लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बुखार का प्रकोप भले पहले के मुकाबले कम हो गया हो, लेकिन ठीक होने के बाद भी लोगों के हाथ-पैरों में दर्द और सूजन की समस्या आ रही है, जिससे उनका चलना-फिरना तक मुश्किल हो रहा है। इसकी वजह से आर्थो की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टर भी इलाज के लिए विटामिन-डी लिखकर दे रहे हैं, क्योंकि बॉडी में इसकी कमी भी दर्द की बड़ी वजह बन रही है। वहीं, मार्केट में विटामिन-डी और कैल्शियम दवाओं की डिमांड भी बढ़ गई है।

मरीजों की संख्या बढ़ी

बुखार के बाद लोगों के हाथ-पैर में दर्द की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। इलाज के बावजूद लोगों को राहत नहीं मिल रही है। जिसकी वजह से रूटीन काम तक करने में अड़चन आ रही है। इसकी वजह से सिविल अस्पताल, बलरामपुर अस्पताल व केजीएमयू आदि की आर्थोपेडिक ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मरीज हड्डी में दर्द की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं, जहां डॉक्टर उन्हें बाकी दवाओं संग विटामिन-डी भी दे रहे हैं।

केजीएमयू में भी आ रहे मरीज

केजीएमयू के डॉ। डी हिमांशु के मुताबिक, मरीजों में बुखार के बाद मांसपेसियों में दर्द की समस्या देखने को मिल रही है। ओपीडी में भी ऐसे कई मरीज आ रहे हैं, जिन्हें दर्द निवारक समेत विटामिन-डी, कैल्शियम आदि दूसरी दवाएं दी जा रही हैं। इसके साथ लिक्विड डायट लेना भी जरूरी है। वहीं, बलरामपुर अस्पताल के आर्थो सर्जन व सीएमएस डॉ। जीपी गुप्ता के मुताबिक, भारतीय लोगों में विटामिन-डी की कमी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। इसकी भरपाई के लिए उनको विटामिन-डी और कैल्शियम आदि दवाएं दी जाती हैं, क्योंकि हड्डियां कमजोर होने से दर्द और उनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। ऑफिस और वर्क फ्रॉम होम की वजह से लोगों का धूप में बैठना और निकलना कम हो गया है। साथ ही गलत खानपान भी इसकी कमी की बड़ी वजह है।

30 फीसदी तक बढ़ी मांग

वहीं, दर्द की समस्या बढऩे पर मार्केट में विटामिन-डी और कैल्शियम की डिमांड भी बढ़ गई है। लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन रिटेल के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक, इधर एक माह से पेरासिटामोल के अलावा विटामिन-डी और कैल्शियम आदि की डिमांड में भी इजाफा हुआ है। करीब 25-30 फीसदी तक इनकी मांग में बढ़ोतरी हुई है। मार्केट में दवा का पूरा स्टॉक है। जरूरत पडऩे पर और भी माल मंगवाया जा सकता है।