- सरकार चुनने के लिए पब्लिक पूरी तरह से तैयार, विकास के आधार पर चुनेंगे सरकार

-पिछले दिनों प्रदेश की राजनीति में हुए घटनाक्रम को देखते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनना मुश्किल

KANPUR:

स्थान - कौशलपुरी बम्बा रोड

विधानसभा - सीसामऊ

विधायक - इरफान सोलंकी

खास बात - मिश्रित आबादी क्षेत्र

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होली तो अभी करीब डेढ़ महीने बाद आएगी, लेकिन उससे पहले चुनावी 'होली' का रंग बिखरना शुरू हो गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं विधानसभा चुनाव-2017 की। धार्मिक पर्वो की तरह यह भी लोकतंत्र का महापर्व है। इस महापर्व के यज्ञ में आहुति डालने की तैयारी हो रही है। इस यज्ञ के मंत्र हैं मुद्दे और आहुति होगी मतदान की। अब कैसे वोटों की आहुति डालनी है, किसे चुनना है और किसे किनारे कर देना है। सब पब्लिक के हाथ में है। गली हो या चौराहा, चाय-पान की दुकानों पर लगी महफिल में बस एक ही बात हो रही है कि कौन सी सरकार बनाने में पब्लिक का भला हो सकता है।

आई नेक्स्ट 'चाय पे चर्चा' के जरिए पब्लिक के मन को टटोल रहा है। ट्यूजडे को काफिला पहुंचा सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के कौशलपुरी बंबा रोड पर। यहां प्रेम की चाय की दुकान के पास क्षेत्र के लोगों ने राजनीतिक दरबार लगा रखा था। आई नेक्स्ट ने पहुंचते ही चर्चा को जन्म देने के लिए सवाल कर दिया कि कहिए साहब इस बार किसकी सरकार बनाने की गणित लगा रहे हैं? बस फिर क्या था तपाक से जवाब दिया रंजीत सिंह ने, बोले कहने की क्या बात है, जो विकास करेगा उसी की सरकार बनेगी। उनकी बात को प्रीतपाल सिंह ने भी ताकत दी और बोले कि इस बार दो ही मुद्दे हैं चुनाव में। पहला विकास और दूसरा नोटबंदी।

नोटबंदी प्रगति की नई तस्वीर

तना सुनते ही रंजीत सिंह बिल्लू बोले कि बहुत सही बात की। जो नोटबंदी हुई है उससे व्यापार तो पूरी तरह से चौपट हो गया है। शैली सलूजा भी मानो भरे बैठे थे, बोले कि अबकी चुनाव में यह मुद्दा बीजेपी पर बहुत भारी पड़ जाएगा। परमवीर ने कहा कि 50 दिन का समय मोदी जी ने मांगा था लेकिन परेशानी आज भी बनी हुई है। इसी बीच इन सबकी बात को काटते हुए डॉ। मनप्रीत सिंह बोले कि एक बात यह कहना चाहूंगा कि नोटबंदी का विरोध तो सिर्फ एक वर्ग विशेष ही कर रहा है। जबकि यह कदम देश के भविष्य के लिए बहुत अच्छा है। यह प्रगति की नई तस्वीर है।

नेताओं और अफसरों को भी पकड़ो

अरे भाई यह बात तो सिर्फ तुम्हीं कह रहे हो.। गगनदीप और रोमी अरोड़ा बोले कि उनके दिल से पूछे जिनका पैसा न निकल पाने की वजह से इलाज नहीं हो पाया और मौत के मुंह में समां गए. कुलवंत सिंह ने कहा कि तमाम शादियां कैंसिल हो गईं। इसका जिम्मेदार कौन। इसी बीच परमजीत सिंह भी बोल पड़े कि क्या ब्लैक मनी सिर्फ गरीबों और मिडिल क्लास लोगों के पास ही था। शिवम मल्होत्रा ने कहा कि किसी नेता और अफसर को नहीं पकड़ा गया. राजीव आहूजा भी इस बात पर अपनी सहमति देते हुए बोले कि एक बात बता दें कि व्यापारी चोर नहीं है, ये नेता और अफसरों के पास ही अथाह ब्लैक मनी भरी पड़ी है। जिसमें दम हो उन पर हाथ डाले तो जानें।

भई, विकास तो खूब दिख रहा है

आई नेक्स्ट ने अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए सवाल कर दिया कि अखिलेश जो विकास के दावे कर रहे हैं, उसका चुनाव पर क्या असर रहेगा? मंजीत सिंह ने जवाब दिया कि इसमें तो कोई शक नहीं कि अखिलेश राज में बहुत विकास हुआ है। आशू निगम और अजय निगम ने भी उनकी हां में हां मिलाते हुए कहा कि मेट्रो, एक्सप्रेस वे के अलावा सबसे बड़ी उपलब्धि तो बिजली सप्लाई में हुई है. इन्दरपाल सिंह बीच में ही बोले कि पहले रोड 10-12 घंटे तक बिजली कटौती होती थी, लेकिन आज एकाध घंटा से ज्यादा बिजली नहीं जाती। संजय टण्डन ने कहा कि भई अगर बिजली लगातार मिलेगी तो इण्डस्ट्री का भी विकास होना तय है।

नोटबंदी से बीएसपी हुई बरबाद

चर्चा में अलग ि1वषय लाते हुए पुष्पेन्द्र जायसवाल ने कहा कि भाई लोग कोई यह बताएगा कि बीएसपी का इस बार क्या होगा? इस बात पर सभी एक साथ बोल पड़े कि नोटबंदी ने उनको बरबाद कर िदया है। संजीव बीच में ही बोले लेकिन एक बात समझ लो बीएसपी को हल्के में मत लो। शहरी क्षेत्र में तो नहीं, लेकिन देहाती इलाकों में कांटे की टक्कर देगी। अब सवाल आया कि किसकी सरकार बनेगी। तब फिर एक साथ बोले कि इस बार बहुमत तो किसी को नहीं मिलेगा। मेन फाइट बीजेपी और सपा के बीच ही है, लेकिन कौन जीतेगा यह नहीं कहा जा सकता। इतना तो तय है कि जो भी जीतेगा अन्य किसी पार्टी से गठबंधन करके ही सरकार बना पाएगा, यानी इस बार खिचड़ी सरकार की पूरी संभावना बन रही है।