लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, बीते दो-तीन माह से लगातार खांसी और बुखार की समस्या लोगों में देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह इंफ्लुएंजा-ए का सब वैरिएंट एच3एन2 बन रहा है। जिस के चलते लोगों में सांस संबंधी समस्या के साथ सिर व बदन दर्द, सर्दी-जुकाम और तेज बुखार की शिकायत हो रही है। इंफ्लुएंजा का असर राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है, जहां 15-20 फीसदी मरीज इस समस्या के आ रहे हैं।

घबराने की जरूरत नहीं है

केजीएमयू के पीडियाट्रिक विभाग की एचओडी प्रो। शैली अवस्थी ने बताया कि आईसीएमआर ने जिस इंफ्लुएंजा-ए के सब वैरिएंट एच3एच2 वायरस की बात की है वो इंफ्लुएंजा का ही वायरस है। इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह सब वैरिएंट भी अन्य की ही तरह संक्रामक होता है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि इधर मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है इसलिए बच्चों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए।

बच्चों की इम्युनिटी हो स्ट्रॉन्ग

बलरामपुर अस्पताल के पीडियाट्रिशियन डॉ। हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि ओपीडी में 15-20 फीसदी मरीज इस शिकायत को लेकर आ रहे हैं। सीजन चेंज होने के कारण सर्दी-जुकाम के मामले बढ़े हैं। ऐसे में बच्चों को बेहतर इम्युनिटी के लिए पोषणयुक्त आहार, लिक्विड डायट समेत सीजनल फ्रूट खाने को दें। साथ ही ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक और ठंडा खाना देने से बचना चाहिए, क्योंकि इंफ्लुएंजा कम इम्युनिटी वाले बच्चों को सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है।

बेवजह एंटीबायोटिक्स लेने से बचें

केजीएमयू मेडिसिन विभाग के डॉ। डी हिमांशु ने बताया कि कॉमन इंफ्लुएंजा ने बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपनी चपेट में ले लिया है। मरीज को जाड़ा लगने के साथ बुखार, खांसी-जुकाम की समस्या हो रही है। इसके अलावा सिर व बदन में दर्द, चलने में समस्या, सांस लेने में समस्या हो रही है। वायरल वाले करीब 100 से अधिक मरीज रोज आ रहे हैं। लोगों को बिना डॉक्टर के सलाह के दवा खाने खासतौर पर एंटीबायोटिक्स लेने से बचना चाहिए।

अस्थमा का अटैक भी हो रहा

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इस समय लोगों को अस्थमा का अटैक भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से लोगों को सांस फूलने की समस्या ज्यादा हो रही है। ऐसे में धूल, धूप आदि से बच कर रहें। इस समय ओपीडी में वायरल से पीडि़त करीब 10-15 फीसदी मरीज आ रहे हैं। हालांकि, अब इनकी संख्या में कमी देखने को मिल रही है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं।

ये हैं कुछ लक्षण

- फीवर

- जुकाम-खांसी

- लूज मोशन

- पेट में दर्द

- शरीर में दर्द

- गला खराब होना

- सांस लेने में तकलीफ

ये सावधानी बरतें

- ठंडा पानी पीने से बचें

- पानी उबाल कर पिएं

- तेज पंखे या एसी के सामने बैठने से बचें

- खट्टी चीजें न खाएं

- लिक्विड डायट लेते रहें

- खाना फ्रेश और गर्म ही खाएं