख्ती का पालन करते देखते है?

सर्वेक्षण के प्रमुख मानक

-डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह

-शहर में सफाई व्यवस्था

-नाले-नालियों की सफाई

-सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों की सफाई

-कूड़ा निस्तारण

-पब्लिक का फीडबैक

इसलिए पिछड़ती है रैंक

-कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था अभी तक नहीं है। हालांकि कूड़ा निस्तारण के लिए सहजनवां के सुथनी के पास प्लांट निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है।

-सफाई व्यवस्था भी बेपटरी रहती है और नाले भी गंदगी से अटे रहते थे। नगर निगम की ओर से अभियान के तहत सफाई कराई गई।

-शौचालय भी गंदे रहते हैं। सीट, यूरिनल टूटे रहते हैं। कहीं पाइप नहीं होता तो कहीं पानी नहीं। सभी को ठीक करवाया गया।

वर्जन

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 को लेकर सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। अबकी बार रैंकिंग में गोरखपुर शहर सबसे आगे रहेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण से जुड़े सभी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं। पब्लिक से फीडबैक लिए जा रहे हैं। मार्च के लास्ट तक केंद्रीय टीम के आने की उम्मीद है।

अविनाश सिंह, नगर आयुक्त गोरखपुर