लखनऊ (ब्यूरो)। यात्रीगण कृपया ध्यान दें, अगर आप ट्रेन का सफर करने जा रहे हैं तो आपको अपनी बेसिक जरूरतों की चीजों को भी खुद ही मैनेज करना होगा। पीने के पानी से लेकर सभी व्यवस्थाएं खुद करनी होंगी, क्योंकि रेलवे स्टेशन पर पानी, साफ-सफाई से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक में जमकर लापरवाही बरती जा रही है। अपने पाठकों की शिकायत पर ट्यूज्डे को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने राजधानी के बादशाहनगर रेलवे स्टेशन का रियलिटी चेक किया तो रेलवे के दावों की पोल खुल गई। दरअसल, बाहर से खूबसूरत लगने वाले इस स्टेशन में अंदर जाने पर प्लेटफार्म पर ठंडा पानी न होना, गंदगी, टूटी बेंच, खुली बिजली की तारें, स्ट्रीट डॉग से लेकर अन्य कई अव्यवस्थाएं नजर आईं, जिसका खमियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है।

प्लेटफार्म पर कुत्तों का झुंड

ट्यूज्डे दोपहर एक बजे आई नेस्क्ट की टीम जब बादशाहनगर रेलवे स्टेशन पहुंचती है, तो बाहर से स्टेशन बिल्कुल चकाचक था। जैसे ही स्टेशन की सीढिय़ों के पास पहुंचे तो दाहिने ओर खुले में पीकदान और गंदगी ने वेलकम किया। इतना ही नहीं, प्लेटफार्म के मेन गेट पर सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं थे। प्लेटफार्म पर आगे बढ़ते ही कई पैसेंजर्स पंखे की हवा ले रहे थे, लेकिन पास में ही पानी की टंकी के पास कई कुत्तों ने अपना बसेरा बनाया हुआ था। थोड़ी दूर आगे गए तो एक अधिकारी के कमरे के दरवाजे पर ही कुत्तों का झुंड नजर आया। प्लेटफार्म पर जगह-जगह गंदगी भी थी।

शो-पीस बना वाटर प्वाइंट

प्लेटफार्म पर दो से तीन वाटर प्वाइंट बने हैं, लेकिन इसे देख लग रहा था मानो इस टंकी से पानी यूज किए हुए कई साल हो गए थे। वाटर प्वाइंट पूरी तरह सूखा हुआ था, धूल मिट्टी जमी हुई थी, देखने में यह सिर्फ शो-पीस लग रहा था। स्टेशन पर बैठे एक पैसेंजर रवि कुमार ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर एक पर एक ठंडे पानी की टंकी लगी हुई है, लेकिन पानी गर्म ही आ रहा है, इसलिए वेंडर से ठंडा पानी खरीदा है, ताकि गर्मी में ठंडे पानी से प्यास बुझ सके।

पैसेंजर्स को डरा रहा खुला तार

प्लेटफार्म नंबर एक और दो पर बिजली के तार जमीन पर पड़े दिखे। हैरानी की बात तो यह थी कि तार पूरी तरह खुले थे, जो पैसेंजर्स या किसी अन्य व्यक्ति के लिए खतरा बन सकते थे। प्लेटफार्म पर कई बेंच भी टूटी और उखड़ी ह़ुई थीं, यानी यहां बैठने की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं थी।

फैक्ट फाइल

-03 प्लेटफार्म हैं स्टेशन पर

-44 टे्रेनों का आवागमन होता है

-6500 पैसेंजर्स रोजाना आते हैं

-18.30 करोड़ से होना है डेवलपमेंट

यह भी जान लीजिए

नार्थ ईस्टर्न रेलवे की तरफ से बादशाहनगर रेलवे स्टेशन को लगभग 18.30 करोड़ रुपये की लागत से संवारने का ब्लूपिं्रट तैयार किया गया है। इसके लिए टेंडर भी हो चुके हैं। यहां पर प्लेटफार्म सरफेस का अपग्रेडेशन, स्टेशन फसाड, डिस्प्ले बोर्ड, डिजीटल वॉच, 12 मीटर एफओबी, वेटिंग रूम, शौचालय समेत अन्य कई काम किए जाएंगे।

क्या बोले जिम्मेदार

रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। साथ ही गंदगी को दूर करने के लिए कई सारी योजनाएं लाई गई हैं। लोगों को भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि स्टेशन को साफ और स्वच्छ रखा जा सके।

महेश गुप्ता, पीआरओ, नार्थ ईस्टर्न रेलवे

क्या बोले पैसेंजर्स

हम लोग लखनऊ घूमने आए हैं, यह प्लेटफार्म काफी अच्छा है, लेकिन कई सुविधाएं यहां नहीं है। खासकर ठंडे पानी की। प्लेटफार्म पर कुत्ते और गंदगी बहुत है। इसे ठीक करने की जरूरत है।

वंदना सिंह और शिवकुमार सिंह

कई जगहों पर बिजली की तारें खुली हुई हैं, ऐसे में कोई हादसा भी हो सकता है। रेलवे अधिकारियों को चाहिए कि इसे तुरंत ठीक करवाएं। इस स्टेशन में और भी कई सुधार करने की जरूरत है

अजय कुमार

बादशाहनगर रेलवे स्टेशन का नाम काफी फेमस है। यह स्टेशन बाहर से काफी अच्छा है, लेकिन मूल सुविधाओं में और सुधार दिया जाए तो यह शहर का सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशन हो सकता है।

अंशुल रस्तोगी