लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर से उपभोक्ता परिषद की लामबंदी काम आई। कनेक्शन की दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर नियामक आयोग में हुई बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई है। जिससे साफ है कि उपभोक्ताओं को फिलहाल महंगा कनेक्शन नहीं लेना पड़ेगा। नियामक आयोग के निर्देश पर पावर कारपोरेशन की ओर से दोबारा संशोधित प्रस्ताव दिया जाएगा। जिसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

कनेक्शन की दरों पर मंथन

प्रदेश की बिजली कंपनियों की तरफ से नए कनेक्शन की दरों में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के मामले को लेकर बुधवार को विद्युत नियामक आयोग की सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह की अध्यक्षता में आयोग सदस्य वीके श्रीवास्तव की उपस्थिति में हुई। बैठक में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा सहित पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, एमडी मध्यांचल भवानी सिंह खंगारौत, एमडी पश्चिमांचल बी चित्रा व नोएडा पावर कंपनी की तरफ से वाइस चेयरमैन सारनाथ गांगुली उपस्थित रहे। विद्युत नियामक आयोग की तरफ से सबसे पहले कॉस्ट डाटा बुक प्रस्तुतीकरण की शुरुआत की गई।

प्रस्ताव में कुछ गलतियां हो गई हैैं

बैठक में उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की ओर से दूसरे राज्यों की दरों को विधिक व तर्क संगत साक्ष्यों के साथ रखा गया और कनेक्शन की प्रस्तावित बढ़ी हुई दरों का विरोध किया गया। जिस पर पावर कारपोरेशन के एमडी ने कहाकि उनके प्रस्ताव में कुछ गलतियां हो गई हैं, जिसे सुधारा जाएगा। आयोग चेयरमैन आर पी सिंह ने बैठक में यह साफ कर दिया की आम जनता व घरेलू छोटे बिजली उपभोक्ताओं की दरें सकारात्मक होनी चाहिए।

प्रस्ताव संशोधित करना चाहिए

पावर कारपोरेशन को पुन: अपने प्रस्ताव को संशोधित करना चाहिए। पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने कहाकि जल्द ही पावर कारपोरेशन अपने प्रस्ताव को उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष द्वारा उठाए जा रहे बिंदुओं के आधार पर जहां जरूरी होगा संशोधित करेगा। इसके बाद पुन: आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। नई कॉस्ट डाटा बुक में कनेक्शन की दरों में बढ़ोत्तरी का मामला अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है। ऐसे में पुरानी कॉस्ट डाटाबुक आगे भी लागू रहेगी।

बड़े उपभोक्ताओं को कैसे राहत मिल रही

प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से पक्ष रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि बिजली कंपनियों का यह कैसा प्रस्ताव है, जिसमें आम जनता की बिजली कनेक्शन की दरों में बढ़ोत्तरी सामने आ रही है और बड़े बिजली उपभोक्ताओं की कनेक्शन की दरों में कमी हो रही है। उपभोक्ता परिषद ने यह भी गंभीर मुद्दा उठा दिया की एक किलोवाट घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लेबर चार्ज को बढ़ाया गया है और वहीं दूसरी तरफ 5 किलोवाट के घरेलू उपभोक्ताओं के लेबर चार्ज को घटाया गया है, ये कैसी नीति है। आयोग ने पावर कारपोरेशन को यह निर्देश दिया कि उनके द्वारा जब संशोधित प्रस्ताव आयोग के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, इसके बाद पुन: सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की बैठक की जाएगी, उसके बाद कनेक्शन की दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा।