- गुडंबा क्षेत्र का मामला, घंटों प्रभावित रही बिजली सप्लाई

- बिजली विभाग की लापरवाही से गई संविदा कर्मी की जान

- लोगों ने जमकर किया हंगामा, अधिकारियों के आश्वासन पर शांत हुए लोग

- गुडंबा में ही फर्राटा पंखा की चपेट में आने से एक मजदूर की भी हुई मौत

LUCKNOW : गुडंबा में शनिवार को एक संविदा बिजलीकर्मी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। संविदाकर्मी की मौत पर गुस्साए परिजनों के साथ यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बिजली उपकेंद्र का घेराव किया और जमकर हंगामा किया।

इकलौता कमाने वाला था परिवार में

इंदिरा नगर के समौदीपुर का रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के नेता रघुवीर प्रसाद का बेटा वीरेंद्र कुमार (30) बिजली विभाग में संविदा पर कार्यरत था। वीरेंद्र के परिवार में माता-पिता, पत्नी संगम देवी और तीन बच्चे हैं। पिछले नौ वर्षो से वीरेंद्र बीकेटी के बौरूमउ विद्युत उपकेंद्र में कार्यरत था। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व वीरेंद्र की तैनाती जानकीपुरम के छुइयापुरवा विद्युत उपकेंद्र पर कर दी गई। शनिवार सुबह लगभग 10 बजे गुडंबा के अतरौली क्षेत्र से खंभे में फाल्ट की सूचना पाकर अवर अभियंता दिवाकर यादव ने वीरेंद्र, रोहित और अमरदीप को फाल्ट ठीक करने भेजा था।

शट डाउन के बाद चालू कर दी लाइन

मृतक के पिता ने बताया कि जिस खंभे की फाल्ट वीरेंद्र सही करने गया था, उसके पास से ही 440 वोल्ट और 11 हजार लाइन निकली हुई थी। वीरेंद्र ने पॉवर हाउस कॉल करके शट डाउन लिया और खंभे पर चढ़ गया। थोड़ी देर बाद ही लाइन चालू कर दी गई, जिससे वीरेंद्र करंट की चपेट में आ गया। जोरदार करंट लगने से वीरेंद्र खंभे से नीचे गिर गया। वीरेंद्र को करंट लगते देख साथी कर्मचारी भाग गए। स्थानीय लोगों की जानकारी पर पुलिस ने उसे नजदीकी अस्पताल पहुचाया, जहां डॉक्टर्स ने वीरेंद्र को मृत घोषित कर दिया।

पावर हाउस का किया घेराव

बिजलीकर्मी वीरेंद्र की मौत से भारतीय किसान यूनियन अवध के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। मृतक वीरेंद्र के पिता रघुवीर भाकियू में पदाधिकारी हैं। बेटे की मौत की सूचना पाकर रघुवीर भाकियू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ छुइयापुरवा स्थित पावर हाउस पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पीडि़त पिता का आरोप है कि अवर अभियंता दिवाकर यादव और अधिशाषी अभियंता रामप्रकाश गुप्ता की लापरवाही के चलते उनके बेटे की मौत हो गई। साढ़े तीन घंटे तक पावर हाउस में विरोध प्रदर्शन कर जमकर हंगामा चलता रहा।

बिना सेफ्टी किट के भेजा

पीडि़त ने बताया कि मृतक की ड्यूटी नाइट शिफ्ट में थी, फिर भी जेई दिवाकर ने उसे डबल ड्यूटी पर भेजा। साथ में सेफ्टी किट भी नहीं थी और बिना जानकारी किये ही लाइन चालू करवा दी जिससे वह करंट की चपेट में आ गया। बिजलीकर्मी की मौत पर पीडि़त व भाकियू कार्यकर्ताओं ने 10 लाख मुआवजा, परिवार के एक सदस्य की नौकरी और जिम्मेदार अधिकारियो पर कार्यवाही की मांग करते हुए घंटों प्रदर्शन किया। हालांकि बिजली विभाग ने एक लाख रुपये नगद, दो लाख का चेक और चार लाख रुपये बीमा से दिये जाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ परिवार के एक सदस्य को डेलीवेज पर नौकरी दी जाएगी। जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों का गुस्सा शांत हुआ।

नदारद हो गये अफसर

संविदाकर्मी की मौत की खबर मिलते ही लेसा विभाग के आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया। सैकड़ों की तादाद में भाकियू कार्यकर्ता भी पावर हाउस पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन की जानकारी पाकर गुडंबा और जानकीपुरम थाने की भारी फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। बवाल बढ़ता देख जेई दिवाकर यादव, एसडीओ राजमंगल सिंह और अधिशाषी अभियंता रामप्रकाश गुप्ता पावर हाउस कार्यालय छोड़कर नदारद हो गये। घंटों चले बवाल के दौरान छुइयापुरवा विद्युत उपकेंद्र के सभी फीडरों में सात घंटे बिजली बाधित रही, जिससे पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ा।

फर्राटा की चपेट में आकर मजदूर की मौत

सीतापुर के बिसवा के रहने वाले किसान महेश्वर का बेटा दिनेश (30) भी शनिवार सुबह करंट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जाता है दिनेश अपने भतीजे सुंदर के साथ कुर्सी रोड स्थित भारत गैस गोदाम के पास बन रहे मदरसे में मजदूरी करने आया था। कमरे में गड्ढे की खोदाई के दौरान बगल में रखा फर्राटा पंखा उस पर गिर गया और वह बुरी तरह से करंट में झुलस गया।