- अब तक बीमा कंपनी नहीं दे सकी जिले भर के प्रभावित किसानों की सर्वे रिपोर्ट

- जिले में 90 हजार से अधिक किसानों ने ले रखा था फसली ऋण

UNNAO:

प्राकृतिक आपदा से तबाह किसानों के साथ बीमा योजना भी छलावा ही बनी है। प्रदेश के लगभग 90 हजार किसानों में सवा चार सौ किसानों को ही फसल बीमा से लाभान्वित करने की सहमति अब तक बीमा कंपनी ने प्रशासन को दी है। दूसरी तरफ लागत से भी आधी कीमत जो मुआवजा किसानों को सरकार से मिलना है, उसमें भी ख्भ्-भ्0 प्रतिशत फसल क्षति वाले किसानों को इसका लाभ कब मिलेगा। यह भविष्य ही तय करेगा। फिलहाल आपदा की मार से पीडि़त किसान भविष्य को लेकर आंसू बहाने को मजबूर है। पूर्व के भ्0 प्रतिशत से अधिक क्षति को लेकर किए गए सर्वे में प्रभावित क्षेत्र का जो आंकड़ा सामाने आया है, वह भी वास्तविकता से कम है। इसे लेकर किसान आए दिन धरना प्रदर्शन और अधिकारियों की चौखट पर शिकायत दर्ज करा रहे हैं, लेकिन नतीजा सिफर है। यही कारण है कि प्राकृतिक आपदा के सदमे को किसान बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है।

जिले में कुल क्.90 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल का आच्छादन किया गया था, इसमें लगभग ब्0 हजार हेक्टेयर दलहन और तिलहन की फसलें बोई गई थीं। प्रशासन ने ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के बाद भ्0 प्रतिशत से अधिक क्षति का जो सर्वे कराया, उसमें सबसे अधिक क्षति बांगरमऊ में 8फ्.फ्9, सफीपुर में म्9.ख्ख् व हसनगंज में ब्7.ब्8 हेक्टेयर भूमि की फसलों का होना माना गया। जबकि सर्वे के अनुसार पुरवा और बीघापुर क्षेत्र का जो आंकलन आया, वह राहत पाने के लिए न के बराबर ही रहा। किसान मौसम की मार से कराह रहा है। इसके बाद भी अब तक किसानों के सामने कुछ भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। उन्हें न तो यह पता है कि उनके हिस्से में क्षति पूर्ति की राहत मिलेगी या नहीं और अगर मिलेगी भी तो कितनी। इसपर भी उसके लिए ओहदेदार लोगों की तरफ उम्मीद भरी निगाह से ही देखने को विवश हैं। अब तक किसानों के हिस्से में जो क्षति पूर्ति राशि आयी है, वह मात्र ऊंट के मुंह में जीरा से अधिक कुछ भी नहीं है।

जनपद में भ्0 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति का आंकलन रिपोर्ट तहसीलवार

तहसील क्षति की लागत करोड़ में भूमि क्षेत्र हेक्टेयर प्रभावित किसान

बांगरमऊ क्0.म्9 8फ्.फ्9 ख्ब्89क्

सफीपुर 7.फ्8 म्9.ख्ख् ख्क्ख्09

हसनगंज म्.क्ख् ब्7.ब्8 ख्0ब्म्म्

पुरवा ख्.ब्7 क्8.ख्7 भ्ख्म्8

सदर उन्नाव क्फ्.9क् क्0.म्फ् ब्ब्फ्8

बीघापुर क्.भ्म् क्क्.म्0 ब्0ख्भ्

कुल ब्ख्.क्भ् ख्ब्0.भ्9 80ख्97

जनपद में फसल आच्छादन व क्षति पर एक नजर

- जनपद में कुल रबी फसल का क्.90 लाख हेक्टेयर में फसल का आच्छादन

- ब्0 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हुआ था दलहन तिलहन की फसल का आच्छादन

- पहले सर्वे में सिर्फ 80 हजार ख्97 किसान ही मुआवजे के दायरे में पाए गए

- सरकारी आंकड़ा ख्ब्0.भ्9, हकीकत में भ्00 हेक्टेयर से अधिक हुई फसल बर्बाद

- जनपद में किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों की संख्या क्,भ्7,07म्

- बीमा कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी गई प्रभावित किसानों की सूची ब्फ्0

प्रति बीघा गेहू फसल की लागत

दो खाद यूरिया व डीएपी - ख्भ्00 रुपए

¨सचाई दो से तीन - ख्000 रुपए

बीज - क्900 रुपए

श्रमांश - ख्भ्00 रुपए

क्षति कितनी भी बड़ी हो, मिलेगा बस क्8 हजार

फसल क्षति और मुआवजे को लेकर जहां एक तरफ कोहराम मचा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ शासनादेश से एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। जानकार सूत्रों की मानी जाए तो प्राकृतिक आपदा से तबाह बड़े कास्तकारों को बड़ा झटका लगेगा। हुआ यह है कि शासन ने जो आदेश जारी किया है, उसके अनुसार क्षति कितनी भी क्यों न हुई हो कास्तकार को अधिकतम क्षतिपूर्ति क्8 हजार रुपए ही भुगतान मिलेगा। जबकि कम से कम जमीन होने पर भी न्यूनतम क्षतिपूर्ति की धनराशि क्भ्00 रुपए रखी गई है। ऐसे में बड़े कास्तकारों के लिए यह आदेश नासूर सा बना हुआ है।

भाव बढ़ने की उम्मीद में किसान फसल भी थामे

प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए किसान, अब अपने बचे खुचे हुए आनाज को लेकर उससे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं। ऐसे में किसान अभी भावों के चढ़ने की आस लगा कर मंडी की तरफ रुख नहीं कर रहा है। मंडियों में भी आवक न होने से सन्नाटा है। ऐसे में आपदा को देखते हुए फुटकर बाजार में भी गेहूं की कीमत क्भ्00 से क्म्00 रुपए प्रति कुंतल ही है। कमोवेश यही हाल दलहन और तिलहन का भी है।

'किसानों को फसल बीमा से लाभांवित कराने के लिए बैंकों से फसली ऋण लेने वाले किसानों का ब्यौरा मांगा गया था, लेकिन ये विभाग को उपलब्ध नहीं कराया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर लगभग एक पखवारा पूर्व चेतावनी पत्र जारी किया था। उसके बाद भी अभी तक चार सौ किसानों की सूची ही उपलब्ध करायी गई है। ऐसे में किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ समय से मिलना काफी मुश्किल हो रहा है.'

- ओपी मिश्र, जिला कृषि अधिकारी

'फसल बीमा का लाभ किसानों को जल्द दिलाया जायेगा। इसके लिए बैंकों और बीमा कंपनियों को अंतिम चेतावनी पत्र जारी कर दिया गया है। उन्हें एक सप्ताह में सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि इसके बाद भी वह यह नहीं कर पाते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.'

- सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी उन्नाव