नीलम चतुर्वेदी, सामाजिक कार्यकर्ता

सियासी पार्टियों के मेनिफेस्टो में महिलाओं के लिए हर बात आखिरी में ही क्यों होती है? चुनावों में महिलाओं की सुरक्षा और अपराध को रोकने के लिए पार्टियों का क्या एजेंडा है?

जवाब-

सलीम अहमद- महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने में कानून का डर सबसे ज्यादा कारगर होता है। हमारी सरकार बनी तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

डॉ। मनोज मिश्रा- हमारी पार्टी में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण हैं। टिकट वितरण में भी इसका ध्यान रखा गया है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमने अपने मेनिफेस्टो में कई ठोस वादे किए गए हैं। जिन्हें सरकार बनने के बाद पूरा किया जाएगा।

डॉ। महमूद रहमानी- महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर उनकी पार्टी हमेशा से ही संवेदनशील रही है। जेंडर इक्वालिटी के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानूनों की पैरवी करेगें।

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डॉ। आरती लालचंदानी, आईएमए प्रेसीडेंट

- जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सियासी पार्टियों के पास क्या योजना है? पॉलिटिकल लीडरशिप की कमी को लेकर कैसे पूरा किया जा सकता है?

जवाब-

राजाराम पाल-

जनसंख्या को अच्छी शिक्षा के जरिए ही नियंत्रित किया जा सकता है। हर वर्ग को समान शिक्षा का अधिकार मिलने से इस प्रॉब्लम को खत्म किया जा सकता है। साथ ही पॉलिटिकल लीडरशिप की क्राइसेस को टैकल करने का सबसे अच्छा तरीका ज्यादा से ज्यादा वोटिंग ही है।

अनिल शुक्ला वारसी- 60 साल तक कांग्रेस पार्टी समान शिक्षा के लिए क्या करती रही। रही बात जनसंख्या नियंत्रण की तो यह काम तो सामाजिक जागरूकता से ही किया जा सकता है।

डॉ। मनोज मिश्रा- बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने में ज्यादा जनसंख्या अड़चन है। हर तबके और समुदाय को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने से इसे काबू किया जा सकता है। यह हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में है।

डॉ। निखिल गुप्ता- बढ़ी जनसंख्या के मुद्दे पर मेरी भी वहीं राय है जो आपकी है। इसे काबू करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

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अनूप कुमार द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन

-लोकसभा चुनावों में देश के 20 लाख वकीलों के लिए सियासी पार्टियां क्या करेगी?

जवाब-

डॉ। निखिल गुप्ता - वकील अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं। हमें जब जरूरत होती है तो हम खुद उनके पास जाते है।

अनिल शुक्ला वारसी- हमारी पार्टी ने हमेशा ही वकीलों का साथ दिया है और उनके भले के लिए कई काम किए हैं। हमारी पार्टी की सरकार बनी तो वकीलों की समस्याओं का खास ख्याल रखा जाएगा।

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एसपी शर्मा- सीनियर सिटीजन

चुनाव जीतने के बाद सांसद जनता के प्रति जवाबदेह क्यों नहीं होते हैं?

जवाब-

राजाराम पाल- बुद्धिजीवी वर्ग बड़ी-बड़ी बातें तो करता है लेकिन वोट डालने के टाइम दिखाई नहीं देता। वोट गरीब लोग देते हैं। 60 प्रतिशत में 30 फीसदी वोटों से जीतता है तो वह सभी के प्रति जवाबदेह क्यों होगा? वह तो उन्हीं लोगों की सुनेगा जिन्होंने उसको जिताया।

डॉ। मनोज मिश्रा- ज्यादा वोटिंग से ही ज्यादा लोगों का भला होगा, तभी तंत्र भी जवाबदेह होगा।

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डॉ। प्रवीन कटियार, पूर्व आईएमए सेकेट्री

अगले पांच साल के लिए कानपुर के विकास को मुद्दा क्यों नहीं बनाया जा रहा? प्रत्याशी बताएं कि कानपुर के डेवलपमेंट का उनके पास क्या रोडमैप है?

जवाब-

डॉ। मनोज मिश्रा- राष्ट्रीय पार्टियां अपना मेनिफेस्टो राष्ट्रीय मुद्दों और जरूरतों के हिसाब से बनाती हैं। अटल जी की सरकार में हमने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से देश के चारों कोनों को जोड़ने का काम किया। जिसका फायदा शहर को भी मिला। अब हमने बुलेट ट्रेन चलाने और 100 नए सेटेलाइट शहर बसाने का वादा किया है। उसे भी पूरा करेंगे।

डॉ। निखिल गुप्ता- मैं आपकी बात से 101 फीसदी इत्तेफाक रखता हूं। शहर के मुद्दों की भी चर्चा होनी चाहिए। कानपुर क्यों देश का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां टीबी के पेशेंट विश्व में सबसे ज्यादा है।

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पुष्पेंद्र जायसवाल, पदाधिकारी सर्राफा एसोसिएशन

- तीन बार से चुनाव जीत रहे हमारे मंत्री बंद मिले और कारखाने क्यों चालू नहीं करा पाए?

जवाब-

राजाराम पाल- शहर में मेडिकल कालेज खुलवाने, घाटमपुर में नया पावर प्लांट लगाने जैसे काम हमारी सरकार ने ही किए हैं। बंद मिलों क्यों चालू नहीं हुई इसकी जानकारी मंत्री जी के पास ही होगी।

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डॉ। संजीव यादव

- भाजपा की सरकार बनी तो देश की सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा के लिए क्या करेगी? टैक्सेशन प्रणाली को लेकर आपकी सरकार क्या करेगी?

जवाब-

डॉ। मनोज मिश्रा- सुरक्षा के मामले में हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलेगी। बात चाहे सीमाओं की हो या फिर आंतरिक सुरक्षा दोनों ही मुद्दे हमारे मेनिफेस्टों में सबसे ऊपर हैं। रही बात टैक्सेशन प्रणाली की तो उसके सरलीकरण के लिए काम किया जाएगा।

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पुष्कर बाजपेई, सोशल वर्कर

तमाम योजनाओं के बाद भी प्राथमिक स्कूलों में ड्राप आउट रेट कम नहीं हो रहा है। इसे कम करने के लिए आपकी पार्टी की क्या नीति है? साथ ही गांवों में गर्भवती महिलाओं के लिए क्या सुविधाएं आपकी सरकार देगी?

जवाब-

डॉ। मनोज मिश्रा- एनडीए शासनकाल में डॉ। मुरली मनोहर जोशी ने ही सर्वशिक्षा अभियान की शुरुआत की थी। अब हमने अपने मेनिफेस्टो में डिग्री की पढ़ाई निशुल्क उपलब्ध कराने की बात कही हैं। ग्रामीण इलाकों की गर्भवती महिलाओं के लिए हमारी पार्टी की सरकारों ने अपने अपने राज्यों में टॉल फ्री नंबर जारी किए हुए हैं। इस क्षेत्र में और काम किया जाएगा।

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स्वरित द्विवेदी, एचबीटीआई छात्र

करप्शन के लिए पार्टियां क्या करेगी? उच्च शिक्षा के विकास के लिए सियासी पार्टियों का क्या एजेंडा है?

जवाब-

डॉ। मनोज मिश्रा- हमारी पार्टी अपने मेनिफेस्टो में उच्च शिक्षा के विकास के लिए कई बढ़े कदम उठाए हैं। कानपुर यूनिवर्सिटी को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास किया जाएगा।

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डॉ। श्वेता सिंह

अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सियासी पार्टियों का क्या एजेंडा है?

जवाब-

राजाराम पाल- हमारे घोषणा पत्र में इस बार गरीब लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने की बात कही है। साथ ही हर राज्य में एम्स स्तर के हॉस्पिटल शुरु करने की योजना पहले से ही चल रही है।

अरूण पाठक, टीचर, बीएनएसडी इंटर कॉलेज

सवाल-

करप्शन को खत्म करने के लिए पार्टियां क्या करेंगी?

जवाब

राजाराम पाल

करप्शन को जड़ से मिटाने के लिए हमारी पार्टी लगातार प्रयास कर रही है। कई बार हमारे बड़े नेताओं ने कहा है कि देश से करप्शन को हर हाल में मिटाना होगा।

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सलीम अहमद

हमारी सरकार के कार्यकाल में करप्शन को लगभग खत्म ही कर दिया गया था। अगर हमारी पार्टी केंद्र में आती है तो हम करप्शन को जड़ से मिटा देंगे।