कानपुर (ब्यूरो)। कानपुर रिंग रोड को बनाने में एनएचएआई प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल करेगा। रिंग के 10 परसेंट में प्लास्टिक वेस्ट का यूज होगा.एनएचएआई मुख्यालय ने इस प्रोजेक्ट के 10 परसेंट हिस्से हिस्से में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल की परमीशन दे दी है। यह प्रयोग सफल रहने पर एनएचएआई के सभी प्रोजेक्ट में इसका इस्तेमाल करके निर्माण लागत कम की जाएगी। वहीं, प्लास्टिक कचरा कम होने से पर्यावरण की सेहत भी सुधरेगी।

तीन डिस्ट्रिक्ट से
एनएचएआई 93.200 किमी कानपुर रिंग रोड, जो तीन जिलों कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव से होकर गुजरेगी। ङ्क्षरग रोड का कानपुर नगर जिले में सबसे अधिक 61.300 किमी और कानपुर देहात में सबसे कम चार किमी हिस्सा होगा, जबकि उन्नाव जिले में 27.900 किमी सड़क बनेगी। पैकेज-एक और चार मंधना से रमईपुर 49.075 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण कार्य 15 जुलाई से शुरू हो जाएगा। पैकेज-दो रमईपुर से उन्नाव के आटा 19.225 किमी का टेंडर भी होने को है। ङ्क्षरग रोड के 68.300 किमी के हिस्से का निर्माण कार्य में सितंबर तक तेजी आ जाएगी। वहीं, पैकेज-तीन उन्नाव के आटा से मंधना 27.9 किलोमीटर के हिस्से में भूमि अधिग्रहण चल रहा है। इसके साथ ही एनएचएआई सड़क निर्माण की तकनीक और सामग्री पर भी मंथन शुरू कर दिया है। इसमें पर्यावरण संरक्षण पर भी खास फोकस है.इसे ध्यान में रखते हुए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रशांत दुबे ने बताया कि मुख्यालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत ङ्क्षरग रोड के 10 प्रतिशत हिस्से में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की है।

रिंग रोड
93.200 किलोमीटर है रिंग रोड की टोटल लंबाई
9482.79 करोड़ रु। है प्रोजेक्ट कास्ट