लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी का कैसरबाग बस स्टेशन परिवहन निगम अधिकारियों के तमाम दावों के बावजूद यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। आलम यह कि यहां जगह-जगह गंदगी और अतिक्रमण नजर आता है, जिसकी वजह से आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मॉनसून की बारिश के बीच हालात और भी ज्यादा भयावह हो गए हैं। बड़े अधिकारियों संग कर्मचारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

अतिक्रमण से जाम की समस्या

कैसरबाग बस स्टेशन राजधानी को प्रदेश के कई जिलों से जोड़ता है। यहां से रोजाना 1170 बसों का संचालन होता है, जिनमें 30 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। इस बस अड्डे से सीतापुर, हरदोई, बहराइच, गोंडा, गोरखपुर आदि शहरों के लिए बसें चलती हैं। यहां अतिक्रमण और ई-रिक्शा, टैंपो चालकों की अराजकता के चलते अक्सर ट्रैफिक जाम रहता है। परिवहन निगम की बसें भी अव्यवस्थित तरीके से सड़क पर खड़ी रहती हैैं, जिसके कारण यात्रियों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पर इसके बावजूद स्थिति कंट्रोल करने के लिए यहां कोई ट्रैफिक कर्मी जहमत उठाता नजर नहीं आता।

बस स्टेशन में अव्यवस्था का बोलबाला

बस स्टेशन का भी बुरा हाल है। बसों की सही जानकारी के लिए डिजिटल इनफार्मेशन बोर्ड कई जगह लगे तो हैं, लेकिन सभी बंद पड़े हैं। वहीं, कई जगह से तो ये गायब भी हो गए हैं, जिससे यात्रियों को बसों की सही जानकारी नहीं मिल पाती। इतना ही नहीं, अधिक यात्री लोड के बावजूद उनके बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। कैसरबाग बस स्टेशन के कर्मचारी तो एसी में बैठे रहते है। परंतु यात्रियों के लिए ढंग से बैठने की भी व्यवस्था नहीं है। वेटिंग एरिया सेंट्रली एसी वाला होने के बावजूद ठंडा नहीं रहता, क्योंकि सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम खराब पड़ा है। कई जगह से शीशे की दीवार तक टूटी हुई है। ऐसे में यात्री गर्मी और उमस के बीच बैठने को मजबूर हैं। टिकट काउंटर से भी कर्मचारी गायब थे, जिसकी वजह से कई यात्री टिकट बनवाने के लिए इंतजार में खड़े रहे। कई यात्री शिकायत के लिए एआरएम के पास भी गये, लेकिन पता चला कि वह वहां नहीं थे, जिसके बाद वे निराश होकर चले गये।

साफ-सफाई का बुरा हाल

अधिकारियों के सख्त आदेश हैं कि बस स्टेशन पर साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। पर सफाई कर्मचारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जगह-जगह कूड़ा पड़ा नजर आया तो कहीं पानी भरा हुआ था। स्टेशन के अंदर घुसते ही गुटखे के खाली पैकेट, खाली बोतलें, दीवारों पर थूकने के दाग, गड्ढ़ों में भरा पानी, बदबू करते खुले डस्टबिन, आवारा जानवर, निर्माण सामग्री, प्रचार की होर्डिंग दिखाई पड़ते हैं। हालांकि, बस स्टेशन पर फैलने वाली गंदगी के लिए यात्रियों की लापरवाही भी एक बड़ी वजह है। स्टेशन के अंदर ही अवैध तरीके से गुटखा, तंबाकू भी बिकता नजर आया, जिसपर रोक लगानी चाहिए, बस अड्डे के अंदर भी दुकानें बनी हुई हैं, लेकिन अधिकतर खाली हैं और उन्हें स्टोर रूम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। बस स्टेशन की बाउंड्री से लगी अवैध दुकानों ने भी सड़क पर कब्जा कर रखा है।

अवैध वाहनों से भरी पड़ी है पार्किंग

बस स्टेशन में भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था है पर अवैध वाहनों का कब्जा होने के कारण स्थिति बहुत बुरी है। यहां पर ऑटो-टैंपो अवैध तरीके से रहते हैं। पार्किंग के अंदर जलभराव, एंट्रेंस पर चाय का ठेला, लकड़ी वगैरह रखी नजर आई। पार्किंग के अंदर कई बड़े वाहन न जाने कबसे खड़े हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक है।

हरदोई की ओर जाना है। काफी समय से भटक रहा हूं। पर कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

- इरशाद, यात्री

मुझे महमूदाबाद जाना है। पर कहां से बस मिलेगी, यह कोई नहीं बता रहा। काफी परेशानी हो रही है।

-दिलशाद, यात्री

अगर व्यवस्था में कोई दिक्कत है तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा। यात्रियों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।

-अजीत सिंह, प्रवक्ता, परिवहन निगम