- जानकीपुरम के रहने वाले थे दोनों युवक, बर्थ डे पार्टी में शामिल होने जा रहे थे

- इटौंजा स्थित फ्लाईओवर के पास सीतापुर रोड पर हुआ हादसा

- इंजन में शार्ट सर्किट से लगी आग, गैस कटर से गाड़ी काटकर निकाले गए शव

LUCKNOW: दोस्त की बर्थ डे पार्टी सेलिब्रेट करने जा रहे कार सवार दो युवक रोड किनारे खड़े ट्रक से जा टकराए। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गये। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गैस कटर से कार को काटकर दोनों को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर गये, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। एक्सीडेंट में कार चला रहा युवक और उसका साथी अंदर ही दब गए थे। हादसा इटौंजा फ्लाईओवर के पास सीतापुर हाईवे पर सुबह के समय हुआ।

बर्थ डे पार्टी में जा रहे थे दोनों दोस्त

इंस्पेक्टर इटौंजा अवनीश कुमार ने बताया कि जानकीपुरम के सेक्टर आई यूनाइटेड सिटी कॉलोनी निवासी विदित टंडन (30) अपने साथी जानकीपुरम के सेक्टर एफ आकांक्षा कॉलोनी के पीछे रहने वाले प्रिंस सिंह (23) के साथ दोस्त की बर्थडे पार्टी में शामिल होने इटौंजा जा रहा था। घटना सुबह करीब पांच बजे की है। कार विदित चला रहा था। रास्ते में इटौंजा में सीतापुर रोड स्थित फ्लाईओवर से उतरते ही कार सड़क के किनारे ट्रक में पीछे से जा घुसी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के आगे हिस्से के परखच्चे उड़ गए। विदित और प्रिंस कार के अंदर ही बुरी तरह से फंस गए।

गैस कटर से काटकर निकाला बाहर

हाईवे पर मौजूद लोगों का कहना कि एक्सीडेंट के बाद इंजन में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, लेकिन स्थानीय लोगों ने पानी डालकर आग पर काबू पा लिया। घटना की सूचना फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस को दी गई। फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी और पुलिस कुछ ही देर में मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने गैस कटर से कार को काटकर घायल विदित और प्रिंस को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

बेतरतीब खड़े ट्रक के चलते हुआ हादसे

राहगीर और स्थानीय लोगों के मुताबिक इटौंजा फ्लाईओवर उतरते ही दर्जनों की संख्या में ट्रक सड़क पर ही बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं, जिसके कारण यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस इसे नजरअंदाज करती है।

इकलौते बेटे की मौत से मचा कोहराम

मृतक प्रिंस सेक्टर एफ जानकीपुरम निवासी मुरारी सिंह व नीलू देवी का इकलौता बेटा था। मुरारी के मुताबिक वह इंजीनियरिंग कॉलेज में मेस चलाते हैं। प्रिंस भी उनके काम मे सहयोग करता था। प्रिंस की दो बहनें भी हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मां नीलू रो रोकर कई बार बेहोश हो गई।

बॉक्स

कुछ दिन पहले भी हो चुका हादसा

कुछ दिन पहले हरदोई रोड पर ओवरटेक करने के चलते दो रोडवेज बस की आपस में भिड़ंत हो गई, जिसमें कैसरबाग डिपो में सवार 6 पैसेंजर्स की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में बस ड्राइवर, कंडक्टर समेत अज्ञात महिला व एक पिता-पुत्र भी शामिल थे। मामले की जांच परिवाहन विभाग ने की थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया था कि रोड पर खड़े ट्रक की वजह से ओवरटेक करते समय स्पेस न होने के चलते हादसा हुआ था।

साइट स्टोरी

हेडिंग- रोड एक्सीडेंट में उत्तर प्रदेश अव्वल

- पूरे देश में सबसे ज्यादा यूपी में 15 प्रतिशत होते हैं रोड एक्सीडेंट

- एक्सीडेंट में सबसे ज्यादा बाइक सवाल की होती है मौत

LUCKNOW(3 Sept): तेज रफ्तार, ओवरटेक और लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से पिछले साल देश में एक लाख 28 हजार लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी। इसमें ज्यादातर रोड एक्सीडेंट शहर की उपेक्षा रूरल और कस्बों में होते हैं। इन इलाकों में एक्सीडेंट के दौरान सबसे ज्यादा मौतें भी होती हैं। वहीं सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत लोग बाइक एक्सीडेंट के शिकार हुए हैं।

रोड एक्सीडेंट में यूपी नंबर एक पर

रोड एक्सीडेंट हो या फिर उससे होने वाली मौत के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है। यूपी में अकेले 15 प्रतिशत यानी 23,285 लोगों की मौत रोड एक्सीडेंट के चलते 2019 में हुई है। अन्य राज्यों की अपेक्षा यह सबसे बड़ी संख्या है जबकि अन्य राज्यों में मृतकों की संख्या 10 प्रतिशत से कम हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 4,73,396 रोड एक्सीडेंट में एक लाख 54 हजार 732 लोगों की मौत हुई है और 3,18,664 लोग घायल हुए थे। वर्ष 2018 की अपेक्षा 2019 में मृतकों की संख्या में 1.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इन हादसों की बड़ी वजह ओवर स्पीड, ओवर टेकिंग, लापरवाही, खतरनाक तरीके से गाड़ी चालान माना गया है।