- सराफा कारोबारियों को अब दिवाली पर ही सेल की उम्मीद

Lucknow:लॉकडाउन खुलने के बाद भी राजधानी के सराफा बाजार की रौनक डाउन ही रहेगी। सराफा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि अब लोग पहले रोज की जरूरतों का सामान खरीदेंगे और सोना-चांदी लेने के बारे में बाद में सोचेंगे। लोग ज्वैलरी की ओर तभी आकर्षित होंगे जब इसके दाम कम होंगे। सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और इंवेस्टर्स भी इसमें इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। ऐसे में बिना सरकारी सहूलियतों के ज्वैलरी बाजार की चमक दिवाली से पहले लौटना मुश्किल है

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सरकारी उम्मीदें

- ज्वैलरी के बढ़ते दामों पर नियंत्रण के लिए सरकार स्कीम लाए।

- जितने दिन दुकान न खुले उतने दिन का बिजली का फिक्स चार्ज न लिया जाए।

- ज्वैलर्स ने जो लोन ले रखे हैं, उन पर कुछ माह का ब्याज न लिया जाए।

250 करोड़ का नुकसान

लॉकडाउन के चलते राजधानी के सराफा बाजार को अब तक करीब 250 करोड़ का नुकसान हो चुका है। राजधानी में एक सहालग के सीजन में करीब 200 करोड़ का कारोबार होता था। यहां सराफा की छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 300 दुकानें हैं।

कारोबार से जुड़े लोग

राजधानी में दुकानदारों और कारीगरों को मिलाकर करीब 75 हजार लोग सराफा बाजार से जुड़े हैं। अधिकतर कारीगर बंगाल और महाराष्ट्र के हैं।

कहां से आता है सोना

सराफा व्यापारी स्टेट बैंक से सोना खरीदकर सेल करते हैं। हालांकि कुछ बुलियन डीलर्स भी यहां आ गए हैं, जिनकी संख्या बहुत कम है। इंडिया में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और स्विटजरलैंड से सोना आता है।

कोट

लॉकडाउन से जो नुकसान सराफा बाजार को हुआ है, उसकी भरपाई संभव नहीं है। सरकार को सोने के दाम को लेकर कुछ ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे लोग लॉकडाउन के बाद सोना खरीदने के बारे में सोचे।

श्रुति केसरवानी, श्री बद्री सराफ, श्रंगार नगर

सोने के दाम कुछ ही दिनों में 45 हजार से 48 हजार पर पहुंच गए हैं। जिसमें अभी और इजाफा होगा। लॉकडाउन खुलने के बाद भी सराफा बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद कम ही है। सरकार के सहयोग से ही कुछ राहत मिल सकती है।

अजय अग्रवाल

ज्वैल पैलेस, महानगर

अब लोग पैसा खर्च करने के बारे में आसानी से नहीं सोचेंगे। जरूरी खर्चो को ही वह पहले देखेंगे। लॉकडाउन से सराफा बाजार पूरी तरह मंदी में चला गया है। अब तो दिवाली में ही कुछ सेल होने की उम्मीद है।

डॉ। अरुण ढाली, मैनेजर

साहू ज्वैलर्स प्राइवेट लिमि।