- कानपुर को टुबेको-फ्री डिस्ट्रिक्ट बनाने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन बनाएगा स्पेशल टीम

- एनजीओ, सोशल वर्कर से लेकर बस कंडक्टर व चाय वाले भी शामिल होंगे टीम में

- जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार टुबेको प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से सबसे ज्यादा स्टेज-1 कैंसर

abhishek.mishra@inext.co.in

KANPUR : गुटखा, पान-मसाला और सिगेरट खाने-पीने वाले अलर्ट हो जाएं। सार्वजनिक स्थानों समेत प्रमुख लोकेशन्स पर इनका इस्तेमाल करते वक्त अगर बस का कंडक्टर या चाय वाला आपका चालान कर दे तो हैरान मत होइएगा। क्योंकि कानपुर को 'टुबेको-फ्री डिस्ट्रिक्ट' बनाने की कड़ी में एडमिनिस्ट्रेशन सोसाइटी के विभिन्न वर्गो को शामिल करने जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत एनजीओ, सोशल वर्कर, बस कंडक्टर समेत प्राइवेट कम्पनियों के एचआर तक को शामिल किया जाएगा। जिससे टुबेको प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से होने वाली कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से शहरवासियों को बचाया जा सके।

कानपुर देश में क्0वें नंबर पर

पढ़कर आप चौंकेंगे जरूर, लेकिन कानपुर देश का क्0वां ऐसा शहर है। जहां सबसे ज्यादा टुबेको प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है। कानपुर तम्बाकू प्रकोष्ठ की ताजा रिपोर्ट भी बेहद डरावनी है। इसमें जिक्र है कि यहां के लोग टुबेको प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इतना ज्यादा करते हैं कि स्टेज-क् कैंसर के पेशेंट्स सबसे ज्यादा यहीं पाए जाते हैं। एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने बताया कि शहरवासियों की अच्छी सेहत के लिए यह नियम सख्ती से लागू करवाया जा रहा है। जिससे माउथ कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों से किसी की भी जान न जाए।

70 से 80 लोगों की टीम

शहरवासियों की हेल्थ एंड सेफ्टी को ध्यान में रखकर 70-80 लोगों की स्पेशल टीम बनाई जा रही है। इसमें एनजीओ, समाजसेवी, सिविल डिफेंस कर्मचारियों समेत बस कंडक्टर, चाय वाला, जूस वाला तक शामिल किये जाएगा। जिससे ग्राउंड लेवल पर इस एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करवाया जा सके। इसमें मॉल व सिनेमा के ओनर-प्रबंधक के अलावा शोरूम व प्राइवेट कम्पनीज के एचआर से भी सम्पर्क किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरुक करना व जान की सुरक्षा करना है। डीएम ने बताया कि जरूरत पड़ने पर टीम में सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।

जुर्माने की रसीद बुक

पब्लिक प्लेसेज पर गुटखा, पान-मसाला व सिगरेट खाने-पीने वालों से मौके पर ही जुर्माना वसूला जा रहा है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की तर्ज पर जिले में बनाई जाने वाली टीम को जुर्माने की रसीद बुक भी दी जाएगी। डीएम डॉ। रोशन जैकब ने बताया कि नामित एनजीओ, समाजसेवी या व्यक्तियों को दोषी व्यक्तियों का मौके पर चालान काटने व जुर्माना वसूलने के लिए अधिकृत किया गया है। जुर्माने के रूप में वसूली गई धनराशि को जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ में जमा करवाया जाएगा।

नियम के नाम पर उत्पीड़न का आरोप

कोटपा के तहत पूरे शहर में कार्यवाही की जा रही है। इससे गुटखा बेचने वाले रिटेलर्स व दुकानदार भी त्रस्त हैं। सबका आरोप है कि प्रशासन उनका उत्पीड़न करने में जुटा है। जबकि टुबेको प्रोडक्ट्स की बिक्री पर पाबंदी नहीं है। आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे पर डीएम से बातचीत की। पता चला कि गुटखा, पान-मसाला या सिगरेट बेचने पर कार्यवाही नहीं की जा रही। बल्कि, दुकानों पर विज्ञापन बोर्ड नियम विरुद्ध लगे हैं। इन बो‌र्ड्स के 7भ् परसेंट एरिया पर कैंसर से पीडि़त व्यक्ति का चेहरे वाला चित्र होना चाहिए। इसी तरह वैधानिक चेतावनी 'तम्बाकू से कैंसर हो सकता है' भी बड़ा-बड़ा लिखा नजर आना चाहिए। डीएम ने बताया कि जिन दुकानदारों ने ऐसा नहीं किया है, उन्हीं का चालान काटा जा रहा है।

सीधे जुर्माना, अवेयर तो करते

गुटखा, पान-मसाला बेचने वाले छोटे दुकानदारों का कहना है कि कोटपा अधिनियम ख्00फ् का है। अफसरों को इसे लागू करना था तो पहले अवेयर कर देते। अचानक छापेमारी करके चालान काटना और जुर्माना वसूलना गलत है। नियम तो मैन्युफैक्चरर्स के लिए भी है कि उन्हें प्रोडक्ट्स की पैकिंग पर 7भ् परसेंट डरावना चित्र लगाना है पर वह तो ऐसा नहीं कर रहे। उन पर कोई कार्यवाही अब तक क्यों नहीं की गई। इस मुद्दे पर एडीएम सिटी ने कहा कि लोकल स्तर पर गुटखा, मसाला बनाने वाली कम्पनियां हैं। उन्हें भी नियमों का पालन करना है।

नहीं बनेंगे 'नो स्मोकिंग जोन'

कई देश व शहर ऐसे हैं, जहां पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग व टुबेको प्रोडक्ट्स के यूज पर बैन है। पर वहां गुटखा, पान-मसाला खाने-पीने वालों के लिए 'नो स्मोकिंग जोन' बनाए गए हैं। इस मुद्दे पर डीएम ने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य टुबेको प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को ही बंद करना है। नो स्मोकिंग जोन बनाएंगे तो टुबेको यूज करने वालों की संख्या में और इजाफा होगा।

क्या है कोटपा-ख्00फ् के मुख्य प्रावधान -

तम्बाकू की वजह से पब्लिक हेल्थ पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभावों से लोगों को बचाने के लिए भारत सरकार ने सिगरेट व अदर टुबेको प्रोडक्ट्स एक्ट-ख्00फ् (कोटपा) नामक राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम बनाया है। इसके तहत निम्न कार्य कानून के विरुद्ध हैं-

ø वर्क प्लेस सहित सार्वजनिक स्थानों में स्मोकिंग

ø टुबेको प्रोडक्ट्स के बारे में विज्ञापन देना

ø क्8 साल से कम एज ग्रुप के बच्चों को टुबेको प्रोडक्ट्स बेचना

ø स्कूल-कॉलेजों के क्00 गज के दायरे में टुबेको प्रोडक्ट्स की बिक्री

ø बिना सचित्र चेतावनी के तम्बाकू उत्पाद बेचना।

सेक्शन ब् : पब्लिक प्लेस जैसे ऑडिटोरियम, अस्पताल, रेलवे स्टेशन वेटिंग रूम, मनोरंजन केन्द्र, रेस्टोरेंट, शासकीय कार्यालयों, कोर्ट कंपाउंड, शिक्षण संस्थाओं, लाइब्रेरी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट अन्य कार्यस्थल व अन्य कार्यालय आदि धूम्रपान निषेध में आते हैं। इन सभी सार्वजनिक स्थानों पर म्0 बाई फ्0 सेंटीमीटर का चेतावनी बोर्ड लगाना जरूरी है। उल्लंघन करने पर ख्00 रुपए का दंड पड़ेगा।

सेक्शन-भ् : टुबेको प्रोडक्ट्स के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन उनके द्वारा स्पॉन्सरशिप व प्रोत्साहन निषेध है। पहली बार उल्लंघन पर ख् साल व क्,000 रुपए जबकि दूसरी बार अपराध पर भ् साल व भ् हजार का जुर्माना।

सेक्शन म् (अ) : क्8 साल से कम एज ग्रुप के व्यक्ति को तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है।

सेक्शन म् (बी) : शैक्षणिक संस्थानों के क्00 मीटर की परिधि में तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है। इसमें भी ख्00 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

सेक्शन 7 : तम्बाकू उत्पादों पर फोटोयुक्त स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए। उल्लंघन पर मैन्युफैक्चरर्स पर पहली बार ख् साल कैद या भ् हजार जुर्माना, दूसरी बार भ् साल कैद व क्0 हजार जुर्माने की व्यवस्था की गई है। रिटेलर्स से पहली बार क् साल कैद व एक हजार जुर्माना जबकि दूसरे साल ख् साल कैद व फ् हजार जुर्माना लिया जाता है।

सेक्शन ख्क् व ख्ब् : सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने व किसी नाबालिग व्यक्ति को व के द्वारा तम्बाकू बेचने के अपराध में ख्00 रुपए तक जुर्माने की व्यवस्था।

पब्लिक अवेयरनेस ड्राइव भी -

तंबाकू से होने वाले खतरों से पब्लिक, दुकानदारों व बच्चों को अवेयर करने के लिए कुछ इस तरह अवेयर किया जाएगा।

ø अवेयरनेस के लिए नागरिक मंच, नशा मुक्ति संगठन, प्रगति सेवा संस्थान आदि स्वयं सेवी संगठनो के साथ बड़ा चौराहा, फूलबाग, मॉल रोड, किदवई नगर,श्याम नगर, बारादेवी आदि विभिन्न व्यस्त चौराहों पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर जनसहभागिता को बढ़ाया जाएगा।

ø समाज के विभिन्न वर्गो को जोड़कर म् मई को नानाराव पार्क से ग्रीनपार्क स्टेडियम तक महारैली निकाली जाएगी।

ø ऑडियो-वीडियो वैन के जरिए लोगों को अवेयर किया जाएगा।

ø टुबेको अवेयरनेस को लेकर लोकल स्तर पर एक वीडियो तैयार किया गया है। सिनेमा हॉल व मल्टीप्लेक्स में मूवी से पहले इसे चलाया जाएगा।

ø कॉलेजों में 8 बाई 8 की वॉल पेंटिंग करवाई जाएगी।

ø सभी अफसर अपने-अपने ऑफिसों को नो टुबेको जोन डिक्लेयर करेंगे।

ø धार्मिक स्थलों में भी साइनेज लगवाकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

ø नशा मुक्ति के लिए एनजीओ अलग-अलग क्षेत्रों को गोद लेंगे और लोगों को अवेयर करेंगे।

ø जनपद को टुबेको-फ्री बनाने के उद्देश्य से यह ड्राइव चलाई गई है। नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से दुकानदार उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत 70-80 लोगों की टीम बनवाई जा रही है। जोकि निर्धारित स्थानों पर टुबेको प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने वालों का चालान काटकर जुर्माना वसूलेंगे।

- डॉ। रोशन जैकब, डीएम

ø कानपुर में टुबेको प्रोडक्ट्स की वजह से स्टेज-क् कैंसर सबसे ज्यादा होता है। जिन्हें टुबेको प्रोडक्ट्स खाना-पीना है। दुकान से खरीदकर अपने घर में यूज करें। सार्वजनिक स्थान, स्कूल-कॉलेज, मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, रेस्टोरेंट्स पर यह प्रतिबंधित है। क्8 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसकी बिक्री-खरीद पर भी बैन है।

- अविनाश सिंह, एडीएम सिटी