- उपभोक्ता परिषद ने शुरू किया विरोध, जनता टैरिफ लागू करने की मांग

- अब 24 व 28 सितंबर को होगी बिजली दर पर सुनवाई

LUCKNOW:

प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से पॉवर कारपोरेशन ने नये स्लैब में प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की श्रेणीवार दरें विद्युत नियामक आयोग में सौंप दी हैं। पॉवर कारपोरेशन के एमडी की तरफ से सौंपे गये नये स्लैब में प्रस्तावित दरों से घरेलू बिजली उपभोक्ता जो कम बिजली खर्च करेंगे, उनकी दरें बढ़ रही हैं वहीं जो ज्यादा बिजली का उपभोग कर रहे हैं, उनकी दरें कम हो रही हैं।

प्रस्ताव पर एक नजर

पॉवर कारपोरेशन ने ऐसे घरेलू बिजली उपभोक्ताओं जो 150 से 200 यूनिट के बीच में खपत करते हैं, उनकी दरों में इजाफा प्रस्तावित किया है। इनकी संख्या घरेलू उपभोक्ताओं की कुल संख्या का 80 फीसद है और जिनकी दरें कम हो रही हैं, उनकी संख्या 20 फीसद है। नियामक आयोग ने कारपोरेशन के प्रस्ताव को तीन दिन में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने का आदेश देते हुये 15 दिन में उपभोक्ताओं से आपत्तियां प्राप्त करने का आदेश दिया है। बिजली दरों पर जो सुनवाई पहले 8 एवं 10 सितंबर को होनी थी, उसे अब 24 सितंबर व 28 सितंबर को कर दिया गया है। घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें यथावत 500 रु। प्रति किलोवाट ही रखी गई हैं।

घरेलू शहरी

यूनिट वर्तमान रेट (घरेलू, शहरी) यूनिट प्रस्तावित दर

0-150 5.50 रु। 0-100 5.50 रु।

151-300 6.00 रु। 101-300 5.80 रु।

301-500 6.50 रु। 300 के ऊपर 6.65 रु।

500 के ऊपर 7.00 रु।

घरेलू ग्रामीण

यूनिट वर्तमानरेट(घरेलू, ग्रामीण) यूनिट प्रस्तावित दर

0-100 3.35 रु। 0-100 3.35 रु।

101-150 3.85 रु। 101-300 4.40 रु।

151-300 5.00 रु। 300 के ऊपर 5.60 रु।

300 के ऊपर 6.00 रु।

नोट- दरें प्रति यूनिट के हिसाब से

फिक्स्ड चार्ज यथावत

ग्रामीण व शहरी घरेलू बीपीएल बिजली उपभोक्ताओं की 1 किलोवाट 100 यूनिट 3 रु। प्रति यूनिट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्सड चार्ज को 90 रु। प्रति किलोवाट व शहरी घरेलू का 110 रु। प्रति किलोवाट यथावत प्रस्तावित है।

बेहद चौंकाने वाली दरें

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य ने कहाकि कारपोरेशन ने नये स्लैब में जो दरें प्रस्तावित की हैं, वह बेहद चौंकाने वाली हैं क्योंकि इस पूरे प्रस्ताव में गरीब और मध्यम उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो रही है और इस करोना काल में बडे़ बिजली उपभोक्ता जो ज्यादा उपभोग कर रहे हैं। उनकी दरें कम हो रही हैं।

नफा-नुकसान

यूनिट वर्तमान टैरिफ पर खर्च प्रस्तावित टैरिफ पर खर्च फायदा/नुकसान

150 825 रु। 840 रु। 15 रु। का नुकसान

200 1125 रु। 1130 रु। 5 रु। का नुकसान

300 1725 रु। 1710 रु। 15 रु। का फायदा

400 2375 रु। 2375 रु। न नुकसान न फायदा

500 3025 रु। 3040 रु। 15 रु। का नुकसान

800 5125 रु। 5035 रु। 90 रु। का फायदा

1000 6525 रु। 6365 रु। 160 रु। का फायदा

यह सिद्ध हो रहा है कि जो ज्यादा बिजली खर्च कर रहा है, उसकी दरें कम हो रही हैं और जो कम खर्च कर रहा है, उसकी दरें बढ़ रही हैं। यह अपने आप में चौंकाने वाला सवाल है और इस कोरोना काल में गरीबों के साथ अत्याचार है।

अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद