लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ आरटीओ का सर्वर डाउन होने का झटका आवेदनकर्ताओं को परेशान कर रहा और तो दूसरी तरफ बिना लाइसेंस के रोड पर गाड़ी दौड़ाने पर उन्हें ट्रैफिक पर 'फटका' भी लग रहा है। पब्लिक को दोहरी मार का सामाना करना पड़ रहा हैं।

ड्राइविंग लाइसेंस बनने में प्रॉब्लम

ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय का सर्वर सोमवार को एक बार फिर धोखा दे गया। सर्वर न चलने से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने कार्यालय पहुंचे सैकड़ों आवेदकों को वापस लौटना पड़ा। ऐसे आवेदकों को अब डीएल संबंधी टाइम स्लाट दोबारा लेना पड़ेगा। आरटीओ कार्यालय सर्वर की समस्या से बीते कई वर्षों से जूझ रहा है। पर इसका समाधान परिवहन विभाग नहीं कर पा रहा है। आए दिन होने वाली सर्वर न चलने की समस्या जहां आवेदकों के लिए मुसीबत बन गई है तो वहीं परिवहन विभाग इस समस्या का इलाज ढूंढ़ पाने में नाकाम साबित हो रहा है। सोमवार को भी आरटीओ कार्यालय में तीन घंटे तक सर्वर न चलने से डीएल आवेदक इधर-उधर भटकते रहे।

बिना लाइसेंस के सबसे ज्यादा चालान

ट्रैफिक विभाग की चेकिंग में सबसे ज्यादा चालान बिना हेलमेट व बिना ड्राइविंग लाइसेंस के हो रहे हैं। यातायात माह के चलते हर चौराहे पर चेकिंग होती है। जिसके चलते बिना हेलमेट होने या अन्य पेपर होने के बाद भी बिना लाइसेंस के चालान की संख्या हर दिन बढ़ रही है। कई बार वाहन स्वामी की शिकायत रहती है कि उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। ट्रैफिक नियम में लाइसेंस के आवेदन करने के नियम पर कोई छूट का प्रावधान नहीं है। जिसके चलते ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के मामले में उनके बिना ड्राइविंग लाइसेंस का चालान किया जा रहा है। फिर चाहे वह दो पहिया हो या चार पहिया वाहन स्वामी।

सर्वर की मरम्मत के चलते प्रदेश भर में यह दिक्कत हो रही। जिन आवेदकों के काम सोमवार को नहीं हो सके, उन्हें बुधवार को आरटीओ कार्यालय बुलाया गया। इसके अलावा सर्वर संबंधित समस्या के लिए एनआईसी से पत्राचार भी किया गया है।

-अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ प्रशासन