लखनऊ (ब्यूरो)। पहिले पहिले हम कईनी छठी, ऊ जे केराव जे फरेला खबद से, कबहुं न छूटी छठि मइया, कांच ही बांस के बहंगिया, जैसे मधुर छठ गीतों की भक्तिधारा के बीच गोमा का तट छठमय हो उठा। लोक आस्था का महापर्व का रंग, बहंगी उठाए परिजनों संग पूजा करने श्रद्धालुओं का रेला बताने के लिए काफी था। गोमा के घाटों पर रविवार को छठ की अनुपम छठा देखती ही बन रही थी। हर कोई भक्ति रसधारा में आकंठ डूबा हुआ था। वहीं, लक्षण मेला मैदान में बने छठ घाट के आयोजन में सीएम योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुये।

सुशोभिता की पूजा

दोपहर बाद से ही लक्षमण मेला मैदान, मनकामेश्वर उपवन, झूलेलाल वाटिका, खाटू श्याम मंदिर, हनुमान सेतु, पिकनिक स्पॉट, शहीद पथ घाट समेत अन्य जगहों पर बने छठ घाटों पर व्रती महिलाएं पहुंचने लगीं थीं। बहंगी जिसमें फल, अनाज, सब्जियां आदि सामग्री थी, उसे उनके पति सिर पर उठाकर चल रहे थे। महिलाओं ने तट पर पहुंचकर विधि विधान से सुशोभिता की पूजा की। इस दौरान हर कोई छठी माई की भक्ति में आकंठ डूबा नजर आया।

अस्ताचल सूर्य को दिया अर्ध्य

वहीं, शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने गोमती के पानी में कमर तक खड़े होकर अर्ध्य दिया। इस दौरान महिलाएं छठ माई के गीत गा रही थीं। बहुत सी महिलाएं परिवार संग गोमा के तटों पर ही रुक गई हैं, ताकि सोमवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर व्रत का पारण कर सकें।

चला सेल्फी का दौर

घाट पर छाई छठ की मनोरम छटा के बीच लोगों में फोटो और सेल्फी लेने का भी खूब क्रेज दिखाई दिया। कई लोग तो फेसबुक पेज पर पूजा को लाइव टेलीकास्ट करते भी नजर आए। तो कई लोग अपने परिजनों को वीडियो चैट के माध्यम से पूजा दिखाते हुए नजर आये।

प्रकृति का त्योहार है छठ

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि छठ पर्व स्वयं और प्रकृति की शुद्धता का कार्यक्रम है। यह पर्व नहाय खाय के साथ आरंभ होकर, खरना और अस्ताचल सूर्य को अघ्र्य देने और सूर्योदय के साथ अघ्र्य और पूजन के साथ छठ पूजन का काम संंपन्न होता है। प्रकृति की पूजा की जाती है। जो नई प्रेरणा देने का काम करता है। सूर्य को जगत पिता कहा गया है। बिना उनके विश्व की कल्पना नही की जा सकती है।

सामाजिक समरसता का पर्व

सीएम ने आगे बताया कि यह पर्व सामाजिक समरसता का उदाहरण पेश करता है। सूर्य की उपासना और छठी माई पूजा, वो सामाजिक समरसता की प्रतीक है। ईश्वर की कृपा बिना भेदभाव मिलती है। छठी माई ने सूर्य की उपासना से शक्ति पाई थी। यहीं से छठ मनाने की परंपरा शुरू हुई। आज लोक आस्था का पर्व देश-विदेश में पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है।

पक्की वेदी बनाने से बचना चाहिए

सीएम ने आगे बताया कि मैं चाहूंगा कि कार्यक्रम संपन्न करने के बाद रोज सूर्य का अघ्र्य दें। साथ ही सुझाव देते हुए कहाकि घाटों पर पक्की वेदी न बनाये। क्योंकि पूजन के बाद उसका सम्मान उस रूप में नहीं हो पाता जिस रूप में हम कर पाते है और पूजा करते है। कार्यक्रम के बाद उसे हटा देना चाहिए। ताकि पर्व की सात्विकता और महत्ता बनी रहे। वहीं, कल कार्यक्रम संपन्न होने के बाद तो आयोजक सभी लोग मिलकर स्वच्छता का कार्यक्रम दोबारा बनाये। ताकि पर्व व त्योहार पर कोई आंच न आने पाये। स्वच्छता पर जोर होना चाहिए। वहीं, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि छठ पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। शासन द्वारा हर जगह समुचित इंतजाम किये हुए है। यहां आये सभी लोगों का स्वागत और वंदन करता हूं। इस दौरान मेयर संयुक्ता भाटिया, सदस्य विधानपरिषद गोविंद शुक्ला, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय आदि मौजूद रहे।

छठ गीतों की बही रसधारा

लक्षमण मेला मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। जहां 150 से अधिक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। इस दौरान पूरा गोमा तट छठ गीतों से गुंजायमान हो गया। प्रोग्राम में मुंबई से आये सुरेश शुक्ला ने कांच ही बांस के बहंगिया सुनाकर सभी को छठी माई की भक्तिरस से सराबोर किया। इसके बाद डॉ। अंजू भाटी ने घाटे बेदिया बनवले बानी और उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा गीतों से सभी की तालियां हासिल कीं। इसके बाद डॉली मिश्रा ने अपनी मधुर आवाज में हो छठी घाटे जइबा कि और छठी माई के करब बरतिया सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों द्वारा सोमवार सुबह तक प्रस्तुतियां दी गई।

आज होगा व्रत का पारण

छठ पर्व का समापन उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ होगा। इसके लिए महिलाएं और पुरुष पानी में जाकर अघ्र्य देते है। इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ व्रत का पारण किया जाएगा। जिसके बाद लोग अपन-अपने घरों को लौट जाएंगे।

क्या बोले लोग

छठ पर्व हम लोगों के लिए बेहद खास है। पूरा परिवार मिलकर इसे मनाता है। छठ माई से यही प्रार्थना है कि अच्छे से यह व्रत पूर्ण हो और हम सब पर उनकी कृपा बनी रहे।

-सवित्री शर्मा, विकास नगर

छठ पूजा का पर्व आपको भक्ति व उत्साह से भर देता है। परिवार के साथ पूजन करने से आपसी संबंध और मजबूत होते है। यह पर्व सभी के जीवन में खुशियां भरे यही कामना करता हूं।

-राधिका देवी, रायबरेली रोड

छठ पूजा करते हुए बेहद ही खुशी हो रही है। घर में उत्सव का माहौल है। व्रत रखने में घर वालों ने काफी सहयोग दिया। छठ माई से यही प्रार्थना है कि पूरे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें।

-मंजू गुप्ता, आलमबाग

छठ पर्व हम लोग काफी समय से करते आ रहे है। यह सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं का पूर्ण करने वाला पर्व है। छठी माई से यही प्रार्थना है कि उनका आशिर्वाद हम सभी पर हमेशा बना रहे।

-गुडिय़ा सोनी, गोमती नगर