लखनऊ (ब्यूरो)। डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लाइब्रेरी भी इससे अछूती नहीं रही हैं। बीते साल की शुरुआत में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में नेशनल डिजिटल लाइब्ररी खोलने की घोषणा की थी, इसके बाद ई-लाइब्रेरी को लेकर क्रेज बढ़ना शुरू हुआ। मौजूदा समय में लखनऊ शहर की बात करें तो कई बड़ी लाइब्रेरी भी ई-लाइब्रेरी के ट्रेंड को बढ़ावा दे रही हैं। मसलन, शहर की सबसे पुरानी अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी की सुविधा अब लोगों को ई-लाइब्रेरी के रूप में मिल रही है। एलयू की टैगोर लाइब्रेरी में साइबर लाइब्रेरी है, जो स्टूडेंट्स को ई-कंटेंट मुहैया करा रही है। इसके अलावा गवर्नमेंट डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी भी अब डिजिटली अवेलेबल है। एक्सपर्ट का कहना है कि डिजिटल या ई-लाइब्रेरी लोगों को बिना समय नष्ट किए एक ही क्लिक पर कई तरह के कंटेंट उपलब्ध हो जाते हैं।

1994 में हुई थी डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत

एक्सपर्ट की माने तो डिजिटल लाइब्रेरी में दस्तावेजों को एक व्यवस्थित इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में और इंटरनेट या सीडी-रोम डिस्क के जरिए संग्रहीत करके रखते हैं। 1994 में डिजिटल लाइब्रेरी शब्द को पहली बार नासा डिजिटल लाइब्रेरी ने इस्तेमाल किया था। अमेरिकी लेखक माइकल स्टर्न हार्ट डिजिटल लाइब्रेरी की पहली परियोजना के संस्थापक हैं। हार्ट ने इंटरनेट के जरिए से स्वतंत्र रूप से उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकों को एक्सेस करने योग्य बनाया था। लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल करके पत्रिका के लेख, किताबें, चित्र, ध्वनि फाइल, पत्र और वीडियो तक पहुंच सकता है। देश में डिजिटल लाइब्रेरी व ई कंटेंट का चलन कोरोना के समय में बढ़ा था। जिसके बाद धीरे धीरे इसको लगातार इसको बढ़ाया जा रहा है।

कहां कितना मिलेगा ई-कंटेंट

ई-लाइब्रेरी की बात करें तो शहर की डिजिटलाइज्ड हुईं लाइब्रेरीज में स्टूडेंट्स व लोगों के कई तरह का कंटेंट उपलब्ध है। गवर्नमेंट डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी की बात करें तो इसमें फिक्शन, साइंस, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, मैथमेटिक्स, हिंदी की बुक्स के अलावा कॉम्पिटीटिव एग्जाम जैसे यूपीएससी, बैकिंग, एनडीए, एसएससी, टीईटी, सीटेट, जेईई और नीट के लिए भी कंटेंट अवेलेबल है। अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी का डिजिटल फॉर्म लखनऊ डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध है। इस वेबसाइट में लाइब्रेरी की सभी किताबें, कॉम्पिटीटिव कंटेंट, न्यूजपेपर, मैग्जीन वगैरह आसानी से देखी जा सकती है। एलयू की टैगोर लाइब्रेरी में बनी साइबर लाइब्रेरी में भी स्टूडेंट्स के लिए अच्छा कंटेंट मौजूद है। यह टैगोर लाइब्रेरी के फर्स्ट फ्लोर पर है। यहां 538 कंप्यूटर्स, 9 हजार ऑनलाइन ई-बुक्स व ई-कंटेंट उपलब्ध है।

यहां से भी पढ़ सकते हैं ई-कंटेंट

ऑनलाइन कंटेंट के लिए लोग नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया की वेबसाइट से कंटेंट पढ़ सकते हैं। यह गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से विकसित की गई ई-लाइब्रेरी है। यहां 11 भाषाओं कंटेंट उपलब्ध है और 20 लाख से अधिक यूजर्स हैं। इसके अलावा डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया, इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ साइंस सीडैक नोएडा, आईआईटी हैदराबाद इंग्लिश व हिंदी भाषा में बुक्स अवेलेबल कराता है। इसके अलावा ब्रिटिश लाइब्रेरी इनडेंजर्ड आरकाइव प्रोग्राम, इंडियन अकेडमी ऑफ साइंसेज, जेएसटीओआर, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर का केंद्रीय पुस्तकालय भी डिजिटली कंटेंट प्रोवाइड करा रहा है।

डिजिटल लाइब्रेरी को पसंद करने की एक बड़ी वजह यह है कि यहां आपको एक ही क्लिक पर किताबें व कंटेंट उपलब्ध होता है। साथ ही यह स्टूडेंट्स के लिए 24 घंटे खुली रहती है।

अजय प्रताप सिंह

मैं सरकारी नौकरी की तैयारी के दौरान ई-लाइब्रेरी पर बहुत निर्भर रहती थी। तब से मैं फिजिकल लाइब्रेरी की बजाय ई-लाइब्रेरी को अधिक प्राथमिकता देती हूं। मुझे लगता है कि बुक लवर्स के लिए यह बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है।

हर्षिता पंत