कानपुर(बयूरो)। कपड़े धोने और नहाने के सोप के यूज के बाद निकलने वाला पानी जमीन के भीतर जाकर ग्राउंड वाटर को पॉल्यूटेड कर रहा है। ऐसे में इस तरह के सोप की आवश्यकता है जो कि जलाशयों और ग्राउंड वाटर को पॉल्यूटेड न करें। इस पर काम करते हुए एचबीटीयू के ऑयल टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट को फस्र्ट फेज में सक्सेस हाथ लगी है। यहां की एमटेक स्टूडेंट स्मृति द्विवेदी ने वेस्ट कुकिंग ऑयल से कपड़े धोने का ग्रीन सोप बनाया है। इस सोप की खासियत है कि यह यूज होने के बाद पानी में जाने पर भी वाटर को पॉल्यूटेड नहीं करता है। फस्र्ट फेज में कपड़े धोने का सोप बनाने में सक्सेस मिलने के बाद एचबीटीयू के विशेषज्ञ वॉशिंग के बाद अब बॉथ सोप बनाने पर काम कर रहे हैैं। ग्र्रीन बॉथ सोप बनने के बाद टेक्नोलॉजी को पेटेंट कराया जाएगा।

पालिमेरिक सर्फेक्टेंट का किया यूज

ग्रीन सोप को बनाने में सर्फेक्टेंट में बायोडिग्रेडेबल पॉलिमेरिक सर्फेक्टेंट का यूज किया गया है। यह एक ग्रीन सर्फेक्टेंट है जो कि सोप के रूप में यूज किया जाने के बाद ग्राउंड वाटर या जलाशयों में मिलने के बाद भी वाटर पॉल्यूटेड नहीं होता है। इस सर्फेक्टेंट को बनाने में वेस्ट कुकिंग ऑयल का यूज किया गया है। सर्फेक्टेंट बनाने में वेस्ट कुकिंग ऑयल का मिथाइलइस्टर बनाकर पालीमेरिक एडिशन किया गया, जिसके बाद प्रोसेस से यह सर्फेक्टेंट बना है। यह यूज करने के बाद पानी में मिलने के बाद घटकों में टूट जाता है, जिससे वाटर पॉल्यूटेड होने से बचा रहता है।

यह है ग्रीन सोप की खासियत

एचबीटीयू में बने ग्रीन वॉशिंग सोप की खासियत यह है कि इसको यूज करने के लिए कम मात्रा में ही पानी में मिलाना पड़ता है। इसके अलावा ऑयल रिकवरी ज्यादा है, जिससे कपड़े जल्दी साफ हो जाते हैैं। इसके अलावा सर्फेक्टेंट के वेस्ट वाटर से बनने के चलते इसकी कीमत भी कम हो गई है। डिपार्टमेंट में बना सोप लिक्विड फार्मेट में है। इस सोप की सबसे इंपार्टेंट खासियत यह है कि यह खारे पानी में भी काम करता हैैं।

पेट्रोलियम सर्फेक्टेंट से बनते हैैं सोप

बाजार में आने वाले सोप में पेट्रोलियम प्रोडक्ट से बने सर्फेक्टेंट का यूज किया जाता है जो कि यूज करने के बाद जिस वाटर सोर्स में मिलते हैैं उसको पॉल्यूटेड कर देता है। पानी में मिलने के बाद घुलते नहीं बल्कि अपनी प्रापर्टी के अनुसार काम करते हैैं। इसके अलावा यह स्किन को भी नुकसान और डिसीज देते हैैं। यह नुकसानदायक हैैं।

डिपार्टमेंट में ग्रीन बॉथ व वॉशिंग सोप बनाने पर काम चल रहा है। फस्र्ट फेज में ग्र्रीन वॉशिंग सोप बना लिया गया है। इसको बनाने में पालिमेरिक सर्फेक्टेंट का यूज किया गया है। यह यूज करने के बाद जिस वाटर सोर्स मेें जाता है उसको पॉल्यूटेड नहीं करता है।

- प्रो। प्रïवीण सिंह यादव, एचओडी, ऑयल टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट