- घाटे के चलते परिवहन निगम इन बसों को बाहर करने की तैयारी में

- परिवहन निगम की अगली बोर्ड बैठक में रखा जाना है यह मुद्दा

LUCKNOW:

परिवहन निगम की स्कैनिया बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अब अन्य विकल्प तलाशने होंगे। घाटे के चलते परिवहन निगम इन बसों को रोडवेज बस बेड़े से बाहर करने की तैयारी में है। यदि जल्द ही इससे होने वाले घाटे से निपटने के लिए कोई विकल्प नहीं मिला परिवहन निगम की अगली बोर्ड बैठक में इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। निगम के बस बेड़े में लगभग तीन दर्जन स्कैनिया बसें शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में इन बसों को हरी झंडी दिखाकर इनका संचालन शुरू किया था।

लंबी दूरी के लिए थी ये बसें

स्कैनिया बसों को लेकर रोडवेज अधिकारियों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। करोड़ो का घाटा देने वाली यह बस निगम के लिए बोझ बनती जा रही हैं। इनका किराया वॉल्वो की तुलना में अधिक हैं। ऐसे में यात्री इन बसों की तरफ तभी रुख करते हैं जब सफर के लिए कोई और विकल्प नहीं होता है। यात्रियों की सुविधा के लंबी दूरी के लिए चलाई गई इन बसों का हाल यह है कि कभी इनमें आठ यात्री होते है तो कहीं पांच। समय सारिणी में इन बसों के छूटने का समय निश्चित है। ऐसे में चालक-परिचालक भी बसों के भरने तक वेट नहीं करते हैं।

परिचालक भी कर रहे खेल

इसके अलावा चालक परिचालक भी इन बसों के माध्यम से अपनी जेबे भरने में लगे हैं। घाटे में चल रही इन बसों में यात्री होते हैं तो भी कंडक्टर उनसे किराए की धनराशि लेकर जेब में रख लेते हैं और रोडवेज के अधिकारियों से यात्री ना मिलने का रोना रोते हैं। ऐसे में भी इन बसों को नुकसान हो रहा है।

ये भी नुकसान का कारण

इन बसों से परिवहन निगम को होने वाला सबसे बड़ा नुकसान इन्हें दी जाने वाली धनराशि है जो अनुबंधित बसों में सबसे अधिक है। हाल यह है कि इन बसों को प्रति किमी के अनुसार भुगतान किया जाता है। वॉल्वो को जहां 43 रुपए प्रति किमी के अनुसर भुगतान दिया जाता है तो वॉल्वो के लिए 46 रुपए प्रति किमी के अनुसार भुगतान किया जाता है। बस में यात्री की कमी होने पर भुगतान पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसी के चलते यह बस सेवा लगातार घाटे में चल रही है।

आगरा एक्सप्रेस वे खुल जाए तो इन बसों के संचालन में फायदा होगा। त्योहारों के सीजन में इन बसों में भीड़ होती है। फिलहाल इनकी टाइमिंग को सुधारा जा रहा है जिससे इनसे होने वाले घाटे से बचा जा सके। पिछले तीन महीने में ढाई करोड़ का नुकसान हुआ है।

एचएस गाबा

मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

- प्रदेश में कुल स्कैनिया 35

- एक बस की कीमत लगभग सवा करोड़

- इनका संचालन सहारनपुर, आगरा, लखनऊ, गाजियाबाद और वाराणसी से किया जाता है।

- गाजियाबाद को छोड़कर सभी रूट घाटे में

- गाजियाबाद में भी त्योहारों के सीजन पर होती है भीड़