लखनऊ (ब्यूरो)। शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इसके तहत 31 जनवरी तक शहर के सभी ई-रिक्शा चालकों को पुलिस से अपना वेरिफिकेशन कराना होगा। पुलिस का दावा था कि 1 से 10 जनवरी तक थानों में निशुल्क फॉर्म दिया जाएगा, जिसे चालक भरकर शहर के किसी भी थाने में जमा कर सकेंगे, लेकिन यह दावा पूरा होता दिख नहीं रहा है।

अभी तक नहीं बांटे गए फॉर्म

ई-रिक्शा चालकों को मिलने वाले वेरिफिकेशन फॉर्म का वितरण अधिकतर थानों में शुरू ही नहीं किया गया है, जबकि यह सुविधा शुरू किए 5 दिन गुजर चुके हैं। डीसीपी ट्रैफिक हृदेश कुमार ने बताया कि इस काम की जिम्मेदारी थाना पुलिस को दी गई है। थाना पुलिस अपने स्तर पर काम कर रही है, जबकि कई थानों में अभी यह सुविधा नहीं है। 10 जनवरी तक फॉर्म वितरण का समय है, तब तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।

48 हजार से अधिक ई-रिक्शा

दरअसल, बीते 30 दिसंबर को लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने बताया था कि शहर में जाम लगने के तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं। इसमें सबसे पहले ई-रिक्शा, स्ट्रीट वेंडर्स और फिर शहर के बीच होकर गुजरने वाली रोडवेज बसें हैं। आंकड़े बताते हैं कि शहर में सबसे अधिक करीब 48 से 50 हजार ई-रिक्शा बेलगाम हर जगह दौड़ते हैं, जिससे जाम लगने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए इन ई-रिक्शा चालकों को अब अपने चिन्हित जोन में ही रिक्शा चलाना होगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के अलावा थाना पुलिसकर्मी अपने-अपने एरिया में चालकों को फॉर्म देंगे, जिसे भरकर अपने नजदीकी थाने में जमा करना होगा।

नये सिस्टम को चालक भी कर रहे दरकिनार

इस व्यवस्था के लागू होने पर ई-रिक्शा चालकों में भी रोष है। उनका कहना है कि अगर यह व्यवस्था शुरू होती है तो उनका रोजगार खत्म हो जाएगा। पहले कहीं भी जा सकते थे, लेकिन अब सीमित जगहों पर रिक्शा चलाने से सवारियां नहीं मिलेंगी। चालक बबलू कुमार ने बताया कि अभी तक उनको इस व्यवस्था के बारे में किसी ने कुछ बताया ही नहीं है। पुलिस जब बोलेगी, तब देखेंगे।