कानपुर(ब्यूरो)। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर देश का पहला कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनेगा। इस पर काम भी शुरू हो गया है। पांच साल की टाइमलाइन के भीतर कैंपस को कार्बन न्यूट्रल बनाने की तैयारी है। इसके लिए पांच साल मे क्या क्या होना है, इसका पूरा वर्कप्लान बनकर तैयार हो गया है। देश में हो रहे क्लाइमेंट चेंज से बचने के लिए आईआईटी ने कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनाने का प्लान किया है। कैंपस को कार्बन न्यूट्रल करने के बाद आईआईटी अपने कैंपस को देश के सामने एक बेस्ट प्लेस के रूप में पेश करेगा और देश के अन्य कैंपस को कार्बन न्यूट्रल होने के लिए अवेयर करेगा। इतना ही नहीं झांसी के एमईएस आर्मी स्टेशन को कार्बन न्यूट्रल करने के लिए आईआईटी के साथ एमओयू हुआ है।

इन संस्थाओं का मिला सहयोग
आईआईटी को कार्बन न्यूट्रल करने के लिए तीन पार्टनर मिल गए हैं। कैंपस को कार्बन न्यूट्रल बनाने में सहयोगियों की बात करें तो 14 ट्री फाउंडेशन, द एनर्जी रिसोर्स इंस्टीट्यूट और पावरग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।

घटेगा कैम्पस का टेंपरेचर
लगातार बढ़ रहे टेंपरेचर और ग्लोबल वार्मिंग के कारणों की वजह से आईआईटी को कार्बन न्यूट्रल कैंपस की आवश्कता महसूस हुई, इसका उद्देश्य क्लाइमेंट चेंज को रोकने और नेगेटिव इफेक्ट को कम करने के लिए कार्बन के इमिशन को कम करना है। अपने कैंपस को कार्बन न्यूट्रल करके आईआईटी अन्य स्थानों के लिए एक एग्जांपल भी प्रस्तुत करेगा।

यह होगा रिजल्ट
आईआईटी कानपुर का कैंपस कार्बन न्यूट्रल होने के बाद अपने में अलग होगा। आईआईटी की ओर से कल्पना किए गए रिजल्ट में एनर्जी एफिशिएंट, एनर्जी सेविंग, वाटर सेविंग एंड हार्वेस्टिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, कार्बन सेंसटिव ट्रांसपोर्ट, कम्यूनिटी अवेयरनेस और कार्बन सिंक एंड ग्रीन कवर समेत कई सारे पॉजिटिव चेंज देखने को मिलेंगे। कैंपस को इस तरह का बनाने के लिए कैंपस में काम स्टार्ट हो गया है।

इनको माना गया कार्बन सोर्स
कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनाने से पहले आईआईटी के साइंटिस्ट्स ने कार्बन के सोर्सेज का पता लगाया है। आईआईटी की ओर से बताया गया कि कार्बन सोर्स में इलेक्ट्रिसिटी प्रोडक्शन, व्हीकल फ्लीट, वेस्ट जेनरेशन हैं। इसके अलावा संगठनों द्वारा आयोजित सेमिनार, वेस्ट डिस्पोजल और इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स को कार्बन का सोर्स माना गया है। कैंपस में सबसे पहले कार्बन सोर्स को कम करने पर काम किया जाएगा। इसके अलावा इनके आप्शन को सर्च किया जाएगा।

सीकेसीईपीसीएस की स्थापना
आईआईटी ने क्लाइमेंट चेंजमेंट की प्राब्लम के साल्यूशन और पालिसी मेकर्स की हेल्प के लिए इस चंद्रकांता केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेंट साल्यूशन (सीकेसीईपीसीएस) की स्थापना की है। इस सेंटर में एनर्जी पॉलिसी और क्लाइमेट सॉल्यूशन को खोजा जाएगा। कैंपस को कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनाने की जिम्मेदारी भी इसी सेंटर की है। बताते चलें कि सेंटर का नाम डॉ। चंद्रकांत केशवन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इंडियन वूमेंस की एंट्री की स्टार्टिंग की है। सेंटर को अलका और सुधाकर केसवन द्वारा आईआईटी कानपुर को दिए गए गिफ्ट से बनवाया गया है। सुधाकर केसवन ने 1976 में आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।

चंद्रकांता सेंटर के जरिए कैंपस को कार्बन न्यूट्रल बनाने के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। आशा है कि आने वाले समय में बेस्ट रिजल्ट हमारे सामने होंगे।
प्रो। अभय करंदीकर, डायरेक्टर, आईआईटी कानपुर