लखनऊ (ब्यूरो)। गोमती नदी के घाटों पर गंदगी का ग्रहण लगा हुआ है। घाटों पर जलकुंभी से लेकर प्लास्टिक की बोतलें, पॉलिथीन, पूजन साम्रगी समेत तमाम तरह की गंदगी फैली हुई है। कई जगह लोग गोमती में नहाते हुए गंदगी फैलाते नजर आ जाते हैं। ज्यादातर घाटों पर पानी में कालापन नजर आया। लाखों रुपये खर्च करके घाटों का सौंदयीकरण तो किया जा चुका है, लेकिन गोमती की साफ-सफाई को लेकर जिम्मेदार चुप हैं। जिम्मेदारों के साथ-साथ लोगों की उदासीनता ने भी घाटों की सुंदरता को बेरंग कर दिया है।

कुडिय़ाघाट: कूड़े के ढेर और काई

शहर का सबसे प्रसिद्ध कुडिय़ाघाट अपनी खूबसूरती के लिए लोगों के बीच काफी चर्चित है, लेकिन यहां की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। यहां हर ओर गंदगी देखी जा सकती है। यहां आने वाले लोगों ने नदी में चिप्स के पैकेट, पत्ते दोने, पानी की बोतलें व डिस्पोजेबल प्लेट व गिलास भी फेंके दिए हैं। कई जगह पानी में काई जमी हुई है। इसके अलावा एक तरफ जलकुंभी तो दूसरी तरफ गंदगी व कूड़े के ढेर ने गोमती की खूबसूरती पर पलीता लगाया हुआ है। उधर जिम्मेदार लोग भी गोमती नदी की इस दुर्दशा को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

झूलेलाल घाट: कपड़े धोना, नहाना जारी

छतरमंजिल के पीछे झूलेलाल घाट की स्थिति भी बेहद खराब है। यहां एक तरफ पूजन साम्रगी जैसे सूखे हुए फूल, मटके, नारियल के छिलके, पॉलिथीन वगैरह पड़े रहते हैं तो दूसरी तरफ यहां लोग गोमती के पानी में कपड़े धोने और नहाने का काम भी कर रहे हैं। इससे सारा कचरा नदी में जा रहा है। गोमती को साफ करने वाली समितियां जाकर नदी से सफाई कर कचरा निकालती हैं, लेकिन लोग फिर गंदगी फैला कर गोमती को गंदा कर रहे हैं।

श्रीलल्लू मल घाट: जलकुंभी से पटी नदी

डालीगंज पुल के पास श्रीलल्लू मल भगवानदास धर्मशाला, मंदिर व घाट ट्रस्ट को आप कई फिल्मों में भी देख चुके होंगे। यह लखनऊ का 104 साल पुराना घाट है। घाट की स्थिति अच्छी नहीं है। यहां गोमती का पानी पूरी तरफ जलकुंभी से पटा हुआ है। यहीं नहीं, यहां भी कूड़े कचरे से गोमती का दम घुट रहा है। गंदगी की स्थिति यह है कि पानी काला हो चुका है और उसमें मच्छर पनप रहे हैं। यहां के केयरटेकर ने बताया कि घाट का रखरखाव ट्रस्ट करता है। हम अपनी तरफ से पूरा प्रयास करते हैं कि गंदगी न हो, लेकिन कभी कोई सरकारी महकमा गोमती साफ करने नहीं आता।

मेहंदी घाट व गऊघाट: मल त्याग रहे लोग

गऊघाट व उसके बगल में बने मेहंदी घाट के पास नदी की स्थिति भी बेहद खराब है। घाट से लगाकर पीपे वाले पुल तक जलकुंभी व पॉलिथीन व कपड़े से पूरी नदी का पानी पटा पड़ा है। इसके अलावा मेहंदी घाट पर पानी में काई जमा हो चुकी है। वहीं, कुछ-कुछ जगहों पर लोग मल त्याग भी कर रहे हैं। ये चीजें गोमती नदी के पाानी को और गंदा कर रही हैं।