शॉकिंग का लोगो

नंबरगेम

3.30 बजे दोपहर में हुआ प्लांट में धमाका

18 कर्मचारी काम कर रहे थे प्लांट में

3 की हादसे में दर्दनाक मौत

5 गंभीर रूप से हुए घायल

5 हजार स्क्वायर फीट एरिया में बना है ऑक्सीजन प्लांट

- ऑक्सीजन रिफलिंग के दौरान सिलिंडर में हुआ धमाका

- धमाके से इलाका थर्राया, प्लांट के बाहर पुलिस फोर्स थी मुस्तैद

- हादसे में घायलों को इलाज के लिए लोहिया हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती

बुलेट।

1. चीफ फायर अफसर की टीम धमाके के कारणों की कर रही जांच

2. मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, डीएम समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे

3. हादसे की वजह, सिलिंडर का कमजोर होना बताया जा रहा है

4. रिहायशी इलाके में चल रहा था लिक्विड ऑक्सीजन गैस का प्लांट

5. प्लांट में गैस सिलिंडर के रिफलिंग के लिए मौजूद थे दर्जनों लोग

इनकी हुई मौत

1. दीपू कनौजिया निवासी निरालानगर आईटी कॉलेज

2. अरुण पांडेय निवासी लखनऊ (सिर्फ धड़ मिला) प्लांट कर्मचारी

3. त्रिभुवन यादव निवासी तासीपुर बाराबंकी प्लांट कर्मचारी

यह हुए घायल

1. अंकुर (25) पुत्र राम सिंह निवासी नारीपुरवा थाना फतेहपुर बाराबंकी (दोनों पैर उड़ गए)प्लांट कर्मचाी

2. आशीष कुमार (23) पुत्र मूल्हे निवासी रुद्रपुरवा थाना गुडंबा लखनऊ (बाया पैर, बाई जांघ, बाया हाथ काटा) प्लांट कर्मचारी

3. नीरज (30) निवासी बम्हॉरा महमूदाबाद सीतपुर (आंख व पैर में गंभीर चोट) प्लांट कर्मचारी

4. राजबली यादव (20) पुत्र जय सिंह निवासी सुहावल जिला फैजाबाद (बाया हाथ कोहनी से गायब, पेट में गंभीर चोट) प्लांट कर्मचारी

5. आकाश यादव (26) पुत्र राम लखन यादव निवासी शेखुपुरा कॉलोनी विकास नगर लखनऊ (दाहिने कंधे पर चोट) प्लांट कर्मचारी

6. धनंजय प्लांट कर्मचारी

7. मुलायम प्लांट कर्मचारी

8. अजय साहू निवासी तेलीबाग, ऑक्सीजन सिलिंडर भरवाने आये थे

LUCKNOW(5 May): राजधानी के देवा रोड स्थित धावा गांव में केटी ऑक्सीजन प्लांट में बुधवार दोपहर रिफलिंग के दौरान सिलिंडर फटने से हड़कंप मच गया। हादसे में प्लांट में काम कर रहे तीन कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि पांच कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गये। हादसे के दौरान प्लांट में चिहनट थाने की पुलिस फोर्स और पीएसी के जवान सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। प्लांट के बाहर दर्जनों एंबुलेंस और ऑक्सीजन रिफलिंग कराने वालों की भीड़ मौजूद थी। धमाके से पूरा इलाका थर्राया गया। सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों ने प्लांट से घायल कर्मचारियों को बाहर निकाल एंबुलेंस से इलाज के लिए लोहिया हॉस्पिटल भेजा। हादसे की सूचना पाकर कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, डीएम और चीफ फायर अफसर मौके पर पहुंच गये। सीएफओ हादसे की जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया ऑक्सीजन सिलिंडर के कमजोर होने के चलते रिफलिंग के दौरान हादसा बताया जा रहा है।

धमाके के बाद मैनेजर और कर्मचारी फरार

चिहनट के देवा रोड स्थित धावा गांव के पास रिहायशी इलाके में इंदिरानगर निवासी अतुल कुमार का केटी वेल्डिंग स्टोर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट काफी लंबे समय से चल रहा है। इसकी देखरेख मैनेजर रिषी करते हैं। प्लांट से ऑक्सीजन फुटकर और अस्पतालों को सप्लाई की जाती है। कोरोना संकट के चलते प्लांट 24 घंटे चल रहा है। बुधवार दोपहर करीब 3.30 बजे ऑक्सीजन सिलिंडर रिफलिंग का काम चल रहा था। उसी दौरान अचानक एक सिलिंडर फट गया। हादसे के बाद चारों तरफ धुएं और धूल का अंबार फैल गया। चीख पुकार के बीच आस पास भगदड़ मच गई। भीड़ का फायदा उठाकर प्लांट में काम करने वाले कुछ कर्मचारी और मैनेजर मौके से फरार हो गये।

दर्दनाक मौत, क्षत-विक्षत हुए कर्मचारी

हादसे में प्लांट के कर्मचारियों के शरीर बुरी तरह क्षत विक्षत मिले। कई कर्मचारियों के केवल धड़ मिले जबकि घायलों में किसी के हाथ तो किसी के पैर तक उड़ गए थे। हादसे में तीन कर्मचारियों की मौके पर मौत हो गई, जिसमें एक कर्मचारी की अभी तक पहचान भी नहीं हो सकी।

एंबुलेंस से पहुंचाया हॉस्पिटल

कोरोना के चलते ऑक्सीजन की बढ़ी डिमांड के चलते ऑक्सीजन प्लांट के बाहर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर रखी है। केटी प्लांट के बाहर भी चिनहट थाने के एक इंस्पेक्टर, 6 सब इंस्पेक्टर, 25 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के साथ पीएसी भी तैनात है। हादसे के समय प्लांट से ऑक्सीजन सिलिंडर लेने के लिए कई एंबुलेंस और गाडि़यों के साथ सैकड़ों लोग मौजूद थे। विस्फोट के बाद चीख पुकार सुनकर सुरक्षा ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों ने अंदर पहुंच कर घायलों की मदद की और उन्हें बाहर निकाला। पुलिस ने गंभीर रूप से घायलों को एंबुलेंस से लोहिया हॉस्पिटल भेजा, जहां हालात बिगड़ने पर कुछ कर्मचारियों को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

सिलिंडर था कमजोर

ऑक्सीजन प्लांट में विस्फोट की सूचना पाकर मंडलायुक्त रंजन कुमार, पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर, डीएम अभिषेक प्रकाश के साथ साथ चीफ फायर अफसर विजय कुमार भी मौके पर पहुंच गये। घायलों की तत्काल मदद के लिए पुलिस और सीएफओ ने प्लांट में विस्फोट के कारणों की जांच शुरू कर दी। डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि विस्फोट के कारणों की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि कमजोर सिलिंडर के चलते धमाका हुआ है। इसकी वजह से गैस रिफलिंग के दौरान यह हादसा हुआ।

कोट

चिनहट के केटी प्लांट में बड़ी दुर्भाग्य पूर्ण घटना हुई है, जिसमें एक ऑक्सीजन सिलिंडर के ब्लाट होने के चलते हादसा हुआ। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि करीब पांच लोग घायल हो गये। सभी घायलों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। प्लांट में राहत कार्य जारी है। हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है।

अभिषेक प्रकाश, डीएम, लखनऊ

ऑक्सीजन सिलिंडर भरे जाने के दौरान एक सिलिंडर में विस्फोट हो गया। प्रथम टृष्टया में जांच के दौरान सामने आया कि सिलिंडर में डिफेक्ट होने के चलते हादसा हुआ है। हादसे में तीन की मौत हुई है जबकि पांच लोग घायल हुए हैं। घायलों में एक युवक की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। सीएफओ की टीम हादसे के कारणों की पड़ताल कर रही है।

डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर ऑफ लखनऊ

बॉक्स

30 अप्रैल को प्लांट मालिक के खिलाफ दर्ज हुआ था केस

पुलिस के अनुसार ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी के मामले में केटी ऑक्सीजन प्लांट के मालिक अतुल कुमार समेत 6 लोगों के खिलाफ चिनहट पुलिस ने 30 अप्रैल को केस दर्ज किया था। पुलिस ने प्लांट मालिक अतुल कुमार के साथ साथ डाला के ड्राइवर देवानंद और बहराइच निवासी एके खान समेत तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने डाला के ड्राइवर देवानंद को 20 ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ गिरफ्तार भी किया था। वह अवैध रूप से बहराइच में ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की सप्लाई कर रहा था।

रिहायशी इलाके में चल रहा था प्लांट

देवा रोड स्थित डॉ। बीआर दुबे इंक्लेव में केटी ऑक्सीजन प्लांट चल रहा है। पूरे इलाके में सैकड़ों मकान हैं, जहां हजारों लोग रहते हैं। रिहायशी इलाके में प्लांट चल रहा था जबकि प्लांट रिहायशी इलाके के बाहर होना चाहिये।

ऐसे तैयार होती है ऑक्सीजन

- मैनुफैक्चरर्स द्वारा लिक्विड ऑक्सीजन को बड़े टैंकर में स्टोर किया जाता है

- फिर वहां से काफी ठंडे क्रायोजेनिक टैंकरों के जरिए डिस्ट्रीब्यूटर तक भेजा जाता है

- इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर इसका प्रेशर कम करके गैस के रूप में विभिन्न प्रकार के सिलेंडर में भरते हैं।

- उसके बाद यह सिलिंडर अस्पतालों और छोटे सप्लाइयर्स तक पहुंचाये जाते हैैं

इसे भी जानें

- अस्पतालों में 7 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलिंडर का इस्तेमाल होता है

- सिलेंडर की ऊंचाई करीब 4 फुट 6 इंच और क्षमता 47 लीटर के आस.पास होती है

- इस सिलिंडर से एक मरीज को करीब 20 घंटे तक ऑक्सीजन दी जा सकती है

- 7 क्यूबिक मीटर वाले मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफलिंग कराने में 175 से 200 रुपये का खर्च आता है

- अस्पताल के खर्चो को जोड़कर सिलिंडर का दाम 350 रुपये हो सकता है

- केंद्र सरकार ने 1 क्यूबिक मीटर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की अधिकतम कीमत (एक्स फैक्ट्री ) 15,22 रुपये और मेडिकल ऑक्सीजन की कीमत 25,71 रुपये तय कर रखी है

- इस कीमत में जीएसटी शामिल नही हैं।

- 25 सितंबर 2020 को नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने दाम तय किये थे