कानपुर(ब्यूरो)। पंजाब नेशनल बैंक में अधिकारी और कर्मचारी इंश्योरेंस कंपनियों के रिप्रेजेंटेटिव्स के साथ मिलकर कस्टमर्स की गाढ़ी कमाई का उड़ा रहे हैं। ताजा मामला पनकी गंगागंज निवासी पीडब्लूडी से रिटायर्ड ड्राइवर 72 साल के वंशलाल गुप्ता का है। एक साल पहले उन्होंने पीएनबी की सोमदत्त प्लाजा शाखा में 52,250 रुपए एक साल की एफडी कराने के लिए दिए थे। एक साल बाद वह रकम वापस मांगने गए तो पचा चला कि उस रकम का तो 10 साल का बीमा हो गया है। बैंक के अधिकारियों के लगातार चक्कर लगाने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो पीडि़त ने मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत की। जिसके बाद कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आजाद नगर निवासी
आजाद नगर ख्योरा कटरी निवासी गिरजा मिश्रा, लक्ष्मीपुरवा निवासी कल्लू, पनकी निवासी ज्ञान ङ्क्षसह और इनके जैसे बहुत से नाम हैं जिनकी एफडी की रकम को बैंक ने बीमा के लिए लगा दिया। पनकी गंगागंज निवासी पीडि़त वंशलाल ने बताया कि 14 सितंबर 2021 को 52,250 रुपये की एक साल की एफडी कराने के लिए बैंक को चेक दिया। एक साल बाद जब धन वापस मिलना चाहिए था तो केनरा एचएसबीसी बीमा कंपनी से उनके पास फोन आने शुरू हो गए। कहा गया, 10 साल तक हर साल इतनी ही राशि जमा करनी है। उन्होंने फोन करने वालों को बताया भी कि उन्होंने तो एफडी कराई थी। इस पर कहा गया कि रुपये जमा नहीं करेंगे तो जमा धन भी वापस नहीं होगा।

बैैंक अधिकारियों से की शिकायत
वंशलाल के मुताबिक, बैंक शाखा के अधिकारियों से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते। हार कर उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। वहां से मामला कोतवाली पुलिस के पास पहुंचा तो 24 दिसंबर को उन्हें कोतवाली बुलाया गया। पुलिस बैंक अधिकारियों के पास भी पहुंची। वंशलाल ने बताया कि वह सिर्फ अपने हस्ताक्षर करना जानते हैं। उन्हें पढऩा लिखना नहीं आता। उन्होंने सिर्फ चेक पर हस्ताक्षर करके दिया था जिसे बैंक ने बीमा कंपनी के नाम कर दिया।

मेटलाइफ के साथ है अनुबंध
जांच में पाया कि पीएनबी का मेटलाइफ बीमा कंपनी के साथ अनुबंध है लेकिन सोमदत्त प्लाजा में जो अधिकारी थे वह ओरिएंटल बैंक की शाखा होने की वजह से उस बैंक के थे। बाद में इस बैंक का पीएनबी में विलय हो गया था। पुलिस के मुताबिक, पीएनबी के अधिकारी अगर बीमा करते तो मेट लाइफ के नाम कराते। साफ लग रहा है कि बैंक अधिकारी ने धोखाधड़ी की है।


प्रकरण सामने आया है जिसकी जांच की जा रही है। एक बार पीडि़त को बुलाकर बात की जा चुकी है। बैंक अधिकारियों से भी जानकारी ली है। जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई होगी।
- सर्वेंदु पांडेय, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली।