नंबर गेम
2 साल से बनकर तैयार है बर्न यूनिट
63 नर्स की यूनिट के लिए मांग
83 तृतीय श्रेणी कर्मियों की जरूरत
100 के करीब चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांग
- केजीएमयू की कार्यपरिषद की बैठक में लगी मुहर
- क्वीनमैरी हॉस्पिटल में शुरू होगा मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट एमसीएच
LUCKNOW:
केजीएमयू में दो साल से बनकर तैयार बर्न यूनिट शुरू की जाएगी। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए मैन पॉवर तैनाती को मंजूरी दे दी है। साथ ही क्वीनमेरी स्थित मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट को भी आउट सोर्सिग से स्टॉफ मिलेगा। गुरुवार को केजीएमयू में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में ये निणर्1य लिए गए।
246 पदों पर होगी भर्ती
कार्यपरिषद के सदस्यों ने प्लास्टिक सर्जरी विभाग की बर्न यूनिट व क्वीनमेरी में कई माह से बनकर खड़ी एमसीएच यूनिट के लिए स्टाफ की मंजूरी दी है। इन यूनिटों के लिए सरकार की ओर से पद भी सृजित किए गए हैं। फिलहाल यूनिवर्सिटी ने होने वाले लाभ से न्यूनतम श्रम शक्ति मुहैया कराने का फैसला किया है। यह कर्मी आउट सोर्सिंग से रखे जाएंगे। बर्न यूनिट में करीब 63 नर्स, 83 तृतीय श्रेणी और 100 के करीब चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांग की गई है। वहीं एमसीएच यूनिट में भी दो सौ के करीब स्टाफ की जरूरत होगी।
60 बेड की बर्न यूनिट
केजीएमयू में बर्न यूनिट 60 बेड की होगी। यह दो वर्ष से बनी खड़ी है। स्टाफ के अभाव में यह शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में अब बर्न के मरीजों के साथ-साथ क्वीनमेरी में गर्भवती व प्रसूता को भर्ती के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
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मेडिकल कॉलेज को मिलेंगे शव
केजीएमयू द्वारा नए संबद्ध मेडिकल कॉलेजों को कैडेवर मुहैया कराए जाएंगे। यह कैडेवर छात्रों के अध्ययन के लिए दिए जाएंगे। अभी यूनिवर्सिटी से नौ मेडिकल कॉलेज संबद्ध हैं, जहां देहदान का अभाव है।
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कार्यपरिषद से ही मिलेगी एनओसी
केजीएमयू में अब चिकित्सा व नर्सिग के छात्रों को डीन एनओसी नहीं दे सकेंगे। अन्य कॉलेजों में इंटर्न के लिए स्टूडेंट्स को आवेदन करना होगा। कार्यपरिषद की बैठक में एनओसी पर निर्णय होगा। इसके अलावा चिकित्सकों से जुड़े विभिन्न मसले बैठक में रखे गए, जिन्हें विधिक राय के लिए भेजा गया है।