- एग्जाम रद किए जाने पर राजधानी के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल्स की आई मिली-जुली प्रतिक्रिया

LUCKNOW:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई बोर्ड 12वीं के एग्जाम रद कर दिए गए हैं। राजधानी से करीब 20 हजार स्टूडेंट्स इस एग्जाम में शामिल होने वाले थे। एग्जाम रद होने पर राजधानी के सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों के प्रिंसिपल्स की कुछ इस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं

एग्जाम रद करने की जगह सरकार को ऑनलाइन एग्जाम की व्यवस्था करनी चाहिए थी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है ऐसे में सरकार चाहती तो वैकल्पिक व्यवस्था कर अगले माह एग्जाम करा सकती थी।

रिचा खन्ना, प्रिंसिपल, वरदान इंटरनेशनल अकादमी

बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है लेकिन पढ़ाई को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है। कोरोना का प्रकोप कब खत्म होगा, कोई नहीं जानता है। कब तक हम बच्चों को एग्जाम से वंचित रखेंगे और प्रमोट करेंगे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता खराब होगी। मुझे अफसोस है कि आज शिक्षा हमारी प्रॉयरिटी बची ही नहीं है।

अनिल अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, सेंट जोसफ विद्यालय समूह एवं प्रेसिडेंट

अनेएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश

सरकार ने बिलकुल सही फैसला किया है जब तक सभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लग जाता तब तक एग्जाम नहीं होना चाहिए। बच्चों का स्वास्थ्य पहले है। ऐसे में एग्जाम लेना रिस्क वाला काम हो सकता था।

गीतिका कपूर, प्रिंसिपल, सेंट टेरेसा

थर्डवेव में बच्चों के भी संक्रमित होने का डर है। ऐसे में सरकार ने जो निर्णय लिया है वह बच्चों के हित में ही होगा। बच्चों को अपनी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए और मन लगाकर भविष्य की तैयारी करनी चाहिए।

राजीव तुली, निदेशक, मॉडर्न अकादमी

एग्जाम कैंसिल कर देना बच्चों के हित में है। अभी लोग कोरोना के खौफ से उबर नहीं पाए हैं। कई बच्चों के घरों में भी कैजुअल्टी हुई है ऐसे में एग्जाम रद करने का सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है।

शर्मिला सिंह, प्रिंसिपल, पायनियर स्कूल

एग्जाम से ज्यादा जरूरी है बच्चों की हेल्थ पर ध्यान देना। हालांकि एग्जाम रद करने से बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा लेकिन सरकार ने शिक्षा से अधिक बच्चों की हेल्थ पर ध्यान दिया है।

रीता खन्ना, डायरेक्टर, स्प्रिंग डेल कॉलेज

मैं सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती हूं। हां, इतना जरूर कहूंगी कि जो टॉपर बच्चे हैं या जिन्होंने बहुत अधिक मेहनत की है उनको निराशा होगी लेकिन वे ध्यान रखें, पढ़ाई कभी बेकार नहीं जाती है।

माला मेहरा, प्रिंसिपल, होएनेर कॉलेज