लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ का जुड़ाव जितना खानपान से रहा है, उससे कई ज्यादा कला व साहित्य से भी रहा है। शहर में कई ऐसी मशहूर लाइब्रेरीज मौजूद हैं, जो कई दशक पुरानी हैं। यहां आपको 100 साल से भी ज्यादा पुरानी अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी मिल जाएगी, तो आचार्य नरेंद्र देव लाइब्रेरी, गंगा प्रसाद वर्मा पुस्तकालय जैसी अन्य लाइब्रेरीज जाकर भी आप अपनी पसंदीदा किताबों को पढ़ सकते हैं।

लाइब्रेरी की जा रहीं अपग्रेड

शहर का एक खास पहलू यह भी है कि डिजिटलाइज होते इस दौर में लाइब्रेरी का कल्चर अभी भी युवाओं में जिंदा है। यहां का यूथ जितना ई-कंटेंट को पढ़ना पसंद करता है, वहीं पब्लिक लाइब्रेरीज में भी आपको यंगस्टर्स अच्छी संख्या में नजर आ जाएंगे। यूथ के इसी क्रेज को देखते हुए शहर की लाइब्रेरी को अपग्रेड करने का काम किया जा रहा है। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ इनमें मौजूद किताबों को भी ऑनलाइन किया जा रहा है।

स्मार्ट हो रही लाइब्रेरी

शहर की कई ऐसी लाइब्रेरी हैं जिनको बदलते वक्त के साथ अपग्रेड किया जा रहा है। कुछ को अपग्रेड करने की तैयारी है। कैसरबाग स्थित अमीरुद्ैला पब्लिक लाइब्रेरी की एक लाख 60 हजार किताबों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इनमें 1687 से लेकर 1982 तक की किताबें शामिल हैं। इनके अलावा 27 हजार से अधिक ई-जर्नल, और 20 हजार ई-बुक्स हैं। यहां पर मौजूद पठन साम्रगी युवाओं को काफी आकर्षित करती हैं।

रीडर्स में बढ़ा है क्रेज

शहर की पब्लिक लाइब्रेरी की बात करें तो लाइब्रेरी में कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करने वाले की संख्या अधिक होती है। यहां आने वाले रीडर्स का कहना है कि पब्लिक लाइब्रेरी कंटेंट अधिक मिल जाता है। शहर की लाइब्रेरी में कंपटीशन की किताबें आसानी से मिल जाती हैं। कई महंगी किताबें हैं जिनको बेहद कम फीस में अच्छे खासे समय के लिए पढ़ा जा सकता है। इसके अलावा न्यूजपेपर, मैग्जीन का भी लाइब्रेरी में अच्छा कलेक्शन होता है। तैयारी करने के लिए आप अलग-अलग दुकानों से किताबें खरीदने की बजाय यहां से पढ़कर नोट बनाकर अपनी तैयारी कर सकते हैं।

रास आ रहीं कल्चरल किताबें

लाइब्रेरी की बात करें तो शहर में मौजूद लाइब्रेरी में कल्चरल किताबों का अच्छा कलेक्शन देखने को मिलेगा। हजरतगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव पुस्तकालय में जनरल पब्लिक के लिए आर्ट्स, कल्चर, हिस्ट्री से जुड़ी किताबें खासी पसंद की जाती हैं। यहां हर उम्र के रीडर्स आकर किताबें पढ़ते हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी से उन्हें 15 दिन के लिए बुक पब्लिश भी की जाती हैं। लाइब्रेरियंस के मुताबिक, यहां आने वाले लोगों में जनरल पब्लिक के अलावा स्टूडेंट्स भी होते हैं, जिनके लिए यूजी से लेकर पीजी तक की किताबें उपलब्ध हंै। यहां कॉम्प्टिीटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले ज्यादा आते हैं।

लाइब्रेरी कार्ड का भी मिनिमम शुल्क

शहर में लाइब्रेरी का क्रेज खत्म न होने का एक बड़ा कारण यहां लाइब्रेरी कार्ड का मिनिमम शुल्क भी है। अमीरुद््दौला लाइब्रेरी की बात करें तो 500 रुपये में यहां का सालाना कार्ड बनवाया जा सकता है। वहीं, आचार्य नरेंद्र देव लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स के लिए 250 रुपये और जनरल पब्लिक के लिए 500 रुपये शुल्क है।