- आईआईटी के फ्रेशर स्टूडेंट्स ने बुधवार को कैंपस में एंट्री की, हॉस्टल एलॉट

-पेरेंट्स के साथ लिया कैंपस का नजारा, सीनियर्स ने की हर कदम पर मदद

KANPUR: आईआईटी में एडमिशन लेने वाले मेधावी छात्र छात्राओं ने इंटरनेट से कैंपस के बारे में सारी तहकीकात करने के बाद ही यहां पढ़ने के लिए सीट फ्रीज की थी। स्टूडेंट्स को ओल्ड आईआईटी के इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ लैब व कैंपस की ग्रीनरी भा गई। बुधवार को रिपोर्ट करने वाले नए मेधावी छात्र छात्राओं को हास्टल एलॉट कर दिया गया है। फ्रेशर्स ने शाम को अपने पेरेंट्स के साथ कैंपस घूमकर इंस्टीट्यूट का नजारा लिया।

डोंट वरी, मैं हूं ना

फ्रेशर स्टूडेंट्स का बुधवार की सुबह से ही आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो कि शाम तक जारी रहा। सीनियर स्टूडेंट्स ने भी काउंसिलिंग सेल के साथ बेहद सक्रिय भूमिका निभाई। किस स्टूडेंट को किस हॉस्टल में रूम एलॉट किया गया है इसकी जानकारी काउंसिल सेल ही दे रहा था। हॉस्टल तक पहुंचाने में फ्रेशर स्टूडेंट्स को सीनियर्स गाइड कर रहे थे।

उनकी हर प्रॉब्लम पर सीनियर्स ने उनकी हेल्प कर अपना फर्ज निभाया।

गाना गाएंगे, डांस भी करेंगे

फ्रेशर स्टूड्ेंट्स से जब रैगिंग के बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि उनसे अंडर टेकिंग लिया गया है कि अगर उनके साथ रैगिंग हो तो वह इसकी जानकारी इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन को तुरंत देंगे। इसके अलावा कैंपस में चार साल रहते हुए किसी की रैगिंग भी नहीं करेंगे। अगर ऐसा किया तो उनके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि इंट्रैक्शन तो जरूरी है लेकिन कोई टॅार्चर करेगा तो फिर कम्प्लेन कर देंगे। गाना गाने व डांस करने तक कोई प्रॉब्लम नहीं है। इतना तो बनता है।

लो आ गई साइकिल

कैंपस के अंदर बुधवार को फ्रेशर्स के पहुंचते ही साइकिल, गद्दा-तकिया और बाल्टी-मग की शॉप लग गई। स्टूडेंट्स ने पेरेंट्स के साथ अपनी जरूरत का सामाना खरीदा। कैंपस मूवमेंट के लिए स्टूडेंट्स ने साइकिल परचेज की है। साहनी इण्डस्ट्रीज के एमडी राजीव साहनी ने बताया कि कैंपस में स्टूडेंट्स ने करीब 100 साइकिल परचेज की हैं। साइकिल 3500 से लेकर 11 हजार पांच सौ रुपए की कीमत की थी। सबसे महंगी साइकिल एल्युमीनियम की है जो कि वजन में काफी हल्की है। कुछ स्टूडेंट्स ने इस साइकिल को पसंद किया है।

ग्रीनरी का कोई जोड़ नहीं

आईआईटी कानपुर के बारे में बीटेक फ‌र्स्ट इयर के सुधांशु तिवारी, सचिन कुमार ने कहा कि ओल्ड आईआईटी की वजह से यहां एडमिशन लिया है। चंडीगढ़ से आई मेघा और भटिंडा की हर्षिता की दोस्ती काउंसिंिलंग के टाइम हो गई थी। इन दोनों को केमिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिला है। दोनों का कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने की वजह से इसे पंसद किया। पारुल , प्रणव प्रियदर्शिनी ने कहा कि फैकल्टी के साथ साथ कैंपस प्लेसमेंट भी यहां काच्अच्छा है। कैंपस का इनवायरमेंट तो लाजवाब है।

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नो फोटो प्लीज

चंडीगढ़ से केमिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने आई मेघा की चार साल की बहन नव्या आईआईटी कैंपस में खूब मस्ती कर रही थी। वह दीदी को पेरशान करने का कोई मौका नही छोड़ रही थी। लेकिन जब कुछ लोग उसे देखने लगे तो वह शर्माने लगी और चेहरा मां पूनम की गोद में छिपाने लगी। जब उससे कहा गया कि फोटो करवा लो तो बोली नो फोटो प्लीज।