- 202 अमान्य स्कूलों को शिक्षा विभाग ने बंद करने के दिये थे ऑर्डर

- नोटिस जारी के तीन महीने बाद भी बंद हुए केवल 16 स्कूल

- कई फर्जी स्कूलों ने अप्रैल मंथ से ही शुरू किया एडमिशन प्रोसेस

shyamchandra.singh@inext.co.in

LUCKNOW: एक बार फिर से राजधानी में फैले फर्जी और अमान्य स्कूलों ने अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है। जबकि हाल में शिक्षा विभाग की ओर से इन अमान्य स्कूलों पर कार्रवाई की बात कहकर ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी कर दिया गया था और दस दिनों के भीतर बंद करने का ऑर्डर दिया था। तीन महीने बीत जाने के बाद भी इन अमान्य स्कूलों ने शिक्षा विभाग के इस ऑर्डर को मजाक बना दिया गया है। ऐसे स्कूलों ने अपने यहां एडमिशन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं कई अमान्य स्कूलों ने तो अप्रैल मंथ में ही एडमिशन करना शुरू कर दिया था।

तीन महीने में भूले अपना ही ऑर्डर

बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर सभी ब्लॉक स्तर पर अपनी ओर से जांच कराकर राजधानी में संचालित ऐसे अमान्य स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। इस प्रक्रिया के तहत बीएसए ने सभी एबीएसए से अपने ब्लॉक में संचालित अमान्य और बिना मान्यता के स्कूलों की सूची बनाने को कहा था। तीन महीने पहले सभी एबीएसए की रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए ने राजधानी के सभी ब्लॉक को मिलाकर करीब 202 फर्जी स्कूलों को नोटिस जारी कर 10 दिनों में बंद करने का आदेश दिए थे। लेकिन इनमें से सिर्फ 16 विद्यालयों को बंद किए जाने की जानकारी सामने आई है।

जांच दबते ही फिर शुरू किया अपना खेल

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मामले की जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया। विभाग ने इन स्कूलों को केवल नोटिस जारी कर अपना काम पूरा कर लिया। इसी बात का फायदा उठाते हुए इन अमान्य स्कूलों ने दोबारा से अपने यहां पर फर्जी एडमिशन लेने का काम शुरू कर दिया है। कई स्कूल जो विभाग की ओर से जारी अमान्य स्कूलों की लिस्ट में शामिल थे, पहले ही अपने गेट पर एडमिशन ओपन का बोर्ड लगाकर एडमिशन कर रहे हैं। विभाग इन स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद इनका क्या हुआ, इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में एक बार फिर से राजधानी के हजारों बच्चों का भविष्य इन अमान्य स्कूलों के चक्कर में बर्बाद होने के कगार पर है।

गलियों में चल रहे हैं स्कूल

राजधानी सहित प्रदेश भर में हर साल बिना मान्यता ही बड़ी संख्या में स्कूल संचालित होते हैं। गली-कूचों में छोटे-छोटे कमरों में चलने वाले इन स्कूलों के पास न तो मान्यता है और ही पर्याप्त संसाधन। फिर भी पैरेंट्स को मान्यता होने का दावा कर ये स्कूल बच्चों को सुविधा देने के नाम पर पैरेंट्स को लूटने से गुरेज नहीं करते। कई तो अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई होने का दावा करते हैं। बीते फरवरी में राजधानी के बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने इन अमान्य स्कूलों के खिलाफ अभियान शुरू किया था। जिसमें पहले चरण में काकोरी के 20 फर्जी स्कूलों को तीन दिन में बंद करने की नोटिस जारी किया। उसके बाद 33, 28, 27 और 52 अमान्य स्कूलों (कुल 202 स्कूल) को भी नोटिस देकर तत्काल बंद करने का आदेश दिया। लेकिन इनमें से अब तक सिर्फ 16 ने अमान्य स्कूल बंद करने का दावा किया है।

रोजाना दस हजार रुपये जुर्माने का है नियम

पहली नोटिस को गंभीरता से न लेने पर बीएसए ने राजधानी के 108 अमान्य स्कूलों को बीते मई-जून में फिर दूसरी नोटिस जारी कर 10 दिन में स्कूल बंद करने का आदेश दिया। लेकिन इस नोटिस के बाद भी किसी अमान्य स्कूल के बंद होने की सूचना बीएसए कार्यालय नहीं आई। इनमें कई ऐसे हैं जो प्राइमरी की मान्यता लेकर जूनियर हाईस्कूल भी संचालित कर रहे हैं। जबकि आरटीई के नियमों में अमान्य स्कूलों के संचालन पर रोजाना दस हजार रुपए जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।

जुलाई से फिर होगा निरीक्षण

एक बार फिर बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जुलाई में फिर से अमान्य स्कूलों के संचालन की जांच करें। साथ ही उसकी रिपोर्ट बीएसए कार्यालय को उपलब्ध कराएं।

एडमिशन से पहले करें स्कूल की जांच

यदि आप अपने बच्चे का एडमिशन आसपास के किसी भी स्कूल में कराने की तैयारी में हैं तो थोड़ा सावधानी बरतनी होगी। स्कूलों से पहले ये पता कर लें कि स्कूल की मान्यता है या नहीं। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी के मुताबिक, क्लास आठ तक जितने मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, उनकी सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है। पैरेंट्स उसकी जांच करने केबाद ही एडमिशन लें।

इतने स्कूलों को प्राप्त है मान्यता

हिन्दी माध्यम

जूनियर हाईस्कूल (क्लास 6 से 8 तक)

- सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल- 41

- स्थायी मान्यता प्राप्त जू.हा.स्कूल- 46

- अस्थायी मान्यता प्राप्त जू.हा.स्कूल- 765

कुल-852 हिन्दी माध्यम

प्राइमरी स्कूल (स्कूल 1 से 5 तक)

- स्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल-254

- अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल - 1519

टोटल स्कूल -1773

अंग्रेजी माध्यम की स्थिति

- प्री-प्राइमरी, प्राइमरी से जूनियर हाईस्कूल तक-110 स्कूल

- प्री-प्राइमरी से प्राइमरी तक 7 स्कूल

कुल योग-118

(15 मई 2015 तक के आंकड़ें)

जुलाई में नए सेशन के शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से इन सभी स्कूलों की जांच कराई जाएगी। अगर इन स्कूलों ने संचालन बंद कर इसकी सूचना विभाग को नहीं भेजी तो इन पर कार्रवाई की संस्तुति कर दी जाएगी।

- प्रवीण मणि त्रिपाठी,

बीएसए