भारत के विरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए फ़ॉर्मुला वन की फ़रारी टीम ने अपनी कारों पर इटली की नौ सेना के झंडे चिपका रखे हैं। उन्होंने ये झंडे केरल में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप का सामना कर रहे इतालवी नौसैनिकों के समर्थन में लगाए हैं।

इस क़दम की आलोचना करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, "जहाँ तक दोनों नौसैनिकों की बात है तो ये मामला अदालत में चल रहा है और क़ानून के मुताबिक़ ही उसका फ़ैसला होगा." प्रवक्ता ने खेल के ज़रिए इस तरह के मसले उठाने पर भी टिप्पणी की और कहा, "हमें लगता है कि खेल आयोजनों में ऐसे मसले उठाना जिनका खेल से कोई लेना-देना नहीं है, खेल की मूल भावना के अनुरूप नहीं है."

उधर इतालवी विदेश मंत्री गिलिओ तेर्ज़ी ने इस मसले पर ट्वीट किया, "फ़रारी को बधाई कि उन्होंने इंडियन ग्राँ प्री में नौसेना का निशान लगाया। ये दिखाता है कि पूरा देश नौसैनिकों के साथ खड़ा है."

फ़रारी का बयान

बाद में फ़रारी टीम की वेबसाइट पर एक बयान के ज़रिए इस विवाद को कुछ ठंडा करने की कोशिश की गई। बयान में कहा गया है, "भारतीय ग्राँ प्री के दौरान फ़रारी की रेसिंग कारों पर इटली की नौसेना का झंडा देश के एक बेहतरीन संस्थान के प्रति हमारे श्रद्धास्वरूप है। भारतीय अधिकारियों के प्रति पूरा सम्मान बरतते हुए फ़रारी ये स्पष्ट करना चाहता है कि इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है और न ही इसे उस रूप में देखा जाना चाहिए."

एफ़ वन रेसों का आयोजन करने वाली संस्था के प्रमुख बर्नी एकलस्टोन ने मामले को और बढ़ाने से बचते हुए कहा, "हम राजनीतिक नहीं हैं इसलिए हम इससे अलग ही रहते हैं." बताया जा रहा है कि उन्होंने भारतीय ग्राँ प्री आयोजकों से ये मामला देखने के लिए कहा है।

इस पर भारतीय आयोजक संस्था एफ़एमएससीआई के अध्यक्ष विकी चंढोक का कहना था, "एकलस्टोन ने हमसे ये सुनिश्चित करने को कहा है कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मक़सद नहीं है। हम ये देखेंगे। हम किसी भी तरह के राजनीतिक रुख़ का समर्थन नहीं करते हैं."

इटली के नौसैनिकों का मामला

इटली के समुद्री जहाज़ एनरिका लेक्सी के सुरक्षाकर्मियों ने फरवरी में भारतीय मछुआरों पर कथित तौर पर गोली चला दी थी। सुरक्षाकर्मियों का कहना था कि उन्हें लगा ये समुद्री लुटेरे हैं। सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में दो मछुआरे मारे गए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था जिसके बाद मामला केरल की अदालत में चला गया।

जिस समय गोलीबारी की घटना हुई थी उस समय इटली के सुरक्षाकर्मी अपने देश के टैंकर एनरिका लेक्सी की सुरक्षा के लिए तैनात थे। ये टैंकर सिंगापुर से मिस्र जा रहा था जिसमें 19 भारतीयों समेत 34 चालक दल के सदस्य सवार थे। गोलीबारी की घटना के बाद से इतालवी नौसैनिक हिरासत में थे। फिर मई के अंत में केरल हाईकोर्ट ने दोनों नौसैनिकों को सशर्त जमानत दे दी।

हाईकोर्ट ने दोनों नौसैनिकों को एक-एक करोड़ रुपए के निजी मुचलकों के अलावा एक-एक करोड़ रुपए की जमानत भी जमा करने को कहा था। उन्हें ये भी निर्देश दिया गया कि वे दोनों ही कोच्चि शहर छोड़कर नहीं जा सकते और दोनों को अपना पासपोर्ट जमा करना पड़ेगा।

फरवरी की यह घटना इटली और भारत के लिए कूटनीतिक तनाव की भी वजह बन गई थी। इटली का कहना रहा है कि कानून के अनुसार भारत इतालवी नौसैनिकों पर मामला नहीं चला सकता जबकि भारत इसे अपने अधिकार क्षेत्र की बात मानता है।

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