लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रैफिक की इस दुर्दशा के लिए केवल सिस्टम ही नहीं बल्कि पब्लिक भी जिम्मेदार है। हम आप को एक ऐसी तस्वीर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कारोबार करने वाले खुद ही व्यवस्था को तार-तार करने के लिए जिम्मेदार हैं। ऑफिस, शॉप, शोरूम में बैठकर बिजनेस व काम करने वाले अपने प्लेस को तो सेफ करना चाहते हैं, लेकिन उनके यहां आने वाले ग्राहकों व कर्मचारियों के लिए न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही अपने आप को जिम्मेदार समझते हैं। आलम यह है कि आधी रोड पर अवैध पार्किंग का कब्जा है। कुकरैल बंधा लिंक रोड से पॉलीटेक्निक चौराहे की दूरी करीब 3 किमी की है, जहां एक हजार चार पहिया व चार सौ बाइक अवैध पार्किंग में खड़े मिले।


6 नेशनल हाईवे शहर से जुड़े
-कानपुर लखनऊ हाईवे
-फैजाबाद हाईवे
-सुल्तानपुर हाईवे
-सीतापुर हाईवे
-हरदोई रोड हाईवे
-रायबरेली हाईवे

आधी रोड पर वाहनों का कब्जा
कुकरैल बंधा लिंक रोड से एचएल तिराहे तक करीब तीन किमी का दूरी है। दोनों तरफ रोड कम चौड़ी नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि फुटपाथ पर अवैध पार्किंग व दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। पैदल चलने के लिए फुटपाथ तो हैं नहीं, लेकिन मार्केट आने में वाले लोग व वहां काम करने वाले कर्मचारी अपनी गाड़ी रोड पर ही पार्क करते हैं। इससे आधी रोड पर पार्किंग हो जाती है और बाकी की रोड चलने के लिए बचती हैै।


एक साथ दो व्हीकल नहीं चल सकते
इन रोड पर एक साथ दो चार पहिया या बड़े व्हीकल पैरलर नहीं चल सकते हैं। 60 मीटर रोड पर अवैध पार्किंग की वजह से लोगों के लिए चलने के लिए काफी सकरी रोड ही मिलती है।

लिंक व सर्विल रोड चोक, पैदल चलना मुश्किल
लेखराज मेट्रो स्टेशन के पास कामर्शियल एरिया होने के चलते लिंक व सर्विस रोड भी बनाई गई है। तीस मीटर चौड़ी रोड का आलम यह है कि दोनों तरफ व्हीकल पार्किंग के चलते महज 10 मीटर रोड ही चलने के लायक बची है। सर्विस रोड पर भी सामने से कोई गाड़ी आ जाती है तो आमने सामने गाडिय़ां फंस जाती हैं सर्विल लेन में भी जाम लग जाता हैै।


ट्रैफिक पुलिस का कागजों पर अभियान
एरिया में ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम की तरफ से ट्रैफिक के लिए अभियान चलाने का दावा किया गया था। हालांकि न तो चौराहे व तिराहे पर ट्रैफिक ड्यूटी लगती है और न ही अफसर कभी झांकने पहुंचते हैं। कुछ दिन पहले भूतनाथ मार्केट में पुलिस के बड़े अफसरों ने मौके पर पहुंच कर जरूर अभियान चलाया, लेकिन अफसरों के जाते ही हालात जस के तस हो गए। व्हीकल उठाने वाली क्रेन दिन भर में 8 से 10 अवैध पार्किंग व रोड पर खड़े वाहन उठाती है, लेकिन हकीकत यह है कि तीन किमी की रोड पर एक हजार से ज्यादा वाहनों पर आखिर कैसे लगाम लगेेगी।


सुविधा है लेकिन मानते नहीं
ऐसा नहीं है कि जिम्मेदार विभाग ने पार्किंग की व्यवस्था नहीं की, लेकिन महज 20 से 30 रुपये बचाने व पार्किंग तक न जाने की जहमत उठाने वाले लोग ही अवैध पार्किंग का कारण बन रहे हैं। भूतनाथ मार्केट के अलावा कई अन्य पार्किंग की सुविधा दी गई है, लेकिन उसका प्रयोग नहीं किया जाता है।


दुकानदार व कर्मचारी भी लगाते हैं जाम
मार्केट में पार्किंग की सुविधा सबके लिए उपलब्ध है। बावजूद इसके मार्केट में आने वाले ग्राहक हो या फिर शोरूम, दुकान व मार्केट में काम करने वाले कर्मचारी सभी अपने व्हीकल रोड पर ही पार्क करते हैं। ऐसे में फुटपाथ पर पूरी तरह से कब्जा हो जाता है। जानकारों की मानें तो क्रेन दुकानदारों व उनके कर्मचारियों की नहीं बल्कि वहां आने वाले अंजान ग्राहकों की व्हीकल टो करते हैैं।

समय समय पर लगातार अभियान चलाकर लोगों को बताया जाता है, लेकिन कई बार लोग जानबूझ कर रोड पर अवैध रूप से गाड़ी पार्क कर देते हैं। इस रूट पर नो पार्किंग व नो वेडिंग जोन के चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं। गाड़ी टो करने की शिकायत तो करते हैं, लेकिन अपनी गाड़ी पार्किंग में पार्क नहीं करते हैं। जब तक लोग नहीं समझते तब तक हालात बदल नहीं सकते।
श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक