कानपुर(ब्यूरो)। अगर आपका प्लॉट कानपुर मेट्रो ट्रैक से 500 मीटर की दूरी पर है तो आपके लिए अच्छी खबर है। क्योंकि मेट्रो ट्रैक के दोनों साइड का 500-500 मीटर का एरिया ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट((टीओडी) घोषित किया जा चुका है। इस एरिया में स्थित प्लॉट पर आपको दो गुना अधिक एफएआर(फ्लोर एरिया रेशियो) मिलेगा। जिससे आप विकसित और अविकसित एरिया की तुलना में काफी अधिक ऊंची बिल्डिंग तान सकते हैं। ड्राफ्ट मास्टर 2031 पर इस एरिया की मार्किंग की जा चुकी है। हालांकि मास्टर प्लान पर शासन की मोहर लगना बाकी है। मास्टर प्लान फाइनल होते ही इसका आप लाभ उठा सकते हैं।

तीन तरह के एरिया
सिटी में तीन तरह के एरिया है। बिल्टअप, डेवलप्ड और अनडेवलप्ड एरिया है। बिल्टअप एरिया सिटी का पुराने मोहल्ले बिरहना रोड, नयागंज, हरबंशमोहाल, घंटाघर , शिवाला, जनरलगंज, परेड आदि शामिल हैं। अविकसित एरिया सिटी के सीमावर्ती एरिया हैं जहां केडीए की स्कीम नहीं है। जैसे मैनावती मार्ग, कल्याणपुर बिठूर रोड व मंधना रोड, चकेरी, नौबस्ता आदि शामिल है। सिटी का अन्य बचा हुआ हिस्सा विकसित एरिया में आता है।

दोगुना एफएआर
विकसित एरिया में स्थित प्लॉट पर एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) 1.5 मिलता है और 18 मीटर तक चौड़ी रोड पर 33 परसेंट एफएआर और 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड पर 50 परसेंट एफएआर और पर्चेज कर सकते हैं। यानि मैक्सिमम एफएआर 2.25 हो सकता है। लेकिन टीओडी एरिया में 12 मीटर रोड पर स्थित प्लॉट के लिए एफएआर 3, 12-18 मी। रोड पर एफएआर 3.5 और 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड पर स्थित प्लॉट के लिए एफएआर 4 मिल जाएगा। यानि आप विकसित एरिया के मुकाबले टीओडी एरिया में दोगुना से अधिक ऊंची बिल्डिंग तान सकते हैं।

इसी तरह अविकसित एरिया में आपको निर्धारित 2.5 की तुलना 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड 5 एफएआर मिल सकेगा यानि टीओडी एरिया में दोगुना फायदा होगा। केडीए के टाउन प्लानर अजय सिंह ने बताया कि मेट्रो रूट के दोनों ओर 500-500 मीटर में टोओडी एरिया की मार्किंग ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2031 में की जा चुकी है। ड्राफ्ट मास्टर प्लान शासन को भेजा जा चुका है। 15 दिसंबर को शासन में होने वाली मीटिंग में मास्टर प्लान पर रखा जाना था, लेकिन टल गई थी।

क्या होता ग्र्राउंड कवरेज
मान लीजिए आपका प्लॉट एक हजार स्क्वॉयर मीटर एरिया का है। फ्रंट, बैक और साइड सेटबैक छोड़ते हुए आप 50 परसेंट एरिया में यानि 500 स्क्वॉयर जमीन पर बिल्डिंग बनाते हैं तो यही 500 स्क्वॉयर मीटर एरिया ग्र्राउंड कवरेज (कंस्ट्रक्शन एरिया) कहलाएगा।

ऐसे समझें एफएआर
एफएआर यानि फ्लोर एरिया रेशियो को दूसरे शब्दों में सभी फ्लोर के टोटल कवर्ड एरिया को भी कह सकते हैं। जो कि प्लॉट साइज पर निर्भर करता है। जैसे कि विकसित एरिया में आपका एक हजार स्क्वॉयर मीटर का प्लॉट है। मौजूदा नियमों के मुताबिक आपको 1.5 एफएआर मिलेगा। यानि आप सभी फ्लोर को मिलाकर टोटल 1500 स्क्वॉयर मीटर कवर्ड एरिया बना सकते हैं। जैसे कि एक हजार स्क्वॉयर मीटर के प्लॉट के 500 स्क्वॉयर मीटर हिस्से में बिल्डिंग बनानी शुरू की है तो इसी एरिया साइज के दो और फ्लोर बना सकते हैं। ग्र्राउंड व अन्य दोनों फ्लोर को मिलाकर टोटल कवर्ड एरिया 1500 स्क्वॉयर मीटर हो जाएगा।
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ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट

10 हजार स्क्वॉ.मी.तक के प्लॉट के लिए

बिल्टअप एरिया
रोड की चौड़ाई-- टीओडी एफएआर
12 मीटर रोड पर प्लॉट--2.5
12-18 मी। रोड पर प्लॉट-- 3.0
18 मी। से अधिक-- 3.5
ग्र्राउंड कवरेज-- 50 परसेंट (प्लॉट साइज का)

विकसित क्षेत्र
रोड की चौड़ाई-- टीओडी एफएआर
12 मीटर रोड पर प्लॉट--3.0
12-18 मी। रोड पर प्लॉट-- 3.5
18 मी। से अधिक-- 4.0
ग्र्राउंड कवरेज-- 45 परसेंट (प्लॉट साइज का)

अविकसित क्षेत्र
रोड की चौड़ाई-- टीओडी एफएआर
12 मीटर रोड पर प्लॉट--3.5
12-18 मी। रोड पर प्लॉट-- 4.0
18 मी। से अधिक-- 5.0
ग्र्राउंड कवरेज-- 40 परसेंट (प्लॉट साइज का )

10 हजार स्क्वॉ.मी। से अधिक के प्लॉट के लिए
टीओडी एफएआर 10 हजार स्क्वॉयर मीटर एरिया के प्लाट
निर्मित क्षेत्र में ग्र्राउंड कवरेज-- 40 परसेंट
विकसित क्षेत्र में ग्र्राउंड कवरेज-- 35 परसेंट
अविकसित क्षेत्र में ग्र्राउंड कवरेज-- 30 परसेंट
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इन रास्तों से गुजरेगी मेट्रो
पहला कॉरिडोर
जीटी रोड पर आईआईटी, कल्याणपुर रेलवे स्टेशन, सीएसजेएमयू यूनिवर्सिटी, गुरूदेव चौराहा, गीता नगर व रावतपुर, हैलट-मालरोड पर हैलट, मोतीझील,नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, फूलबाग से नयागंज एक्सप्रेस रोड, सेंट्रल रेलवे स्टेशन व झक्करकटी बस अड्डा, हमीरपुर रोड नौबस्ता पर जूही ट्रांसपोर्ट नगर, बारादेवी, किदवई नगर, वसन्त विहार, बौद्ध नगर, नौबस्ता
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दूसरा कॉरिडोर
सीएसए यूनिवर्सिटी से रावतपुर, काकादेव, डबलपुलिया, विजय नगर चौराहा, दादा नगर पुल, गोविन्द नगर, सीटीआई, बर्रा-7 व बर्रा-8

-मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के दोनों ओर 500-500 मीटर तक होगा टीओडी एरिया, इस एरिया में आने वाले मोहल्लों के प्लॉट्स पर तन सकेगी मौजूदा से ऊंची बिल्डिंग