लखनऊ (ब्यूरो)। तालकटोरा के राजाजीपुरम में एक महिला डॉक्टर अपने परिवार के साथ रहती हैं। करीब एक साल पहले उन्होंने ठाकुरगंज के हरदोई रोड स्थित एक अस्पताल में सीनियर डॉक्टर के पद नौकरी ज्वॉइन की थी। उनके मुताबिक करीब छह माह बाद गोमतीनगर विनयखंड निवासी डा अरुण कुमार ने उसी अस्पताल में नेफ्रोलॉजिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया। पीडि़ता का आरोप है कि शुरू से ही डॉ अरुण कुमार का व्यवहार उनके सही नहीं था, वह उनपर अश्लील कमेंट करते थे। पीडि़ता ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ अश्वनी सिंह को यह बात बताई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

भेजता था अश्लील मैसेज
पीडि़ता के अनुसार डॉ अरुण उन्हें वाट्सएप पर अभद्र मैसेज भेजने लगे। इसके चलते पीडि़ता ने उन्हें ब्लॉक कर दिया। इसके बाद डॉ अरुण ने पीडि़ता का दूसरा नंबर हासिल कर लिया और उसपर अश्लील मेसेज भेजने लगे। आरोप है कि 22 अक्टूबर को डॉ अरुण ने वाट्सएप मेसेज भेजा और होटल में आने और शारीरिक संबंध बनाने की बात कही। मेसेज देख पीडि़ता परेशान हो गई।

नहीं की कार्रवाई
पीडि़ता ने अगले दिन डायरेक्टर डा अश्वनी सिंह को लिखित शिकायत की। इस पर डॉ अश्वनी चैट पढ़कर उनपर गुस्साने लगे और आरोपी डॉक्टर का पक्ष लेते हुए धमकाया कि अगर यह बात कहीं भी बताई तो अंजाम बुरा होगा। साथ ही अस्पताल से निकाले जाने की धमकी दी। इससे आरोपी डॉ अरुण कुमार का हौसला और बढ़ गया। वह मैसेज कर फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देने लगे। अब पीडि़ता ने इस संबंध में तालकटोरा थाने डा। अरुण कुमार और अस्पताल के डायरेक्टर डा अश्वनी सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।