- वीसी ने कहा, ऑर्डिनेंस में संशोधन कर लिया जाएगा एक्शन

- जांच में दो कर्मचारियों के शामिल होने पर हो चुकी है पुष्टि

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में चल रहे मार्कशीट्स के फर्जीवाड़े के मामले में शामिल कर्मचारियों पर यूनिवर्सिटी ने कार्रवाई का मन बना लिया है। यूनिवर्सिटी खुद अपने ऑर्डिनेंस के तहत ऐसे कर्मचारियों पर एक्शन लेगा। यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रो। एसबी निमसे ने अधिकारियों को ऑर्डिनेंस देखकर नियम तैयार करने का आदेश दिया है।

पंजाब पुलिस और चंडीगड़ विजलेंस कर रही जांच

लखनऊ यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट्स के जांच के मामले में पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ विजलेंस टीम अलग-अगल यूनिवर्सिटी में छापा मार चुकी है। पंजाब पुलिस हाईकोर्ट के ऑर्डर पर सहवाल गुप्ता की फर्जी मार्कशीट की जांच के लिए यूनिवर्सिटी आई थी। इस दौरान जांच में पंजाब पुलिस ने यूनिवर्सिटी के सभी रिकॉर्ड और शिया पीजी कॉलेज के रिकॉर्ड की छानबीन की थी, मगर उसके हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा। लेकिन जांच में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है, जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी माना है।

पिछले वीक की थी छापेमारी

वहीं चंडीगढ़ विजलेंस की टीम 9 नवंबर 2011 को 15 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 में मुकदमा रजिस्टर्ड किया था। मामला लॉ की जाली मार्कशीट से जुड़ा था। फर्जी मार्कशीट्स पर कई लोगों ने एलएलबी की डिग्री लेकर वकालत भी शुरू कर दी थी। इस मामले का संज्ञान आने के बाद इनकी वेरीफिकेशन में यह फर्जी पाए गए। इस मामले की जांच के लिए विजलेंस की टीम ने पिछले वीक छापेमारी की थी।

दोषियों पर होगी कार्रवाई

वीसी प्रो। एसबी निमसे ने कहा है कि सहवाल गुप्ता फर्जी मार्कशीट मामले में शामिल दो कर्मचारियों पर सबसे पहले यूनिवर्सिटी कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई करने के लिए यूनिवर्सिटी के ऑर्डिनेंस को देखा जा रहा है। उसी के आधार पर इन दोनों कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर हमारे ऑर्डिनेंस में इसकी कोई व्यवस्था नहीं होगी तो हम इसमें संशोधन कर कार्रवाई करेंगे।