कानपुर (ब्यूरो)। सर! मेरे घर चोरी हो गई है, रिपोर्ट दर्ज करानी है। ये कहने पर थाने में दुत्कार ही सुनाई देती है। अगर कहीं धोखे से ये कह दिया कि पत्नी कहीं चली गई है, तो हंसी उड़ाते हुए दीवान यही कहेगा कि संभाली नहीं जाती तो शादी क्यों कीये बातें थानों में आम हैं। जब कोई थाने में शिकायत लेकर जाता है, तो उसे ऐसा ही कुछ सुनने को मिलता है, लेकिन जल्दी ही थाने में आपको फाइव स्टार वाली फीलिंग आएगी। थाने में घुसते ही एक महिला पुलिस कर्मी हाथ जोडक़र आपका वेलकम केरगी। फिर मेरा नाम है। बताइए मैैं आपकी क्या मदद कर सकती हूं। इतना ही नहीं, थाने में शिकायत करने वाले को पानी और खाने के लिए कुछ मीठा भी दिया जाएगा। जी हां ये हम नहीं, सिटी के नए पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने संडे को दो घंटे चली मैराथन मीटिंग में कही हैं।


चारों डीसीपी अपने को समझे अपने एरिया का मुखिया
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा कि कमिश्नरेट में तैनात सभी डीसीपी खुद को अपने इलाकों का मुखिया समझें। बीट पुलिसिंग मजबूत करें और बीट सिपाहियों को अपनी जिम्मेदारी बता दें, जिससे वे जिम्मेदारी से अपना काम करें। सभी प्रभारी निरीक्षक अपने थानों का वाट्सएप ग्रुप बनाए, जिसमें इलाके के सभी संभ्रांत लोगों को जोड़ें और उनके लगातार संपर्क में रहें। थानेदारों से स्पष्ट कहा कि जो लोग पब्लिक ओपिनियन में खरे नहीं उतरेंगे, वे थाने में रहने के कतई हकदार नहीं है। अगर थाने में रहना है तो सबसे पहले जनता का विश्वास जीतना होगा। वहीं विवेचनाओं पर बात करते हुए कहा कि जब तक उचित वजह नहीं होगी, विवेचना नहीं बदली जाएगी।

इनफार्मेशन विंग मजबूत करें
उन्होंने कहा कि किसी भी जिले की पुलिस को तभी मजबूत माना जाता है जब इसकी इनफार्मेशन विंग मजबूत हो। सर्विलांस के सहारे क्रिमिनल्स पकडऩे में लंबा समय लग जाता है लिहाजा सभी थानेदार अपनी इनफार्मेशन विंग मजबूत करें, जिससे अपराधी की पहचान आसानी से हो सके। घनी आबादी वाले इलाकों में धर्मगुरुओं के संपर्क में रहें जिससे आपके इलाके में सांप्रदायिक माहौल न खराब हो सके। उन्होंने थानेदारों से कहा कि जनता से अपील करें सोशल मीडिया के माध्यम से कि इलाके में कोई भी नया काम हो तो उसके बारे में जानकारी दें।

ट्रैफिक पुलिस के साथ हटवाएं एनक्रोचनमेंट
थानेदारों से कहा कि ट्रैफिक स्मूथ होगा तो शहर का चेहरा साफ दिखाई देगा। लिहाजा ये उनका दायित्व है कि ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर शहर की मुख्य सडक़ों पर इनक्रोचमेंट को हटाएं, ध्यान रहे कि इस पूरी प्रक्रिया में कोई परेशान न हो। शिकायतकर्ता अगर थाने से डीसीपी तक पहुंचता है तो कोई बात नहीं लेकिन अगर डीसीपी ऑफिस से उनके ऑफिस में पहुंचता है तो इसका मतलब थाने में कहीं काम नहीं हो रहा है, किसी न किसी बिंदु पर लापरवाही है, इस लापरवाही को दूर करना होगा।


हर स्टेज पर होगी मॉनीटरिंग, पीडि़त से लेंगे फीडबैक
थाने का मुंशियाना (ऑफिस) से मॉनीटरिंग शुरू होगी, उसके बाद सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर, एसीपी, एडीसीपी और डीसीपी तक का काम देखा जाएगा। थानेदार के काम का आंकलन जनता की वोटिंग करेगी, जो जनता की वोटिंग में खरा उतरेगा वह थाने में रहेगा नहीं तो थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता की शिकायत की मॉनीटरिंग उनके स्वयं के स्तर पर की जाएगी। उन्होंने थानेदारों को बताया कि वे लगातार उन लोगों को टच में हैैं जो परेशान हैैं। किसी भी तरह लोगों की परेशानी दूर करनी है, जिसके लिए हमारी नियुक्ति की गई है।

महिला और सीनियर सिटीजन की शिकायतें प्राथमिकता पर हल करें
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने अपने मातहतों को बताया कि शासन की पहली मंशा महिलाओं की शिकायत को प्राथमिकता पर हल करना है। कोई भी पीडि़त महिला थाने से किसी भी हालत में बिना न्याय के वापस न जा सके। यूपी पुलिस मित्र पुलिस है और आपके व्यवहार से ऐसा लगना चाहिए कि आपका व्यवहार आम जनता के साथ अच्छा हैैं।