- बस अड्डे पर जो दुकाने हैं, उनका किराया माफ करने की मांग

LUCKNOW: कोरोना के चलते रोडवेज बसों में सफर करने वालों की संख्या कम हो गई है और बस अड्डों पर मुसाफिरों की भीड़ नहीं जुट रही है। इसका खामियाजा यहां के दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है। वे दुकान का किराया भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में इन दुकानदारों ने परिवहन निगम से दुकानों का किराया कम करने की मांग की है।

नहीं निकाल पा रहे खर्च

आलमबाग, चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे पर मौजूद दुकानदार कमाई तो दूर दुकान का खर्च तक नहीं निकाल पा रहे हैं। किराया देने इनके लिए मुश्किल हो रहा है। आलमबाग बस अड्डे पर जिन लोगों की दुकानें हैं उन्होंने बताया कि इस समय यहां 8 हजार लोग भी नहीं आ रहे हैं, वहीं पहले रोज करीब 30 हजार लोग आते थे। वहीं कैसरबाग में पहले जहां 35 हजार से अधिक लोग रोज बसों से आते-जाते थे, वहीं अब यह संख्या सिर्फ 9 हजार के करीब पहुंच गई है।

कम किया जाए किराया

इन दुकानदारों का कहना है कि परिवहन निगम ने 31 मई तक का किराया माफ किया है। आठ जून से हम लोगों ने दुकानें खोली हैं लेकिन सेल बिलकुल नहीं हो रही है, ऐसे में उन्हें किराया माफ कर राहत दी जाए।

कोट

मुख्यालय में बात चल रही है, किराए में राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैं। आदेश आते ही बस अड्डों पर खुली दुकानों के मालिकों को राहत दी जाएगी।

पल्लव बोस, आरएम

लखनऊ परिक्षेत्र, परिवहन निगम