लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में मंगलवार का दिन बेहद खास रहा। लंबे अंतराल के बाद एमबीबीएस और बीडीएस के नए सत्र की शुरुआत हुई। जहां स्टूडेंट्स के मन में खौफ की जगह नई जिंदगी की शुरुआत की खुशी थी। इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान स्टूडेंट्स ने मरीजों की सेवा करने की शपथ ली। वहीं, वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने सभी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

पूरी सुरक्षा के साथ पहुंचे स्टूडेंट्स
कार्यक्रम के लिए सभी नए स्टूडेंट्स को एक लाइन में टीचर्स की निगरानी और गार्ड की सुरक्षा के बीच अटल बिहारी साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर लाया गया। जहां महर्षि चरक शपथ के साथ व्हाइट कोट सेरेमेनी का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों के पैरेंट्स की खुशी देखते ही बन रही थी। आखिर उनके बच्चे डॉक्टर बनने का अपना सपना जो पूरा करने जा रहे थे। अब वे जॉर्जियंस कहलायेंगे।

'आज से आप जॉर्जियंस हुए'
इस दौरान केजीएमयू के वीसी ले.ज। डॉ। बिपिन पुरी ने छात्रों को केजीएमयू के इतिहास के बारे में बताया और पढ़ाई के साथ विश्वविद्यालय के सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने को कहा। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से आप जॉर्जियंस हो गये हैं। इस संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाये रखना आप सबकी जिम्मेदारी है। मेडिसिन महज साइंस नहीं है। यह एक हीलिंग रूपी आर्ट है, क्योंकि जब आप मरीजों से बात करते हैं, तब आप केवल उनको ट्रीट ही नहीं, बल्कि इमोशनली और स्प्रिचुअली भी ट्रीट करते हैं। यह हमेशा ध्यान में रखे कि दूसरों की फीलिंग को भी समझना बेहद जरूरी है। मेडिसिन महज किताबों में नहीं होती है। यह आप ओपीडी और आईपीडी में मरीजों से बात करके ही सीखते हैं, इसलिए अपने अगले पांच साल में ग्रोथ के लिए इसका ध्यान रखें। लेटेस्ट एआई तकनीक से लेकर मरीजों से बातचीत तक एक डॉक्टर के सफलता के लिए बेहद जरूरी है। यहां न हम केवल बेहतर डॉक्टर तैयार करते हैं, बल्कि एक बेहतर इंसान बनाने का भी काम करते हैं।

चरक शपथ दिलाई गई
डीन एकेडेमिक प्रो। एके त्रिपाठी ने सभी को महर्षि चरक शपथ दिला कर व्हाइट कोट वियरिंग सेरेमनी पूरी करायी। इस दौरान उन्होंने बताया कि यहां हर कदम पर आपकी मदद करने के लिए संस्थान आपके साथ है। वहीं, चीफ प्राक्टर प्रो। क्षितिज श्रीवास्तव ने छात्रों को अनुशासन संबंधी डूज एंड डोंट्स भी बताए। इसके अलावा उन्होंने रैगिंग से बचाव के बार में बताया कि उनको कैसे और कहां पर शिकायत करनी है। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो। आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि स्टूडेंट्स की सुरक्षा से लेकर उनको मेडिकल हेल्प समेत अन्य समस्या के लिए विभाग हर समय तैयार है। कार्यक्रम के दौरान प्रति कुलपति प्रो। विनीत शर्मा, डीन डेंटल साइंस प्रो। एपी टिक्कू, चीफ प्रोवोस्ट प्रो। आरएस कुशवाहा, हॉस्टल इंचार्ज एवं अन्य संकायों के डीन व विभागाध्यक्ष आदि मौजूद रहे।

अच्छी डॉक्टर बनना है
जब मैं दो साल की थी तब एक डॉक्टर के गलत ट्रीटमेंट की वजह से मेरा एक पैर खराब हो गया था। बड़ी होने पर मैंने अच्छी डॉक्टर बनने का फैसला किया, ताकि अधिक से अधिक लोगों का सफल इलाज और दुख दूर कर सकूं। आगे चलकर मुझे गायनेकोलॉजिस्ट बनना है। मैं परिवार में पहली सदस्य हूं जो डॉक्टर बनने जा रही है। मेरे पैरेंट्स बेहद खुश हैं।
-प्रीति पांडे


पैरेंट्स मेरी प्रेरणा
मेरे फादर फिजीशियन और मदर गायनेकोलॉजिस्ट हैं। उनको देखकर ही बड़ा हुआ हंू। मेरे डॉक्टर बनने की प्रेरणा के पीछे उनका ही हाथ है। केजीएमयू में एडमिशन मिलना मेरी लिए बड़ी बात है। आगे चलकर मुझे डर्मेटोलॉजिस्ट बनना है, क्योंकि इस फील्ड में मेरा इंट्रेस्ट है।
-ध्रुव निगम

बनना है सर्जन
मैं परिवार का पहला सदस्य हूं, जिसने एमबीबीएस में एडमिशन लिया है। जब मैं ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर के पास जाता था, तो उनको देखकर मुझे भी बड़ा होकर डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिलती थी। मुझे लगता था कि मैं समाज के लोगों की मदद कर सकूं। मेरा सपना आगे चलकर सफल सर्जन बनने का है।
-आलोक कुमार यादव

दूसरों की करनी है मदद
मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैंने डॉक्टर बनने का जो सपना देखा था, अब वह सच होने जा रहा है। मेरे पैरेंट्स बेहद खुश हैं कि परिवार का एक सदस्य डॉक्टर बनने की दिशा में आगे जा रहा है। उनकी खुशी मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखती है। डॉक्टर बनकर आपको दूसरों की मदद करने का बेहतर अवसर मिलता है, क्योंकि किसी मरीज को ठीक करना सबसे बड़ी बात होती है। इसी बात से प्रेरणा लेते हुए अपना नया सफर शुरू कर रही हूं।
-सोनाली वैद्य

35 साल बाद दूसरा डॉक्टर
मेरे फादर डॉ। आर्दश एम्स में हैं। उन्होंने भी केजीएमयू से ही अपनी पढ़ाई पूरी की थी, इसलिए यहां पढऩे को लेकर मैं भी उत्साहित हूं। करीब 35 साल के बाद परिवार का दूसरा सदस्य डॉक्टर बनने जा रहा है। मैं भी अपने फादर की तरह एक सफल डॉक्टर बनना चाहती हूं। मैं आगे चलकर न्यूरोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहती हूं।
-वैष्णवी जायसवाल