- पिंक टॉयलेट को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के वेबिनार में बोली महिलाएं

- महिलाओं ने सभी से अपना कॉन्ट्रीब्यूशन देने के लिए अपील की

- टॉयलेट साफ-सुथरा रखने में हर व्यक्ति योगदान देगा, तभी इस प्रॉब्लम का सॉल्युशन मिल पाएगा

GORAKHPUR: स्कूल गोइंग ग‌र्ल्स हो या फिर प्रोफेशनल वुमन, मार्केट में जाने वाली महिलाएं हों या फिर दुकानों पर काम करने वाली ग‌र्ल्स। सभी के लिए मार्केट में अगर कोई सबसे बड़ी प्रॉब्लम है, तो वह है पिंक टॉयलेट। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट महिलाओं की इस प्रमुख समस्या को मुहिम बनाया और लगातार अभियान चलाकर लोगों को जानकारी देने के साथ ही जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान दिलाया। इस कड़ी में बुधवार को वेबिनार ऑर्गनाइज किया गया। इसमें सिटी की रिनाउंड महिलाओं ने इस प्रॉब्लम का सॉल्युशन प्रोवाइड करने के साथ फ्यूचर में क्या करने की जरूरत है, इस पर चर्चा की। करीब एक घंटे चले इस डिस्कशन में सॉल्युशन के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारों को क्या करने की जरूरत है, इस पर भी चर्चा की गई। महिलाओं ने एक सुर में कहा कि प्रशासन और नगर निगम तो अपना योगदान दे देंगे, लेकिन इसके बाद सभी शहर वासियों की भी एक जिम्मेदारी होगी, वह है टॉयलेट की साफ-सफाई का ख्याल रखना। अगर हम गंदगी नहीं फैलाएंगे, तो हमें दोबारा इसे यूज करने में कोई हिचक नहीं होगी और महिलाओं की परमनेंट प्रॉब्लम का बेहतर सॉल्युशन भी मिल जाएगा।

यह बातें भी आई सामने -

- टॉयलेट पर सिर्फ मेल स्टाफ ही बैठे रहते हैं, जिससे महिलाएं वहां जाने से हिचकती हैं।

- अक्सर टॉयलेट गंदा करके छोड़ देते हैं और वहां हाईजीन मेनटेन नहीं की जाती।

- टॉयलेट की रेग्युलर साफ-सफाई नहीं की जाती है, जिससे महिलाओं को बीमारी का खतरा बना रहता है।

- पेट्रेालपंप पर कई जगह महिला टॉयलेट हो या पुरुष वहां ताले लटके रहते हैं।

- मार्केट में टॉयलेट कहां हैं? यह बताने के लिए कहीं पर भी बोर्ड नहीं है।

- जहां टॉयलेट हैं, वहां रहने पर भी यह मालूम नहीं हो पाता कि यहां पर टॉयलेट है।

- महिलाओं और पुरुष का एंट्रेस सेम हैं, जिसकी वजह से वह जाने से कतराती हैं।

यह करने की जरूरत -

- जहां मेल-फीमेल टॉयलेट एक साथ हो, वहां पर मेल और फीमेल दोनों स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए।

- दोनों के लिए एंट्रेंस की अलग-अलग व्यवस्था की जाए।

- मार्केट में टॉयलेट कहां है, इसके लिए साइन बोर्ड लगाए जाएं।

- टॉयलेट के ऊपर ग्लो शाइन बोर्ड लगे, जिससे लोगों को उसके बारे में जानकारी हो सके।

- हाईजीन का ख्याल रखा जाए और वहां की रेग्युलर सफाई कराई जाए।

- टॉयलेट इस्तेमाल होने के बाद एक बार उसे चेक करा लिया जाए।

- बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिसकी मॉनीटरिंग पुलिस करे। महिलाओं को इससे सुरक्षा का अहसास होगा।

- जितने भी टॉयलेट हैं, वहां से एनक्रोचमेंट हटाए जाएं।

- टॉयलेट के आसपास कुछ एरियाज में किसी दुकान या ठेले लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

- आने-जाने वालों से सफाई का अनुरोध किया जाए और इसके लिए पोस्टर भी लगाए जाएं।

- हर मार्केट में कम से कम महिलाओं के लिए 4 टॉयलेट की व्यवस्था हो।

- गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना भी वसूल किया जाए।

शहर में जितने भी टॉयलेट हैं, ज्यादातर के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। कई शहर के रिनाउंड स्पॉट पर हैं, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। मैं विजय चौक के पास रहती हूं। यहां भी पब्लिक टॉयलेट है। मगर ठेले वालों के कुनबे ने इसके सामने डेरा जमा रखा है। इससे लोगों को मालूम ही नहीं हो पाता है कि कहीं टॉयलेट भी अवेलबल है।

- कल्पना रानी, मनीषा संगीत विद्यालय, मोहद्दीपुर

शहर में पिंक टॉयलेट की बहुत जरूरत है, लेकिन यहां पर इसकी व्यवस्था नहीं है। गोलघर जैसी जरूरी मार्केट में कोई लेडीज टॉयलेट अवेलबल नहीं है। इंदिराबाल विहार और जलकल पर टॉयलेट है भी तो यहां पर मेल और फीमेल की एंट्री एक ही रास्ते से है, ऐसे में लोग वहां एंट्री करने से ही कतराते हैं। इस व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है।

- काजल जायसवाल, जेसीआई

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम के बाद हमें जानकारी हो पाई कि शहर के पब्लिक टॉयलेट में महिलाओं के लिए भी अलग से इंतजाम हैं। इनकी लोकेशन कहां हैं, यह बहुत कम लोगों को पता है। जबतक शहर में नए पिंक टॉयलेट नहीं बन जाते हैं, तब तक लोगों को पुराने को रेनोवेट कर ही महिलाओं के लिए इंतजाम करना चाहिए।

- विजेता सिंघानिया, एडिटर, यूफोरिया क्लब

महिलाओं के सामने एक बड़ी समस्या यह भी है कि जहां टॉयलेट बने हैं, वहीं आसपास लोग सड़कों पर ही पेशाब करने लग जाते हैं। इससे महिलाएं चाहकर भी टॉयलेट का इस्तेमाल करने के लिए नहीं जाती हैं। वहीं जहां टॉयलेट हैं, वहां एनक्रोचमेंट है, जिससे रास्ता ही नहीं नजर आता है। पेट्रोलपंप पर मौजूद टॉयलेट को भी सुधारने की जरूरत है।

- सीमा पांडेय, पीआरओ, स्नेहिल महिला संस्थान

टॉयलेट के लिए एडमिनिस्ट्रेशन को ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही जरूरी है कि पब्लिक भी इसमें एडमिनिस्ट्रेशन का साथ निभाए। हर व्यक्ति अवेयर रहे और गंदगी न फैलाए, तो दूसरे को टॉयलेट का इस्तेमाल करने में दिक्कत नहीं होगी, जिससे कि महिलाओं के सामने आने वाली इस परमनेंट प्रॉब्लम का उन्हें सॉल्युशन मिल जाएगा।

- वीथिका माथुर, सर्वोदय महिला मंडल

गोरखपुर कॉलिंग वाले बॉक्स में -

अगर आपको कहीं टॉयलेट पर एनक्रोचमेंट नजर आ रहा है या फिर किसी ने कब्जा कर रखा है। तो हमें जानकारी दें।