- रविवार को साप्ताहिक बंदी के चलते 10वीं मोहर्रम पर नहीं जा सके थे कर्बला

LUCKNOW :

सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए शिया समुदाय के लोगों ने 10 मोहर्रम के दिन रविवार को साप्ताहिक बंदी के कारण घरों में रखे ताजिए दफन नहीं किए थे। सोमवार को अजादारों ने घर के करीब कर्बला में जाकर बारी-बारी से ताजिए सुपुर्द-ए-खाक कर अपने इमाम को आंसुओं के साथ विदाई दी। इस दौरान अजादार मास्क लगाए थे और पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करते नजर आए। कर्बला के जिम्मेदारों ने एक-एक कर अजादरों को कर्बला में प्रवेश दिया और ताजिए दफन करने में उनका सहयोग किया।

सुबह से लोग आना शुरू हुए

सोमवार सुबह से ही पुराने शहर में ताजिए दफन करने का सिलसिला शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा। इस बार जगह-जगह कर्बला में ताजिए दफन करने से कहीं भी भीड़ नहीं लगी। एक ओर जहां कश्मीरी मुहल्ला, हसनपुरिया व मंसूर नगर में रहने वालों ने एक-एक करके रौजा-ए-काजमैन में ताजिए दफन किए तो वहीं नक्खास, शाहगंज सहित आसपास के इलाके में रहने वालों ने हैदरगंज स्थित कर्बला पुत्तन साहिबा में अपने ताजिए दफन किए। इसी तरह सरफराजगंज व बालागंज के आसपास के लोग ताजिए लेकर कर्बला अब्बास बाग पहुंचे। हुसैनाबाद व शीशमहल आदि इलाके के लोग ताजिए लेकर काला इमामबाड़ा गए। जबकि, मुफ्तीगंज व आसपास रहने वाले लोगों ने इमामबाड़ा मिश्रिक की बगिया में ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किए। वहीं, कोरोना संक्रमण के चलते 11 मोहर्रम को होने वाले सभी बड़े आयोजन स्थगित रहे।

कर्बला के शहीदों का तीजा आज

मंगलवार को कर्बला के 72 शहीदों के तीजा मनाया जाएगा। शिया समुदाय के लोग घरों में शहीद-ए-कर्बला और असीरान-ए-कर्बला की नज्र दिलाएंगे। तीजे पर घरों में सोग (गम) के प्याले और शर्बत सहित विभन्न चीजों पर नज्र होगी। वहीं, घरों में मजलिस-मातक कर इमाम के चाहने वाले कर्बला के शहीदों का गम मनाएंगे। तीजे पर शहरभर में होने वाले सभी बड़े धाíमक आयोजन स्थगित रहेंगे।