लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के लगभग 3 करोड़ 30 लाख बिजली उपभोक्ताओं के साथ उनकी जमा सिक्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज की राशि को लेकर खेल किया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि सिक्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज की समयावधि गुजर चुकी है और अभी तक सिस्टम अपडेट तक नहीं किया गया है। जिसके बाद अब उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की ओर से पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के समक्ष मामला उठाया गया है।

एक मई 2023 को आया था आदेश

एक मई 2023 को प्रदेश के 3 करोड़ 30 लाख बिजली उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज दिए जाने के लिए पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक की तरफ से आदेश जारी किया गया था। आदेश में साफ था कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को एक अप्रैल 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित बैंक दर 4.25 प्रतिशत की दर पर ब्याज दिया जाना है। इस आदेश के बाद उपभोक्ताओं को खासी राहत मिलती, लेकिन हुआ इसके विपरीत।

बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव नहीं

पावर कारपोरेशन द्वारा जारी आदेश के बाद प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अभी तक उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज नहीं दिया गया। इसकी वजह यह रही कि बिलिंग सॉफ्टवेयर में बदलाव ही नहीं किया गया जबकि विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार बनाए गए विद्युत वितरण संहिता 2005 के तहत 1 अप्रैल को बैंक दर पर जो भी ब्याज अनुमन्य है, वह बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में अप्रैल-मई जून के महीने में हर हाल में मिल जाना चाहिए। स्थिति यह है कि आधा जुलाई बीत चुका है और उपभोक्ताओं को एक रुपया भी ब्याज का नहीं मिला है।

बिल में समायोजित होना था अमाउंट

इस गंभीर मामले पर शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मुलाकात की और जल्द से जल्द प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर तत्काल ब्याज दिलाने के लिए बिलिंग सॉफ्टवेयर में व्यवस्था करने की मांग उठाई। उनकी ओर से यह मुद्दा भी रखा गया कि आदेश जारी किए जाने के बाद अभी तक ब्याज न दिया जाना बेहद गंभीर मामला है। मामला सामने आने के बाद पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज दिए जाने की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में कराई जा रही है और जल्द ही प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को उनकी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज मिलेगा। इसकी भी जांच की जाएगी कि आदेश जारी किए जाने के बाद भी जमा सिक्योरिटी पर ब्याज समय से क्यों नहीं दिया गया।

4215 करोड़ सिक्योरिटी जमा

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सभी बिजली कंपनियों में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का लगभग 4215 करोड़ सिक्योरिटी जमा है। जिस पर 4.25 प्रतिशत ब्याज दिया जाना है। ऐसे में पूरे प्रदेश में सभी बिजली उपभोक्ताओं को लगभग 180 करोड़ ब्याज वर्ष 2022-23 में मिलना है।

बिल में होती है एडजस्ट

निर्धारित किलोवॉट के हिसाब से उपभोक्ताओं से सिक्योरिटी मनी जमा कराई जाती है। जो ब्याज मिलता है वो उपभोक्ता के बिल में स्वत: एडजस्ट कर दिया जाता है। अगर पिछले तीन महीने में उपभोक्ताओं को जमा सिक्योरिटी पर ब्याज मिला होता तो उपभोक्ताओं को राहत जरूर मिलती। इसकी वजह यह है कि अप्रैल, मई और जून माह में बिजली लोड अधिक रहता है और उपभोक्ताओं के घरों में बिजली खपत भी बढ़ जाती है। संभावना है कि इसी महीने या फिर अगले महीने तक जमा सिक्योरिटी पर ब्याज मिल सकता है।