- नशे के कारोबार के चलते चार माह में दो सनसनीखेज हत्या

- कहीं पुलिस कर्मी सरगना तो कहीं सरपरस्ती में चलवा रहे नशे का धंधा

LUCKNOW: राजधानी में तेजी से फल फूल रहा नशे का कारोबार अब खूनी होता जा रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले चार माह में नशे के कारोबार में वर्चस्व को कायम रखने पर दो की हत्या कर दी गई जबकि एक मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी। हैरानी की बात यह है कि यह कारोबार पुलिस की सरपरस्ती पर हो रहा है। हाल ही में इसमें लिप्त एक हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया।

केस नंबर एक-

वकील को मौत के घाट उतारा

कृष्णानगर थाना इलाके के स्नेहनगर में रहने वाले वकील शिशिर त्रिपाठी (32) की 7 जनवरी की रात दामोदर नगर में दबंग गांजा तस्करों ने मिलकर हत्या कर दी। हत्या का आरोप विनायक ठाकुर, धीरज, मुस्तफा व शुभम यादव पर है। कुछ दिनों पहले गांजा तस्करी के विरोध के चलते विवाद हुआ था। इस पर रंजिश रखते हुए दबंग गांजा तस्करों ने मिलकर वकील शिशिर की हत्या कर दी थी।

केस नंबर दो-

धंधे में साझेदार बनाने का डाल रहा था दबाव

कैंट थाना के सामने पूड़ी विक्रेता दीपक वर्मा उर्फ दीपू (38) की 21 सितंबर 19 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने सदर के वाल्मीकि मोहाल निवासी दिलीप कुमार वैश्य उर्फ डब्लू और दो शूटर को गिरफ्तार कर लिया था। दिलीप गांजे का काम करता था और दीपू उसके धंधे में हाथ डाल रहा था। उसने दिलीप से 20 हजार रुपये महीना देने या गांजे के धंधे में साझेदार बनाने का दबाव डाला था। इसके बाद हत्या की साजिश रची गई। दिलीप ने गोंडा के मनकापुर स्थित करौंहा गांव निवासी राजीव रंजन श्रीवास्तव उर्फ सक्षम उर्फ राजा और बरौना गांव के आदर्श कुमार उर्फ आकाश श्रीवास्तव को दीपू की सुपारी दी थी।

केस नंबर तीन

दोस्त ने मौत के घाट उतारा

28 अक्टूबर 18 को चौक स्थित काली मंदिर के पास वाले पार्क में अमित रावत (16) की हत्या कर दी गई थी। मामले में चौक के सोंधी टोला निवासी युवक सनी शर्मा (18) को लोहिया पार्क के पास से गिरफ्तार किया गया था। चौक पुलिस ने दावा किया था कि सनी शर्मा ने ही अपने दोस्त अमित की हत्या 27 अक्टूबर की रात इसलिए कर दी थी, क्योंकि अमित उसे नशा करने के लिए व्हाइटनर नहीं दे रहा था। इसको लेकर पार्क में हीं दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद उसने ईंट से अमित के सिर पर कई वारकर उसकी हत्या कर दी थी।

सिपाही चला रहा था नशे का कारोबार

कैंट और उसके आसपास के इलाकों में हो रही मादक पदाथरें की तस्करी और बिक्री का काला धंधा लखनऊ पुलिस का एक हेड कांस्टेबल पवन कुमार चला रहा था। 28 अक्टूबर 19 को नारकोटिक्स सेल टीम और कैंट थाने की पुलिस ने सिपाही पवन और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हेड कांस्टेबल पवन कुमार के पास से 244 पुडि़यां स्मैक, 1.58 लाख रुपये और एक क्रेटा कार भी बरामद की थी।

दबंग दंपत्ति करते हैं गांजा का कारोबार

कृष्णनगर के आजादनगर चौकी इलाके में एक दबंग दंपत्ति गांजा का कारोबार करते हैं। उन्हें चौकी के एक सिपाही का संरक्षण मिला हुआ है। दबंग दंपत्ति एरिया में खुलेआम गांजा की बिक्री करते हैं। यहीं नहीं किसी नए कारोबारी के एरिया में आने पर वह सिपाही के साथ मिलकर उसे माल समेत गिरफ्तार भी करा देते हैं। हाल में पुलिस ने गांजा की बिक्री करने वाले एक युवक को उनकी शिकायत पर माल समेत गिरफ्तार किया था। यहीं नहीं वकील शिशिर की हत्या की गांजा कारोबार के चलते हुई थी। हत्यारोपी मोनू तिवारी के एक साथी अनिल वर्मा को कृष्णा नगर पुलिस ने 9 सौ ग्राम मादक पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि अनिल की गिरफ्तारी के पीछे शिशिर का हाथ था और इसकी के चलते उसकी गांजा तस्करों ने हत्या कर दी।