लखनऊ (ब्यूरो)। पैसा एक ऐसी चीज है, जिसे हर इंसान अपने पास रखना चाहता है, पर यही पैसा अगर आपको जाली मिलने लगे तो यह सिरदर्द देने लगता है। यह बात आज इसलिए हो रही है क्योंकि अब राजधानी में जाली नोटों का जाल फैल चुका है। आए दिन बैंकों में भी ऐसे नोटों के जमा होने का मामला सामने आ रहा है। यह हम नहीं, बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़े बता रहे हैं। बैंकों में जाली करेंसी जमा होने पर असिस्टेंट बैंक मैनेजर की तरफ से महानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बहरहाल, अबतक इसमें किसी कि गिरफ्तारी नहीं हुई है।

करेंसी चेस्ट में मिल रहा जाली नोट

पुलिस शिकायत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के असिस्टेंट मैनेजर अनुपम सिंह ने कहा कि उनके करेंसी चेस्ट में जाली नोट मिल रहे हैं। नोटों की संख्या कभी कम तो कभी ज्यादा होती है। आरबीआई की तहरीर पर महानगर थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जाली नोट पहचानने के विशेषज्ञ बैंककर्मी ही जब इन्हें पहचान नहीं पा रहे तो फिर आम पब्लिक का क्या होगा? क्या बैंकों की लापरवाही का खामियाजा आरबीआई भुगत रही है या फिर यह कोई बड़ी साजिश है? इसका जवाब मिलेगा भी या फिर मामला सिर्फ एफआईआर तक ही सीमित रह जाएगा।

सबसे ज्यादा चलन में 20 रुपये के नोट

एफआईआर के मुताबिक, सबसे ज्यादा फेक करेंसी 20 रुपये के नोटों की मिली है, जिसकी संख्या 242 है। जबकि 50 रुपये के 133 नोट, 100 रुपये के 101, 200 रुपये के 1 और 2000 रुपये के 4 नोट मिले हैं। बता दें कि फेक करेंसी मिलने का यह पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी महानगर थाने में कई एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, लेकिन हैरानी की बात है कि यह सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जाती है। वहीं, महानगर इंस्पेक्टर का कहना है कि अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जांच चल रही है। फेक करेंसी का कारोबार करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, ताकि इस तरह के गिरोह पर लगाम लग सके।

उम्रकैद तक सजा का प्रावधान

फेक करेंसी का कारोबार करने वाले आरोपियों पर पुलिस आईपीसी की धारा 489-बी के तहत एफआईआर दर्ज करती है। यह एक गैरजमानती धारा है, यानी गिरफ्तारी के बाद सीधे जेल भेज दिया जाता है। साथ ही केस के साबित होने पर दोषी को दस साल से लेकर उम्रकैद तक सजा का प्रावधान है।

इतनी मिली फेक करेंसी

- 20 रुपये के 242 नोट

- 50 रुपये के 133 नोट

- 100 रुपये के 101 नोट

- 200 रुपये का 01 नोट

- 2000 रुपये के 04 नोट

कब-कब हुई एफआईआर

साल एफआईआर

2018 01

2019 08

2020 03

2021 07

2022 11

2023 06

टोटल 36

पकड़े जाने के बाद भी नहीं थम रही जालसाजी

-200 रुपये की जाली नोट बनाने वाले एक युवक को पुलिस ने जून 2023 को गिरफ्तार किया था

-जनवरी 2022 को तालकटोरा पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था

-जनवरी 2022 को गुडंबा पुलिस ने नकली नोटों के साथ दो आरोपियों को पकड़ा

मामला संज्ञान में आया है। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसे लेकर जांच चल रही है, जल्द ही फेक करेंसी में सम्मलित होने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

-नेहा त्रिपाठी, एसीपी, महानगर

नकली नोटों की पहचान होना जरूरी

20, 50, 100 और 200 रुपए का नोट हाथ में लगने से पहले उसकी पहचान होनी बहुत जरूर है कि वो असली है या नहीं। इसके लिए आरबीआई ने नोट की पहचान करने के लिए कई पहचान चिन्ह बताए हैं। इन चिन्ह को देखकर आप भी असली और नकली नोट की पहचान कर सकते हैं। इनमें फर्क काफी मामूली होता है, लेकिन अगर गौर करेंगे तो पहचान आसान होगी।

ऐसे पहचानें 200 रुपये का नोट

- 200 रुपये के नोट को रोशनी की ओर करके देखने पर महात्मा गांधी जी की तस्वीर दिखेगी।

- नोट में देवनागरी लिपि में दो सौ लिखा है, उसी तरह पिछले हिस्से में भी देवनागरी में दो सौ लिखा होगा।

- नोट के बीच में महात्मा गांधी की तस्वीर छपी है और 200 रुपये का वाटरमार्क होगा।

- हरे रंग का सुरक्षा धागा, जिस पर भारत और आरबीआई लिखा है।

- हरे रंग का यह सुरक्षा धागा नोट को तिरछा करने पर नीले रंग में चमकता है।

- महात्मा गांधी की तस्वीर के बगल में गारंटी क्लॉज, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होगा।

- वादे का क्लॉज और भारतीय रिजर्व बैंक की सील दिखाई देगी।

- नीचे की तरफ 200 रुपये लिखा हुआ, जिसका रंग नोट को तिरछा करने पर हरे से नीले रंग का होगा।

- सामने की तरफ दायीं ओर अशोक स्तंभ का चिह्न है।

- नोट की छपाई का वर्ष पीछे की तरफ बायीं ओर लिखा होगा।

- छपाई वर्ष के नीचे ही हिंदी में दो सौ रुपये लिखा हुआ है।

- पीछे की ओर बायीं ओर नीचे की तरफ स्वच्छ भारत का लोगो यानी गांधी जी का चश्मा बना है।

- इसके नीचे स्वच्छ भारत का स्लोगन एक कदम स्वच्छता की ओर लिखा होगा।

- इसके नीचे भारतीय रिजर्व बैंक लिखा है।

- भाषाओं की एक लिस्ट भी दी गई है, जो नोट के पीछे वाले हिस्से में हैं।

- 15 भाषाओं में दो सौ रुपये लिखा हुआ है, जिसमें हिंदी नहीं होगा।

- नोट पर कुल 16 भाषाओं में दो सौ रुपये लिखा गया है।

- नोट के पिछले हिस्से में सांची स्तूप की आकृति बनी हुई है।