- डीआईजी के आदेश पर शुरू हुई छापेमारी में दिखी लापरवाही

- घनी आबादी वाले इलाकों में छापेमारी होने से मचा हड़कंप

KANPUR: बारूद के ढेर पर कानपुर आई-नेक्सट के 20 अक्टूबर के अंक में और 'बारूद के जखीरे तलाशेंगे खाकी के खास दोस्त' 4 नवंबर को प्रकाशित की गई। इन दो शीर्षकों से प्रकाशित खबरों ने पुलिस को नींद से जगा दिया है। डीआईजी ने पहले ही आदेश कर दिया था कि किसी भी हालत में अवैध पटाखों का स्टॉक न हो पाए। थर्सडे को डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह ने वायरलेस से पूरे जिले में दीपावली तक रोज तीन घंटे के चेकिंग शुरू कराई। थाना पुलिस दोपहर दो बजे से पांच बजे तक अवैध पटाखों के स्टॉक की चेकिंग करेगी।

एक तरफ चेकिंग दूसरी ओर बिक्री

दरअसल कुछ दिन पहले ही बजरिया में अवैध पटाखों का बड़ा स्टोर पकड़ा गया था। जिसके बाद से पुलिस अलर्ट मोड पर है। पटाखों की अवैध रूप से हो रही बिक्री व स्टॉक की जांच करने के लिए मूलगंज पुलिस ने कई इलाकों में चेकिंग की। पुलिस की छापेमारी से हड़कंप मच गया। अवैध पटाखा बेच रहे लोग जानकारी मिलते ही भाग खड़े हए। हालांकि कहीं भी पुलिस पटाखों व अवैध रूप से बिक्री करने वालों को नहीं पकड़ पाई। खास बात ये रही कि एक गली में पुलिस चेकिंग करती रही तो दूसरी गली में पटाखे और आतिशबाजी खुलेआम बिकते रहे। आठ दस साल के बच्चे भी झोलों में पटाखे लेकर ग्राहकों को दिखाते रहे। मूलगंज थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने फोर्स के साथ मेस्टन रोड की तंग गलियों में चे¨कग की, दो दर्जन से ज्यादा दुकानें देखीं, लेकिन पटाखे या आतिशबाजी कहीं नहीं मिली। थाना प्रभारी ने बताया कि बच्चे झोलों में पटाखे भरकर बेच रहे थे, लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही वह भाग निकले। सादे कपड़ों में टीम भेजकर चे¨कग कराई जाएगी।

पहले पकड़े गए अवैध पटाखों के भंडारण

बजरिया थाना क्षेत्र के नाला रोड पर पिछले माह पुलिस ने भारी मात्रा में पटाखा पकड़ा था। वहीं पुलिस ने मौके से तीन सगे भाइयों को गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद डीआईजी ने पूरे शहर में पटाखों के अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने के आदेश दिए थे। दो दिन पूर्व मूलगंज पुलिस ने रोटी वाली गली में चप्पल कारोबारी को पटाखा बेचते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद तंग गलियों में पटाखों का अवैध भंडारण व बिक्री नहीं बंद हो रही है। पुलिस टीम छापेमारी की खानापूर्ति करके वापस लौट आ रही है।

इन बिंदुओं पर दिए चेकिंग के आदेश

- कितने बारूद का परमिट है

- कितना बारूद बिक रहा है

- बिकने वाला पटाखा अवैध तो नहीं है

- बिक रहा पटाखा कंपनी का है या लोकल

- बेचने वाले का लाइसेंस कितने दिन का है

- दुकान पर फायर ब्रिगेड की एसओपी पूरी हो रही है या नहीं

- इंट्री और एग्जिट प्वाइंट अलग-अलग हैं या नहीं।

- कोई हादसा होने पर सेफ बाहर कैसे निकला जा सकता है

- जितने इलाके के लिए परमिट है, उससे ज्यादा इलाका तो नहीं कवर किया गया

- आस पास कोई चाय की दुकान या होटल तो नहीं है

- डेली चेकिंग रजिस्टर दुकान में है या नहीं

- कहीं दबा कर, पटककर और रगड़ कर फोड़ने वाले पटाखे तो नहीं बन रहे हैं

'' पूरे डिस्ट्रिक्ट में पटाखों के अवैध स्टॉक की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसका सख्ती से पालन कराए जाने के लिए कहा गया है.''

डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी